क्या है इस पोस्ट में ?
An 94 Astol Riffle in Hindi | रूस में बनी AN-94 असॉल्ट राइफल से हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या | हर मिनट में 600 राउंड AN 94 GUN | An 94 assault rifle in hindi | An 94 Astol Riffle kya hai | An 94 Astol Gun Hindi me | an 94 vs ak47 | Russian Made AN 94 Gun
हेलो दोस्तों, जैसे के आप जानते है हाल में ही पंजाब के मनसा जिले के जवाहरक गांव में रविवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा कि मूसेवाला की हत्या में तीन रूसी AN-94 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया गया था। यह पहली बार है जब AN-94 का इस्तेमाल पंजाब में गैंगवार में किया गया है। सिर्फ दो मिनट में ही सिद्धू मूसेवालापर 30 राउंड गोलियां चलाईं। अब इसके चलते इस AN 94 Assault Rifle क्या है कितनी पावरफुल है? इसकी चर्चा पुरे देश में हो रही है ? क्या यह AK 47 से ज्यादा पावरफुल है । आइए इसके बारे में विस्तार से इस आर्टिकल में जानते है ।
मन जा रहे है के जब हत्यारों के सिंगर मूसेवाले गांव पहुंचने की सूचना मिली, तो वे कथित तौर पर मूसेवाले सिक्योरिटी में तैनात AK-47 से लैस कमांडोज को देखकर वापस लौट आए। बाद में उसने कनाडा में बैठे एक गैंगस्टर गोल्डी बरार की AN-94 राइफल मंगवाया और इस घटना को अंजाम दिया। यह इतना घातक हथियार है कि रूसी सेना इसका इस्तेमाल करती है।
AN 94 Assault Rifle used in Sidhu Moosewala Murder

An 94 Astol Riffle in Hindi, जिससे हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या
- AN-94 राइफल एक रूसी असॉल्ट राइफल है, जो एव्तोमैट निकोनोवा (Avtomat Nikonova) मॉडल 1994 है।
- इसका नाम इसके मुख्य डिजाइनर गेन्नेडी निकोनोवा के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने पूर्व निकोनोव सबमशीन गन को डिजाइन किया था।
- AN-94 पर काम 1980 में शुरू हुआ और 1994 में पूरा हुआ।
- AN-94 को AK-74 राइफल की जगह लेने के लिए बनाया गया था, जिनका इस्तेमाल रूसी सेना कलाश्निकोव राइफल की जगह अब भी कर रही है। AN-94 1997 में रूसी सेना में शामिल की गई थी।
- अपने जटिल डिजाइन और ज्यादा खर्च की वजह से ये AK-74 की जगह लेने में नाकाम रही। हालांकि कुछ विशेष हथियार जरूरतों को पूरा करने में अब भी AN-94 का इस्तेमाल होता है।
AN 94 Automatic Gun Features
- AN-94 दो राउंड बर्स्ट मोड में प्रति मिनट 600 राउंड और फुल ऑटोमैटिक में 1800 राउंड प्रति मिनट फायर कर सकता है।
- इस पिस्तौल से चलाई गई गोलियों की गति 900 मीटर या लगभग 3000 फीट/सेकंड होती है, जबकि AK-47 की गोलियों की गति 715 मीटर या लगभग 2,400 फीट/सेकंड होती है।
- AN-94 असॉल्ट राइफल की रेंज 700 मीटर है, जो AK-47 यानी 350 मीटर की रेंज से लगभग दोगुनी है।
- यह घातक राइफल 30 से 45 राउंड की मैगजीन से लैस है, जो AK-74 में भी पाई जाती है। साथ ही इसमें 60 राउंड वाली मैगजीन भी लगती है।
- एएन-94 असॉल्ट राइफल का वजन 3.85 किलोग्राम है। स्टॉक, यानी बट के साथ लंबाई 37.1 इंच और स्टॉक के बिना 28.7 इंच मापता है।
- इस पिस्टल की बैरल लंबाई 15.9 इंच है। इस राइफल में 5.45 x 39mm के कार्ट्रिज का इस्तेमाल किया गया है।
- AN-94 पूरी तरह से आटोमेटिक राइफल दो स्टेज में संचालित होती है। पहले दो राउंड 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर किए जाते हैं, फिर हैमर यूनिट लो वेलोसिटी मोड में स्विच हो जाती है और बाकी राउंड 600 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर किए जाते हैं।
- इसमें फायरिंग रेट को खुद नहीं सेट किया जाता है, क्योंकि सब कुछ ऑटोमेटिक होता है। जब भी शूटर ट्रिगर दबाता है तो ये पूरा प्रोसेस हर बार रिपीट होता है।
- AN-94 के आंतरिक डिजाइन में खामियां हैं। इसके रखरखाव में भी दिक्कत होती है। इसे बनाना भी AK-74 की तुलना में अधिक महंगा है।

कैसे आते है पंजाब में घातक हथियार
पंजाब में हाल के वर्षों में कई गिरोह सक्रिय हैं, जो सीमा पार से अवैध ड्रग्स और हथियारों की आपूर्ति में लगे हुए हैं। पैसे के अलावा, पाकिस्तान इन गिरोहों को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराकर उनकी मदद भी करता है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान पंजाब में मौजूद गैंग्स के जरिए भारत में खालिस्तान को हवा देने में जुटा है।
पंजाब में गैंगस्टरों की एके-47 राइफल, एएन-94 राइफल और आरपीजी-एआरपीजी जैसे घातक हथियार खरीदने में बड़ी हिस्सेदारी के पीछे पाकिस्तान का बड़ा हाथ है।
पंजाब को विस्फोटक और हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को कथित तौर पर ड्रोन की मदद लेती है। माना जा रहा है कि एक ड्रोन से पाकिस्तान से पंजाब के खेतों में गिरा देता है, जिसे बाद में स्थानीय एजेंट उठाते हैं और आगे के ठिकानों तक पहुंचाते हैं।
इस प्रकार के गैरकानूनी कामो को रोकने में स्टेट और सेंटर सर्कार की ख़ुफ़िया एजेंसीज , BSF आदि वर्षो से नाकाम हो रही है।
सिद्धू मूसेवाला पर चलाई गईं 30 राउंड गोलियां
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सिद्धू अपने दो अन्य दोस्तों गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह के साथ काले रंग की थार में अभी बाहर गया था, जब उसे उसके घर से कुछ दूरी पर मार दिया गया था।
उनके पिता बलकौर सिंह के अनुसार, उनकी गाड़ी के पीछे वह दो सिक्योरिटी गार्ड्स को लेकर एक दूसरी गाड़ी में गए थे, लेकिन सिद्धू की गाड़ी को SUV और एक सेडान कार ने ओवरटेक किया, जिनमें से हर कार में चार-चार हथियारबंद लोग थे। इन दोनों गाड़ियों से उतरे लोगों ने सिद्धू की जीप पर गोलियां की बरसात कर दी और वहां से भाग निकले।
पंजाब पुलिस के मुताबिक, सिद्धूको 30 गोलियां मारी गईं और अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से तीन AN-94 कारतूस मिले हैं।
सिद्धू को चार हथियारबंद सिक्योरिटी गार्ड्स का कवर दिया गया था, और पंजाब सरकार ने हाल ही में उन्हें घटाकर दो कर दिया था। उनके पास Bullet Proof SUV भी थी , लेकिन दुर्घटना के दिन वह THAR Jeep में बिना सुरक्षा गार्ड के बहार निकले निकले थे। जिसका कत्लो ने फ़ायदा उठाया।
कनाडाई गैंगस्टर लकी, जिसे गोल्डी बराड़ के नाम से भी जाना जाता है, ने सिद्धू की हत्या की जिम्मेदारी ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैंगस्टर लॉरेंस ने सलाखों के पीछे से साजिश रची और कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर लकी की मदद से उसे मौत के घाट उतार दिया।
इस हत्या को पुराना झगड़ा बताते हुए पुलिस पिछले साल विक्की मिठुखेड़ा की हत्या की भी जांच कर रही है, जिसमें सिद्धू के मैनेजर छगनप्रीत का नाम सामने आया था. विकी की हत्या के बाद लॉरेंस का गिरोह उसी तरह बदला लेने की धमकी दी थी।
Sidhu Muse Wala Biography in Hindi | Age, Family, Girlfriend, Marriage, Death
AN 94 Riffle Firing Video
सवाल जवाब (FAQ)
रूस की
पहले दो राउंड 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से और फिर हैमर यूनिट लो वेलोसिटी मोड में स्विच हो जाती है और बाकी राउंड 600 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है।
इस पिस्तौल से चलाई गई गोलियों की गति 900 मीटर या लगभग 3000 फीट/सेकंड होती है, जबकि AK-47 की गोलियों की गति 715 मीटर या लगभग 2,400 फीट/सेकंड होती है।
An 94 Astol Riffle
हाँ यह AK 47 से कीमत , लम्बाई , वजन , स्पीड , राउंड फायर में कही ज्यादा पॉवरफुल है ।
निष्कर्ष
हम अस्जा करते है के इस आर्टिकल से आपको Sidhu Moosewala Muder Gun AN 94 के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । यह पर हमने AN 94 Riffle hindi me पूरी जानकरी दी है । आगरा पका की अन्य सवाल या सूजगाव है तो आप निचे केमेन्ट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यावाद। AN-94 पूरी तरह से आटोमेटिक राइफल दो स्टेज में संचालित होती है।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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