Baccha god lene ka trika: दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं दत्तक ग्रहण से संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में बात करेंगे जिसे आम बोलचाल की भाषा में बच्चा गोद लेना कहते हैं और इंग्लिश में Adoption Process कहते हैं ।इसके संबंध में भारत में जागरूकता ना के बराबर है क्या कानूनी प्रावधान है ? बच्चा कैसे गोद लिया जाता है ? किन लोगों को बच्चों को लेने की अनुमति है ?
भारत में इस कानून के प्रचार की आवश्यकता है और बच्चों को अधिक से अधिक गोद लेने की जरूरत है ऐसे बच्चे जो अनाथ हैं या जिनके माता-पिता ने छोड़ दिया है या फिर वह शेल्टर रूम में पड़े हैं उन बच्चों को अपनाने की आवश्यकता है लेकिन कानून की जानकारी के अभाव में लोग यह नहीं कर पाते हैं इसलिए इस कानून की जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है आप किसी बच्चे को गोद लेकर उस बच्चे को अपराधी होने से बचा सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बन सकते हैं।
बहुत सी फैमली ऐसी होती है जिनके घर बच्चा नहीं होता है या किसी कारण से बच्चा नहीं हो पता । ऐसे में कोई भी जोड़ा जिसकी कोई संतान नहीं है वह चाहे तो किसी दूसरे के बच्चे को गोद ले सकता है भारत में बच्चे को गोद लेने के संबंध में कौन से नियमों और कानूनों का पालन करना होता है। baccha god lene ka trika बहुत सरल है अगर आप क़ानूनी करवाई सही से पूरी करते हो ।
“परंतु यह ध्यान रहे कि यदि किसी पुरुष द्वारा किसी बालिका को गोद लिया जा रहा है ।या किसी स्त्री द्वारा किसी बालक को गोद लिया जा रहा है ,तो दोनों के उम्र में 21 साल का अंतर होना चाहिए यानी कोई 25 साल का पुरुष 8 साल की लड़की को गोद नहीं ले सकता है ।क्योंकि इन दोनों की आयु में मात्र 17 वर्ष का अंतर है जबकि यह अंतर 21 साल का होना चाहिए।”
निचे दिए सभी भारत में बच्चा god लेने के लिए पात्र हैं:-
baccha god lene ka trika को दत्तक ग्रहण भी कहते है । इसी को English में Child Adoption Process कहते है ।सबसे पहले हम जान लेते हैं दत्तक ग्रहण या बच्चा गोद लेना क्या होता है दत्तक ग्रहण कई तरीके का होता है जिसमें से हम आपको कुछ महत्वपूर्ण दत्तक ग्रहण के बारे में बताएंगे । जान लेते है के Baccha god lene ka trika कितनी types का होता है :-
इस प्रकार के दत्तक ग्रहण की विशेषता यह है कि जब बच्चा 18 साल का वयस्क युवक बन जाता है तो उसे यह अधिकार होता है कि अपने गोद लेने से संबंधित अभिलेखों को देख सके।
बच्चे की जैविक मां मतलब बच्चे की सगी मां जिस ने बच्चे को जन्म दिया था वह बच्चा गोद देने के बाद भी कभी भी अपने बच्चे से मिल सकती है । लेकिन यह दोनों पार्टियों की सहमति से ही होना संभव है।
गोद लेने की प्रक्रिया में बच्चे की सगी मां संभावित दत्तक माता-पिता से मिलकर पहले ही सारी बात कर सकती है ताकि इस निर्णय पर पहुंच सके कि बच्चा किसे देना है।
बच्चा गोद लेने की यह प्रक्रिया पूरी तरह खुली दत्तक ग्रहण की तरह ही होती है लेकिन इसमें एक अंतर होता है कि बच्चा गोद देने के बाद उसकी सगी मां या मतलब उसकी जैविक मां बच्चे से नहीं मिल सकती है।
हां बच्चा गोद लेने के पहले उसे यह अधिकार है कि दोनों पक्षकार आपस में मिल ले और यह तय कर ले बच्चा किसे दिया जाएगा मतलब जो गोद देने वाली मां है वह तय कर सकती है कि बच्चा किसे दिया जाए लेकिन गोद देने के बाद वह बच्चे से नहीं मिल सकती।
इस baccha god lene ke trike में बच्चा गोद देने वाले माता पिता और लेने वाले माता-पिता के बीच में ना तो गोद लेने से पहले कोई संपर्क होता है। और ना ही लेने के बाद यहां पूरी तरीके से सब कुछ उस एजेंसी के ऊपर निर्भर होता है
बंद दत्तक ग्रहण में मेडिकल रिकॉर्ड जैसी प्रासंगिक जानकारी लेने की अनुमति रहती है।
कभी-कभी दंपत्ति अपने ही परिवार या रिश्तेदार के किसी बच्चे को गोद ले लेते हैं । इस तरह का अंतर परिवार दत्तक ग्रहण किया जा सकता है ।मतलब जब परिवार में ही परिवार का ही कोई सदस्य उसी परिवार के बच्चे को गोद लेता है ।तो इस प्रक्रिया को हम अंतर परिवार दत्तक ग्रहण कहते हैं।
यह infra family child adoption चाहे दोनों परिवारों में अपनी ही फैमली या रिस्तेदारो में हो रहा है । पर फिर भी इसके लिए Child Adoption legal process पूरा करना पड़ता है ।
गोद लेने के इस प्रकार में जैविक माता-पिता और लेने वाले माता-पिता दोनों एक ही देश के नागरिक होते हैं मतलब एकल अभिभावक या शादी शुदा दंपत्ति को बच्चा गोद लेने की इच्छा को एक आवेदन के साथ सरकारी मान्यता प्राप्त एजेंसी के साथ पंजीकृत करवाना पड़ता है एक जांच अधिकारी ऐसे आवेदकों की व्यक्तिगत एवं अन्य जरूरी जानकारी जुटाकर यह प्रमाणित करता है कि आवेदक बच्चा गोद लेने के लिए उपयुक्त है या नहीं।
अगर आप भी किसी बच्चे को गॉड लेना चाहते हो या किसी अनाथ बच्चे को अपने परिवार में शामिल करना चाहते हो तो आपको Baccha god lene ka leagal process पता होना बहुत जरूरी है । इसके लिए आपको निचे बताए स्टेप फॉलो करने होंगे :-
सबसे पहले किसी बच्चे को गोद लेने के लिए आपको SARA या CARA (Child Adoption रिसोर्स Authority ) में रजिस्ट्रेशन कराना होता है । आप दोने में से कहीं पर भी जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन आवश्यक होता है इसके बिना आप किसी बच्चे को गोद नहीं ले सकते।
SARA एक स्टेट लेवल एजेंसी होती है SARA का पूरा नाम स्टेट एडॉप्शन एंड रिसोर्सेज एजेंसी होता है ।और CARA होती है वह सेंट्रल लेवल एजेंसी होती है जिसका पूरा नाम Central adoption and resources agency होता है। यह दोनों संस्था सर्कार दुवारा संचालित है जो के लोगो को बच्चा गोद लेने में हेल्प करती है । Central Adoption Resource Authority By CARA
CARA में बच्चा गोद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करने बाद अआप्को आपने डॉक्यूमेंट अपलोड करने होते है । आपको इसके लिए क्या क्या documents चाहिए इसकी जानकारी हम इसी लेख में आगे दे रहे है ।
बच्चा गोद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको वहां से कॉल किया जाता है और एक जनरल डिस्कशन के लिए बुलाया जाता है जहां पर सोशल वर्कर द्वारा या फिर उनके कर्मचारियों द्वारा आपका स्टेटस चेक किया जाता है कि आप बच्चा क्यों गोद लेना चाहते हैं आपके साथ कौन-कौन सी समस्याएं हैं इत्यादि । इसके लिए baccha god lene wali family के घर में visit किया जाता है ।
वेरिफिकेशन पूरी होने के बाद आपको god lene wale bacche की प्रोफाइल दिखाई जताई है । आपको प्रोफाइल देख के बच्चे का चुनाव करना होता है । इसके बाद आपको बच्चे से मिलाया जाता है ।
इसके बाद आपको वहीं पर सभी बच्चों की मेडिकल रिपोर्ट दिखाई जाती है मेडिकल रिपोर्ट वगैरा देखने के बाद आप उस बच्चे का को गोद ले सकते हैं ।लेकिन ध्यान रहे कि एक बार किसी बच्चे को गोद लेने के बाद आप ना तो उसे छोड़ सकते हैं और ना ही दूसरा बच्चा गोद ले सकते हैं ।
बच्चा गोद लेने का लीगल प्रोसेस के तहत सबसे पहले आपको अपने लॉयर से या वकील से एक फाइल बनानी होती है। उस फाइल को बनवाने के बाद आप Child Adoption legal documents को उस एजेंसी में उस फाइल को सबमिट करते हैं।
इसके बाद जब वह फाइल CARA या SARA से चेक हो जाता है तो फाइल चेक होने के बाद आप किसी बच्चे को जिसको आप लेना चाहते हैं को ट्रायल के रूप में अपने घर ले जा सकते हैं । कि वह आपके घर में कंफर्टेबल है या नहीं फिर उसके बाद उसकी जांच सोशल वर्कर और डॉक्टर द्वारा किया जाता है फिर वह बच्चा आप को गोद दिया जाता है
इसके बाद कोर्ट की प्रोसेस शुरू होती है । यह Child adoption court process कंप्लीट होने के बाद बच्चे को गोद दिया जाता है । यह पूरी तरीके से लीगल हो जाता है जो आखिरी स्टेप और सबसे महत्वपूर्ण है वह फॉलोअप होता है यह फॉलो अप के स्टेप में आपका कोई रोल नहीं होता है इसमें एजेंसी और सोशल वर्कर का रोल होता है जिन्होंने आपसे पहले बातचीत की थी वह आपसे बच्चे के बारे में बात करते हैं उनका प्रॉपर पालन पोषण हो रहा है कि नहीं यह लगभग दो सालों तक प्रोसेस चलता रहता है और क्या बच्चे के साथ किसी प्रकार का अभद्रता या उसको परेशान तो नहीं किया जा रहा या फिर बच्चे की मृत्यु तो नहीं हो गई है आधी जानकारियों के लिए फॉलोअप स्टेप एजेंसी द्वारा किया जाता है।
यदि किसी कारणवश बच्चे की पेरेंट्स की जिन्होंने गोद लिया था उनकी मृत्यु हो जाती है तो बच्चे को वापस पूरे लीगल प्रोसेस के तहत सेंटर में लाने की जिम्मेदारी उन एनजीओ और सोशल वर्कर की होती है
अगर हम baccha god lene ke lie documents की बात करें तो आपको 1-2 नहीं कई डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ते है । जो के नीचे बताए अनुसार है :-
फैमली फोटो :- पहला डॉक्यूमेंट जो होता है वह फोटो ऑफ फैमिली मतलब आपको पूरी फैमिली की एक फोटो देनी होती है जिसकी मदद से आपकी फैमिली के बारे में भी वेरीफिकेशन किया जाता है जैसे कि आपकी फैमिली में कितने लोग हैं और किस बच्चे को गोद लेना चाहते हैं।
पैन कार्ड :- आपको अपना पैन कार्ड देना होता है अगर आप अपना पैन कार्ड वहां पर दे रहे हैं तो इससे आपकी फाइनेंसियल पोजीशन क्लियर हो जाती है आप कितना टैक्स भर रहे हैं और आपकी आमदनी कितनी है इसके लिए आपको अपना पैन कार्ड सबमिट करना होता है।
Address Proof :- आपको अपने स्थाई निवास का प्रमाण देना होता है कि आप कहां रह रहे हैं और किस स्थिति में रह रहे हैं क्योंकि यह बच्चा गोद लेने के लिए बहुत जरूरी होता है आपके घर की स्थिति और आपकी फाइनेंसियल स्थिति देखने के बाद ही आपको बच्चा गोद दिया जाता है इसलिए आपको उन डाक्यूमेंट्स में proof of residence लगाना होता है।
आय का प्रमाण – आपको अपना इनकम के बारे में बताना होता है कि आपने पिछले 2 सालों में कितना पैसा कमाया है एजेंसी का एक परमानेंट क्राइटेरिया होता है अगर आप उसके क्राइटेरिया में आ रहे हैं तो आपको बच्चा गोद लेने की अनुमति दी जाती है इसलिए यह रिपोर्ट भी आपको लगानी होती है कि आपका इनकम कितना है। इसके लिए आप Salary Slip, सरकार विभाग द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र, आयकर रिटर्न कुछ भी दे सकते हो ।
मेडिकल रिपोर्ट्स – बच्चा गोद लेने के लिए आपको मेडिकल रिपोर्ट्स लगानी होती हैं जैसे कि आपको कोई भी गंभीर बीमारी तो नहीं है जिससे कि आपकी जल्दी मृत्यु हो सके और फिर वह बच्चा मुश्किल में आ जाए इसलिए इस स्थिति को जानने के लिए पेरेंट्स की मेडिकल रिपोर्ट मांगी जाती है।
रिफरेंस लेटर – आपको एक रेफरेंस लेटर की जरूरत होती है यह जो एजेंसी जहां पर अब रजिस्ट्रेशन कराएंगे उसके बाद आपको बच्चा गोद लेना है उसके लिए आपको एक एजेंसी में जाना होगा वहां से आपको एक रिफरेंस लेटर दिया जाता है उस रेफरेंस लेटर को आपको यहां पर सबमिट करना होता है।
शादी का प्रमाण पत्र:- अगर आप शादीशुदा हो तो अप्पको अपने marriage certificate कॉपी देना होता है ।
Divorce सर्टिफिकेट :- अगर आपका तलाक हो चूका हो तो आपको पर्सनल लॉ द्वारा जारी Divorce certificate या न्यायालय द्वारा जारी फैसला की कॉपी देना होता है ।
मृत्यु प्रमाण पत्र :- अगर आपके जीवन साथी जी मृत्यु हो गयी है तो आपको पति या पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना होता है ।
दत्तक परिवार में बड़े बच्चे की आयु 5 वर्ष से अधिक के हैं तो उनके सहमति होना बहुत जरूरी है ।
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धारा 7 और धारा 8 के अनुसार किसी भी पुरुष या स्त्री द्वारा बच्चे को गोद लिया जा सकता है इसके लिए शर्त यह है कि यदि पुरुष द्वारा दत्तक ग्रहण किया जा रहा है तो वह पुरुष मानसिक रूप से स्वस्थ हो और वयस्क हो । Baccha god lene ka trika सभी के लिए लगभग same ही है ।
यदि वह पुरुष विवाहित है और उसकी पत्नी जीवित है तो वह अपनी पत्नी के सहमति के बिना किसी भी बच्चे को गोद नहीं ले सकता है । इसी प्रकार कोई हिंदू स्त्री जो मानसिक रूप से अस्वस्थ ना हो और व्यस्त ना हो और अविवाहित हो वह पुत्र या पुत्री को गोद ले सकती है विवाहित महिला को उस स्थिति में गोद ले सकती है।
तलाक होने या पति की मृत्यु हो चुकी हो या फिर पति ने सन्यास ग्रहण कर लिया हो अथवा पति ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो या न्यायालय ने उसे पागल घोषित कर दिया हूं इस प्रकार हम देखते हैं कि हिंदू पुरुष और स्त्री द्वारा गोद ले जाया जा सकता है ।
परंतु यह ध्यान रहे कि यदि किसी पुरुष द्वारा किसी बालिका को गोद लिया जा रहा है या किसी स्त्री द्वारा किसी बालक को गोद लिया जा रहा है तो दोनों के उम्र में 21 साल का अंतर होना चाहिए यानी कोई 25 साल का पुरुष 8 साल की लड़की को गोद नहीं ले सकता है क्योंकि इन दोनों की आयु में मात्र 17 वर्ष का अंतर है जबकि यह अंतर 21 साल का होना चाहिए।
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किसी बच्चे को उसके पिता या संरक्षक के सिवाय कोई अन्य व्यक्ति गोद नहीं दे सकता है यदि पिता द्वारा गोद दिया जाना हो तो तो वह बच्चे की माता के सहमति के बिना वोट नहीं दे सकता है।Baccha god lene ka trika आपको लीगल तरीके इ फॉलो करना पड़ता है।
धारा 10 में उस बच्चे के संबंध में बताया गया है जिसे गोद दिया जाना है ।गोद दिया जाने वाला व्यक्ति हिंदू होना चाहिए वह पहले से गोद लिया हुआ नहीं होना चाहिए और वह बच्चा और विवाहित नहीं होना चाहिए। शिवाय ऐसी दशा में जहां प्रथा द्वारा विवाहित व्यक्ति का गोद लिया जाना मान्य हो ऐसे बच्चे को 15 वर्ष की आयु से कम आयु का होना चाहिएं ।यदि पुत्र को गोद लेना है तो गोद लेने वाले पिता या माता का कोई हिंदू पुत्र या पुत्र का पुत्र या पुत्र के पुत्र का पुत्र दत्तक ग्रहण के समय जीवित नहीं होना चाहिए। यानी गोद लिये जाते समय पुत्र पौत्र या प्रपौत्र जीवित नहीं होना चाहिए तभी किसी दूसरे को गोद लिया जा सकता है ।इन सभी के होते हुए किसी पुत्र को गोद नहीं लिया जा सकता इसी प्रकार यदि दत्तक ग्रहण किसी पुत्री का होना है तो गोद लेने वाले माता या पिता की कोई भी हिंदू पुत्र की पुत्री या पुत्र के पुत्र की पुत्री जीवित नहीं होनी चाहिए ।एक ही बालक को दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा गोद नहीं लिया जा सकता है।Baccha god lene ka trika
दत्तक ग्रहण का परिणाम क्या होता है इस संबंध में धारा 12 में प्रावधान दिए गए हैं ,इसके अनुसार दत्तक ग्रहण के तारीख से बच्चे का अपने पिता के साथ या परिवार के साथ समस्त संबंध टूट जाते हैं ।और उनका स्थान उस परिवार से जुड़ जाता है जो उसे गोद लेता है सिवाय इसके कि वह बालक किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकेगा ।जिससे कि वह अपने जन्म के परिवार में ही बना रहा होता तो वह विवाह ना कर सकता इसी तरह जो संपत्ति लालच में गोद ले जाने के पहले नहीं सो गई थी ।वह निहित बनी रहेगी परंतु सत्य है कि ऐसी संपत्ति के आधारों के अधीन देते हुए वह संपत्ति नहीं तो बनी रहेगी एक बात गोद लेने की प्रक्रिया नियंता पूरी हो जाती है तो फिर उसे आप खंडित नहीं किया जा सकता।
हाँ, कोई भी मैरिड या unmarried बच्चे को लीगल तरिके से गोद ले सकता है ।
कोई भी married couple बच्चा गोद लेने के लिए अप्लाई कर सकता है । पर शर्त यह है के शादी को 2 वर्ष काम से काम पुरे हो चुके हो ।
है कोई भी Gay या Labesian भी बच्चा गोद ले सकते है । पर single parent के रूप में न के जोड़े के रूप में ।
CARA child adoption rule के मुताबिक आगरा आपके 3 से काम बच्चे हो तो आप न्य बच्चा गोद ले सकते है ।
अगर आप unmarried या अकेले या तलाकशुदा पुरुष हैं, तो आप लड़की को गोद नहीं ले सकते। पर महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है।
हाँ जी।
हाँ जी , Legal child Adopt करने पर आप आपने god lie bacche को आपने suname दे सकते है ।
बच्चा गोद लेने की प्रथा शादियों पुरानी है। आधुनिक child adoption rules संयुक्त राज्य अमेरिका में 1850 के दशक में देखा जा सकता है, मैसाचुसेट्स में पहला “आधुनिक” गोद लेने वाला कानून पारित होने के साथ, जिसने गोद लेने को एक सामाजिक और कानूनी प्रक्रिया के रूप में मान्यता दी गयी ।
हाँ, Child adoption each other कर सकते है । बाद में कोई दिक्कत न हो इस लिए दोनों कोई भी बच्चा गोद लेने के लिए child adoption act के तहत registration करना पड़ेगा ।
नहीं इसमें कोई बुराई नहीं है । आप समाज के लिए योगदान दे रहे है । आप अपनी मर्जी से Eunuch child adopt कर सकते है ।
हम आशा करते है के आपको इस आर्टिकल से बच्चा गोद कैसे ले ? baccha god lene का लीगल process क्या है ? बच्चा गोद कौन ले सकता है ? Baccha Adoption types , Baccha god lene ka trika अदि की पूरी जानकारी मिल गयी होगी । इसी प्रकार की किसी और जानकारी के साथ अगले आर्टिकल में मिलेंगे । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते हो । ज्यादा जानकारी के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे ।
धन्यवाद ।
सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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