7 Types of Companies in India in Hindi, Types of Companies under Companies Act 2013 ,कंपनी अधिनियम 2013, Company Act 2013 in hindi,types of companies in indian law in hindi pdf, types of companies in indian law in hindi wikipedia, download types of companies in indian law in hindi ppt ,types of companies in indian law in hindi, Types and Classification of Company Under Companies Act, Companies Act, 2013 – India Code, @vakilsearch, @leagalwiz, @taxguru
हेलो दोस्तों , आज कल इंडिया में Startup का जमाना है। बहुत से स्टार्टअप आ रहे है । बहुत से successfull भी हो रहे है । जिसके चले नौजवानो के मन में भी बहुत बार सवाल आता है के हम भी आपने Business open करे ? पर कोई भी ऐसा काम करने के लिए आपको company bnana hota है ? अगर कंपनी बना रहे है तो रजिस्टर करना भी जरूरी हो जाता है । पर पर किसी कंपनी को रजिस्टर करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए के कौन से काम के लिए कौन सी कंपनी बनती है । जा फिर आप जो company register krna chahte है वह किस केटेगरी में आती है । 7 Types of Companies in India in Hindi आदि के बारे में इस आर्टिकल में पूरी जानकारी देने जा रहे है ।
इस प्रकार की स्वामित्व वाली कम्पनियां में, एक व्यक्ति पूरे company का मालिक होता है। इस प्रकार के Proprietorship Company में कोई और भागीदार नहीं होता । किसी एक व्यक्ति के नाम में यह कंपनी रजिस्टर होती है । इस प्रकार की कंपनी निचे दिए तीनो तरिके से किसी एक तरिके से रजिस्टर कर सकते है :-
यह One Person Company Act 2013 में introduced किया गया था। यदि Owner औऱ Promoter एक ही है तो Company register करने के लिए यह एक अच्छा option है | OPC से उसका काम और Corporate framework का भाग बनने में मदद करती है |
जब किसी कंपनी में एक से ज्यादा दो या अधिक पार्टनर होते हो तो इसको Partnership Company कहा जाता है ।
Private limited company में 2 या अधिक से अधिक 15 पार्टनर्स हो सकते है । जिसने Company Directors कहते है । यदि Share Holders की बात करें तो कम से कम 2 और अधिक से अधिक 200 share holders हो सकते हैं।
एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में कम से कम 7 शेयरधारक और कम से कम 3 निदेशक होना आवश्यक है। इसके एक अलग क़ानूनी अस्तित्व होता है और इसमें सभी members की libility केवल उनके share जितनी ही होती है।
Limited Liability Partnership (LLP) उद्यमियों के बीच संगठन का एक पसंदीदा रूप बन गया है क्योंकि यह साझेदारी फर्म और कंपनी दोनों के लाभों को एक ही संगठन में शामिल करता है। लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) की अवधारणा को भारत में 2008 में पेश किया गया था। एलएलपी में पार्टनरशिप फर्म और कंपनी दोनों की विशेषताएं होती हैं। The Limited liability Partnership Act, 2008 भारत में एलएलपी को नियंत्रित करता है।
Co-operative society को हिन्दी में सहकारी समिति कहा जाता है। सहकारी समितियां State Co-operative society act 2002 के तहत राज्य सहकारी प्रशासन के साथ पंजीकृत होती हैं। इस प्रकार के संगठन में कम से कम 10 सदस्य हो सकते हैं।
Business structure | Company Act | Ownership | Liability |
---|---|---|---|
Sole proprietorship | MSME or GST | एक व्यक्ति | असीमित व्यक्तिगत दायित्व |
One Person Company | One Person Company Act 2013 | एक व्यक्ति | केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी |
Partnerships | Indian Partnership Act 1932 | दो या दो से अधिक लोग | असीमित व्यक्तिगत दायित्व जब तक कि एक सीमित भागीदारी के रूप में संरचित न हो |
Private Company | Companies Act 1956 | 2 या अधिक से अधिक 15 पार्टनर्स | सभी कंपनी डायरेक्टर्स |
Public Company | Companies Act 1956 | कम से कम 7 शेयरधारक और कम से कम 3 निदेशक | किसी भी प्रशासनिक नियुक्तियों और नियमित बैठकों के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक |
Limited liability company (LLC) | The Limited liability Partnership Act, 2008 | एक या एक से अधिक लोग | मालिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं हैं |
Corporation – C | State Co-operative society act 2002 | एक या एक से अधिक लोग | मालिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं हैं |
आप व्यवसायों को तीन बुनियादी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं: Service companies, retailers, and manufacturers। चूंकि कंपनियां अपने ग्राहकों को कई अलग-अलग सेवाएं और उत्पाद प्रदान करती हैं, इसलिए कुछ कंपनियां इनमें से एक से अधिक श्रेणियों में फिट होती हैं।
1. Sole Proprietorship
2. One-Person Companies
3. Partnership
4. Limited Liability Partnership
5. Private Limited Companies
6. Public Limited Companies
7. Co-operative society
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
Small And Midsize Business (SMB)
सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली विशेषता कर्मचारियों की संख्या है, छोटे व्यवसायों को आमतौर पर 100 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों के रूप में परिभाषित किया जाता है; मध्यम आकार के उद्यम वे संगठन हैं जिनमें 100 से 999 कर्मचारी होते हैं।
एक Startup or Start-up एक उद्यमी द्वारा एक स्केलेबल बिजनेस मॉडल की तलाश, विकास और सत्यापन के लिए शुरू की गई एक कंपनी या परियोजना है।
इस साल स्टॉक की 30% की वृद्धि ने इसके मार्केट कैप में $659.8 बिलियन जोड़ा। लगभग 400 बिलियन डॉलर के साथ Apple दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको 7 Types of Companies in India in Hindi , कौन सा बिज़नेस किस केटेगरी के अंडर आता है । कौन सी कंपनी रजिस्टर करने के लिए कौन सा कानून है ? कौन कौन सी प्रकार की Company होती है ? types of companies in india with examples आदि के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमरे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है। धन्यावाद।
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