क्या है इस पोस्ट में ?
Apply Court Marriage in Hindi :- भारत में अलग अलग धर्मो , कास्ट के लोग रहते है , सभी की अपनी रीति-रिवाजों अलग अलग है । वहां शादी भी अलग-अलग रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों के अनुसार होती है। लेकिन कोर्ट में शादी भारत में पारंपरिक शादियों से काफी अलग है। इसके इलावा बहुत बार किसी के परिवार वाले शादी के रजामंद नहीं होते , जिसके कारण लड़का लड़की को अपनी मर्जी से शादी नहीं करने देते । इसके कारण घर से भाग के शादी करने को कोशिश करते है । तो इसके लिए Court Marriage करनी पड़ती है ।
Court Marriage Kaise kare
अगर लड़का लड़की नाबालिग है और अपनी मर्जी से एक दूसरे से शादी कर रहे है तो भारत का सविधान इसकी मानयता देता है । पर इसके लिए आपको Court marriage register करना पड़ता है । Court Marriage kya hai hindi में ? court marriage process in hindi ? court marriage age boy and girl , कोर्ट मैरिज कितने दिन में रजिस्टर होता है ? Court Marriage पक्का कितने दिन में होता है ? इसके बारे में पूरी चर्चा हम इस आर्टिकल में देने जा रहे है ? Court marriage complete knowledge के लिए शुरू से लेकर अंत तक पढ़े ।
love marriage karne ke liye kya kya document chahiye, love marriage form , love marriage kaise kare, ove marriage in court process in hindi, love marriage me kya kya lagta hai, love marriage act and Rules in hindi जैसे हजारो सवाल आपके मन में होंगे । आपके इन्ही सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में देने जा रहे है ।
Court Marriage Kya Hota Hai ? (Court Marriage in Hindi)
आम तौर पर लोग शादी आपने धर्म या Community के रीती रिवाज के अनुसार करते है । भारत में कोर्ट मैरिज पारंपरिक शादियों से बहुत अलग है। न्यायिक विवाह (Court Marriage) बिना किसी पारंपरिक समारोह के विवाह अधिकारी के समक्ष अदालत में होते हैं। सभी न्यायिक विवाह निजी विवाह अधिनियम (The Special Marriage Act ) के तहत संपन्न होते हैं। न्यायिक विवाह किसी भी धर्म, संप्रदाय या संप्रदाय के पुरुष और वयस्क महिला के बीच हो सकता है। एक विदेशी और एक भारतीय के बीच न्यायिक विवाह भी हो सकता है। न्यायिक विवाह में किसी भी प्रकार की धार्मिक प्रथाओं का पालन नहीं किया जाता है। ऐसा करने के लिए, दोनों पक्षों को सीधे विवाह रजिस्ट्री में जाना होगा।
इस शादी के लिए अगर किसी पक्ष का माँ – बाप या कोई रिश्तेदार सहमत नहीं हो तो भी Court Marriage उस युगल को Court Vivah करने के लिए अनुमति देता है ।
कोर्ट मैरिज के नियम ( Court marriage rules)
- शादी करने वाले लड़का-लड़की दोनों में से किसी की भी पहले से कोई शादी नहीं होनी चाहिए।
- अगर पहले से शादी हुई थी और जीवन साथी मृत है तो साबित करने के लिए Death Certificate देना होगा ।
- इसी तरह अगर पहली शादी के जीवन साथी से तलाक हुआ है तो वो भी दिखाना पड़ता है ।
- कोर्ट मैरिज की दूसरी शर्त यह है की दोनों पक्ष वैद्य सहमति देने के लिए सक्षम होने चाहिए। दोनों पक्षों को स्वेइच्छा से शादी में शामिल होना चाहिए।
- शादी करने वाले लड़का लड़की की मानसिक स्थिति स्वस्थ होना चाहिए ।
- कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़के की आयु 21 और दुल्हन की आयु 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
- युवक-, युवती दोनों ही शारीरिक रूप से संतानोत्पत्ति के योग्य हों।
- हिन्दू मैरिज करने वालो के लिए यह भी आवश्यक है के वह निषिद्ध संबंधों की सीमा से बाहर हो ।
- मतलब के आपस में खून जनि भाई – बहिन जैसा कोई रिस्ता नहीं होना चाहिए ।हालाँकि किसी एक पक्ष के धर्म की परम्पराओं में इसकी अनुमति हो तो यह शादी मान्य होगा।
कोर्ट मैरिज करने के लिए युवक और युवती की आयु कितनी होनी चाहिए? Court marriage age
Court Marriage करना चाहते है तो इस स्थिति में युवती की आयु 18 वर्ष और युवक की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। वैसे देखा जाए तो सभी जाट , धर्मो के लिए Indian Law me Court Marriage Girl Age 18 एंड Boy Age for Court Marriage 21 Year है।
Documents required for court marriage
अगर कोई जोड़ा कोर्ट में शादी करना चाहता है तो लड़के और लड़की दोनों का मौजूद होना अनिवार्या है । इसके साथ ही लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए। Court Marriage करने के लिए आपको आपने अपने 3-3 डाक्यूमेंट्स देने होंगे । आपको निम्नलिखत डाक्यूमेंट्स कोर्ट मैरिज के लिए चाइए :-
- वर और वधू के चार पासपोर्ट साइज फोटो।
- पते और पहचान का प्रमाण। आधार Card
- उम्र के प्रमाण के रूप में जन्म प्रमाण पत्र या 10वीं की मार्क शीट ।
- हलफनामा कि आप में से कोई भी किसी भी अवैध संबंध में शामिल नहीं है।
- तलाकशुदा के मामले में तलाक का आदेश और विधवा के मामले में पूर्व पति का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- गवाहों की फोटो और पैन आईडी।
- पहचान के लिए ड्राइवर का लाइसेंस या आधार कार्ड जैसे दस्तावेज।
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कोर्ट मैरिज के लिए गवाह ( Court Marriage’s Witness )
Court marriage register करने के लिए आपको गवाह की भी जरूरत होती है। इसके लिए आप 2-3 गवाहों के साथ-साथ उनके Proof Documents जैसे निवास कार्ड , पैन कार्ड , आधार कार्ड होना चाहिए।
कई लोग तो घरवालों के खिलाफ कोर्ट मैरिज भी करवा लेते हैं, ऐसे में घर का कोई भी उनका गवाह नहीं होता है। तो अब इन जोड़ों को क्या करना चाहिए? तो इसका सीधा सा जवाब है कि न्यायिक विवाह में कोई भी गवाही दे सकता है, चाहे वह आपका दोस्त हो या कोई रिश्तेदार कोई भी हो सकता है । लेकिन दोनों गवाह बालिक होने अनिवार्य हैं।
Court Marriage Process in Hindi – Apply Court Marriage in Hindi
हाँ जी, Court marriage करने में वैसे तो एक दिन लगता है । पर Court Marriage पक्का होने में 30 दिन लगते है । तो Court Marriage Process step by step क्या है , इसकी डिटेल निचे है । जैसे के बहुत से बाई लोग पूछते है के How to do court marriage without informing parents matlab मतलब के घर वालो को inform किये बिना शादी कैसे करे। देखे अगर आप court marriage process पूरा फॉलो करते है तो आपके लिए ही आगे जाकर बेहतर रहेगा। है अगर आप court marriage rules fallow नहीं करेंगे तो आपके लिए आगे जाकर घर वालो से बच के जो court marriage करने का तरीका भरी पड़ने वाला है।
पहला स्टेप रजिस्ट्रार ऑफिस जा के आवेदन करना ( File Application For Court Marriage )
- कोर्ट मैरिज करने के लिए आपको पहले जिला विवाह अधिकारी को सूचित करना होगा, यह कोर्ट मैरिज एप्लीकेशन लिखत में दोनों लड़का लड़की की तरफ से लिखा जाना चाइये ।
- यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि युवक-युवती जिस जिले में शादी करना चाहती रहे हैं, वहां वह 30 दिन से अधिक निवास कर चुके हों।
- Court Marriage Apply करने के लिए आपको ऊपर बताए डॉक्यूमेंट साथ में आत्ताच करने है,आयु का प्रमाण पत्र और निवास का प्रमाण पत्र संलग्न किया जाना चाहिए।
- आपके साथ आपके गवाह भी होने चाहिए ।Apply Court Marriage in Hindi
दूसरा स्टेप कोर्ट मैरिज नोटिस ( Court Marriage Notice Period )
- जिस मैरिज अधिकारी के पास अपने कोर्ट मैरिज रजिस्टर के लिए आवेदन किया है . वही शादी का नोटिस निकलता है ।Notice Apply Court Marriage in Hindi
- यह कोर्ट मैरिज नोटिस वह के कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगता है।
- इसके इलावा स्थानीय अख़बार में भी कोर्ट मर्राई नोटिस छापा जाता है।
- नोटिस की एक प्रति कार्यालय में एक निजी स्थान पर पोस्ट की जाती है और दूसरी प्रति कार्यालय में पोस्ट की जाती है जहां दोनों पक्ष स्थायी रूप से रहते हैं।
- हाँ आपके घर वालो को इसक कोई नोटिस अलग से नहीं जाता है।
तीसरा स्टेप कोर्ट मैरिज पर आपत्ति ( Objection on Court Marriage )
- अधिनियम की धारा 4 में सूचीबद्ध अध्याय 2 के आधार पर कोई भी व्यक्ति संबंधित जिले में वैवाहिक प्राधिकरण को विवाह के लिए आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसकी प्रमाणिकता की जाँच मैरिज अधिकारी दुवारा की जाती है।Objection at Apply Court Marriage in Hindi
- आपत्ति दर्ज करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर वैध अधिकृत व्यक्ति द्वारा जांच की आवश्यकता होती है। यदि आपत्तियां वैध हो जाती हैं तो विवाह एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाता है ।
- अगर आपत्ति आती है तो शादी करने वाला जोड़ा 30 दिनों के भीतर अपील दायर कर सकता है।
- विवाह अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आपके स्थानीय जिला न्यायालय में अपील दायर की जा सकती है।
- अगर इन ३० दिनों में कोई आपत्ति नहीं आता है तो कोर्ट मैरिज कम्पलीट माना जाएगा।
Download Court marriage Application Form
वैसे तो आपको आपने जिल कोर्ट या आपके वकील के पास से Special Marriage Act Application Form मिल जाता है । पर हमने आपको सहायता के लिए यह पर भी Court marriage Application Form PDF download करने के लिए दिया है । आप निचे दिए बुत्तोंपर क्लिक करके Court marriage form download कर सकते है ।
Download Special Court marriage Application Form
चौथा स्टेप विवाह अदिकारी दुवारा मंजूरी ( Approval of Court Marriage )
- 30 दिनों भीतर अगर कोई आपत्ति नहीं है या आपत्ति नामंजूर हो तो दोनों पक्षों को डिस्ट्रिक्ट मैरिज ऑफिस जाना होता है .
- अनुच्छेद 12 के अनुसार आपको मैरिज ऑफिस या किसी पास के स्थान में मैरिज अफसर और गवाहों के सामने शादी की आम रश्म को पूरा करना होता है । इसके लिए आपको निर्धारित शुल्क भी जमा करना होगा।
- दोनों पक्ष और तीन गवाह विवाह अधिकारी के समक्ष घोषणा पर हस्ताक्षर करेंगे। विवाह अधिकारी भी कोर्ट मैरिज मंजूरी के लिए आपने दस्तखत करता है .
- घोषणा का प्रारूप अधिनियम के अनुसूची 3 में प्रदान किया गया है।
- मैरिज अधिकारी की मंजूरी के बाद आपकी कोर्ट मैरिज मंजूर माना जाता है ।
अंतिम स्टेप कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट ( Court Marriage Certificate )
कोर्ट के मैरिज रूल्स के मुताबिक शादी पूरी होने के बाद रजिस्ट्रार सारी डिटेल्स भरकर मैरिज सर्टिफिकेट ( Court Marriage Certificate ) जारी करता है।इस मैरिज सर्टिफिकेट पर दोनों पक्षों और तीन गवाहों के हस्ताक्षर होंगे। यह सर्टिफिकेट कोर्ट में शादी का भी निर्णायक सबूत होता है।
इसके अलावा लड़के और लड़की को यह याद रखना चाहिए कि अगर शादी का नोटिस प्रकाशित होने के 3 महीने के भीतर शादी नहीं होती है, तो उसे शादी के लिए फिर से नोटिस जमा करना होगा।

कोर्ट में शादी कैसे होती हैं? Process of Apply Court Marriage in Hindi
न्यायिक विवाह से पहले, दूल्हा, दुल्हन और गवाहों को रजिस्ट्रार के समक्ष एक घोषणा पर हस्ताक्षर करना चाहिए, जिसमें यह लिखा हो कि यह विवाह बिना किसी मजबूरी के अपनी मर्जी से होता है।
क्या आपको कोर्ट में शादी करने के लिए पैसे मिलते हैं?
इस प्रक्रिया के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरी जाति के व्यक्ति की किसी दलित से शादी करता है तो सरकार नवविवाहित जोड़े को 2.5 हजार रुपये देती है। नवविवाहितों में से एक दलित समुदाय से होना चाहिए, जबकि दूसरा दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए। यह वित्तीय सहायता अंबेडकर की अंतर्जातीय विवाह के माध्यम से सामाजिक एकीकरण की योजना है। विवाह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। नवविवाहितों को इस आशय का एक हलफनामा देना आवश्यक है।
कोर्ट मैरिज फीस और खर्चा ( Court Marriage Fees & expense)
इस विवाह पंजीकरण की फीस जगह-जगह अलग-अलग होती है। तकनीकी रूप से फीस 1,000 रुपये से कम है। इसके इलवाऔपचारिकताएं, कागजी कार्रवाई आदि पूरी करने में अपनी सहायता के लिए एक वकील ढूंढ सकते हैं। जो आपसे 5-10 हजार का फीस चार्ज करते है । Total Fees and other Expenses for Apply Court Marriage in Hindi
- गर्भ का पहला हफ्ता | Pregnancy 1st Week | Pregnancy week 1 Symptoms
- गर्भ का दूसरा हफ्ता | Pregnancy 2nd Week | Pregnancy Week 2 Symptoms
- गर्भ का तीसरा हफ्ता | Pregnancy 3rd Week | Pregnancy Week 3 Symptoms
- गर्भ का चौथा हफ्ता | Pregnancy 4th Week | Pregnancy 4 Weeks Symptoms in Hindi
- गर्भ का पांचवा हफ्ता | Pregnancy 5th Week | Pregnancy Week 5 Symptoms
धयान रखे कोर्ट मैरिज के बाद तलाक नहीं (Divorce after court marriage )
न्यायिक विवाह के तुरंत बाद तलाक निम्नलिखित कारणों से दायर नहीं किया जा सकता है:-
- विवाह के पहले वर्ष के दौरान तलाक निषिद्ध है। चाहे वह लड़का हो या लड़की, एक साल की समाप्ति से पहले अदालत में तलाक के लिए याचिका दायर नहीं कर सकता।
- लेकिन ऐसे मामलों में जहां अदालत यह निर्धारित करती है कि याचिकाकर्ता गंभीर कठिनाइयां का सामना क्र रहा हो तो ,आप तलाक के आवेदन के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
- अगर आपने गलत तरिके से तलाक के लिए अदालत को गुमराह किया है तो अदालत एक साल की अवधि समाप्त होने के बाद ही प्रभावी होने के लिए धारा 21 के अनुसार आदेश दर्ज कर सकती है।
सवाल / जवाब (FAQ)
कोर्ट मर्रिज में लड़का लड़की पारंपरिक शादी की बजाए Marriage Registrar office जा के मैरिज ऑफिस के सामने क़ानूनी रूप में शादी करते है । इसी को ही Court marriage कहा जाता है ।सभी न्यायिक विवाह निजी विवाह अधिनियम के तहत संपन्न होते हैं। न्यायिक विवाह किसी भी धर्म, संप्रदाय या संप्रदाय के पुरुष और वयस्क महिला के बीच हो सकता है। एक विदेशी और एक भारतीय के बीच न्यायिक विवाह भी हो सकता है।
हर राजय , जिल्हे में अलग अलग चार्जेज है पर फिर भी आपके 1,000 रुपये से कम ही खर्च आता है । अगर आप कागजी कार्रवाई आदि को पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए किसी वकील की हेल्प लेते हो तो वह आपसे 5 से 10 हजार तक की फीस लेता है।
Online Court Marriage करने के लिए कोई अधिकारिक वेबसाइट नहीं है । ऐसा करने के लिए जोड़े को व्यक्तिगत रूप में 3 गवाहों के साथ जिला अदालत में पेश होना होता है।
अदालत में शादी करने के लिए लड़का की आयु 21 वर्ष कम्पलीट और लड़की की आयु 18 वर्ष से ऊपर होना चाइए ।
हाँ , आप दूसरे धर्म या जाती के युवक – युवती से शादी कर सकते हो । NRI या वदेश लोगो के साथ शादी भी इसी The Special Marriage Act के अंतर्गत होती है ।
नहीं , इस Court मैरिज में युवक – युवती की मर्जी होना जरूरी है । बाकि आपके साथ 3 गवाह होने चाहिए । बाकि माता पिता या घर में से किसी की अनुमति होना जरूरी नहीं है ।
Court marriage pakka होने में 30-36 दिन लगते है । इसके लिए आपको पहले निकटतम रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन करना होगा। अगर 30 दिनों के भीतर कोई आपत्ति नहीं आता है तो मैरिज अफसर आपको Court marriage certificate issue कर देता है । जिसके बाद आपकी Court marriage grunted माना जाएगा ।
Love Marriage भी Court Marriage के अंतर्गत आता है । इसक इसके लिए आपको The Special Marriage Act के अंतर्गत मैरिज रजिस्टर करने क लिए अपने नजदीकी Marriage Registrar Office में एप्लीकेशन देना होता है ।
अलग अलग राजय सर्कार आपने राजय में अंतरजातीय विवाह करने के लिए 1-2.5 लाख तक की सहायता राशि देती है। अंतरजातीय विवाह करने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए बिहार सरकार ने प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है। साथ ही भारत सरकार के अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से भी ढाई लाख रुपए दिए जा रहे हैं।
Court marriage करने में वैसे तो एक दिन लगता है । पर Court Marriage पक्का होने में 30 दिन लगते है ।
कोर्ट मैरिज शादी करने के लिए कम से कम 3 गवाह की जरूरत होती है, यह कोई भी आपके दोस्त, परिवार के सदस्य, साथ में काम करने वाले , रिश्तेदार हो सकते हैं|
जी हाँ लेकिन आप कोर्ट मैरिज के बाद एक साल तक तलाक नहीं ले सकते। किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में तलाक लिया जा सकता है।
देश में विवाह का पंजीकरण हिंदू मैरिज एक्ट 1955 या फिर स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत किया जा सकता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते है इस आर्टिकल से आपको Apply Court Marriage in Hindi के बारे में पूरी जानकरी मिल गयी है । Court Marriage Registration Process in hindi ? कोर्ट मैरिज के लिए दस्तावेज। कुल फीस और खर्चा Court marriage करने के लिए ? कितना समय लगता है ? कितने गवाह चाहिए ? Complete Court marriage procedure अदि के बारे में पूरी जानकरी मिल गयी होगी । इसी प्रकार की किसी और जानकरी के साथ अगले आर्टिकल में मिलेंगे ।
धन्यवाद ।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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