दोस्तों हम सभी लोग अपने जीवन में अधिक से अधिक मेहनत और परिश्रम के द्वारा पैसे कमाते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमारे घर में ऐसा काम आया था है जिसे करने के लिए हमें अधिक पैसे की आवश्यकता होती है और ऐसे में हम पैसे बैंक से लोन के तौर पर लेते हैं ताकि हम अपना काम पूरा कर सकें I आपने जो पैसे हमने बैंक से लोन के तौर पर लिया है I उसे हम हर महीने धीरे-धीरे चुकाते हैं I लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमारे जीवन में ऐसी परिस्थिति आ जाती हैं कि हम बैंक के लिए उनको चुका पाने में अक्षम हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में अगर आप बैंक के लोन नहीं देते हैं तो क्या हो सकता है अनेक लोगों के मन में यह सवाल आता होगा loan na chukane par kya hoga अगर आप भी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े –
अगर कर्ज नहीं चुकाया या डिफॉल्टर घोषित किया गया तो क्या कोई बड़ी आफत है? यह पूरी तरह से कर्ज लेने वाले पर निर्भर करता है। अगर आप Loan defaulter के कायदे नियम जानते है तो आपके लिए यह आसान होने वाला है । वे बताते हैं कि वे अभी पैसे क्यों नहीं चुका सकते हैं और वे भविष्य में उधार लिए गए पैसे को चुकाने का इरादा रखते हैं। दोष होने पर दो कठिनाइयाँ होती हैं। सबसे पहले, credit score negetive होगा। जब आप ऋण के लिए आवेदन करते या चूका नहीं पाते हैं तो आपके क्रेडिट के बारे में सभी जानकारी सिबिल को भेज दी जाती है। इससे कर्ज लेने में दिक्कत होगी। यदि आपने किसी संपत्ति को ऋण के लिए गिरवी रखा है, तो बैंक उसे ले सकता है। बाद में इसकी नीलामी भी की जा सकती है।
बैंक से लोन लेते हैं और लोन क नहीं pay हैं तो ऐसी स्थिति में बैंक आपको Loan defaulter भेजेगा और इस बात की सूचना देगा।कि आप apni Loan installment बकाया राशि को क्लियर करें नहीं ।तो आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, आपके पास भी इस प्रकार का नोटिस आता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है ।आपके पास 90 दिन की मोहलत होती है कि नोटिस का आप जवाब दें और अपने बकाया राशि को चुकता करें I इसके बाद भी अगर आप बैंक के लोन को नहीं छुपाते हैं ,तो बैंक आपको डिफॉल्टर कोशिश कर देगा जिससे आप भविष्य में कभी भी दूसरे बैंक और वित्तीय संस्थानों से लोन नहीं ले पाएंगे I
अगर आप बैंक से लोन लेते हैं और अगर आप उसे निश्चित अवधि के अंदर नहीं चुकाते हैं तो बैंक के पास अधिकार होते हैं कि आपके द्वारा जमा किए गए सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट जैसे जमीन के कागज या प्रॉपर्टी को बैंक नीलाम कर कर अपने पैसे वसूल कर सकता है ऐसी स्थिति में अगर आपने बैंक से लोन लिया है और आप की प्रॉपर्टी की कीमत पर लोन से कम है तो बाकी पैसा बैंक को चुकाना पड़ता है जो कि बैंक के लिए नुकसान का सौदा साबित होता है इसके विपरीत अगर आपके प्रॉपर्टी की कीमत आपके द्वारा ली गई लोन की राशि से अधिक है तो ऐसी स्थिति में आप को बैंक पैसे प्रदान करेगा इस बात की जानकारी होना हम सब के लिए आवश्यक है I
Bank Loan na chukane par kya hoga ? Loan na चुका पाने की स्थिति में bank आपके ऊपर सीधे करवाई नहीं करता है I बल्कि आपको बैंक नोटिस भेजेगा और जल्द आपको बकाया राशि चुकाने के लिए कहेगा ,अगर इसके बाद भी आप बैंक के पैसे नहीं pay करते हैं तो आपको बैंक की तरफ से फोन या मेल आएगा ।जहां आपको बैंक की शाखा में आने के लिए कहा जाएगा इसके बाद आप बैंक में जाएंगे और वहां के Manger उससे बात करेंगे जिसके बाद आपको बैंक की तरफ से लोन सेटेलमेंट करने के लिए कहा जाएगा I इसमें आपको एक निश्चित राशि देकर आप अपनी लोन की राशि का भुगतान कर पाएंगे I
अगर आप bank के साथ Loan settelment करके Loan Settelment amount की राशि की चुकता क्र देते है तो आपका Loan clear हो सकता है । धयान रखे अगर आप बैंक के साथ Loan Settelment क्र रहे है तो आपको Loan clear करके बैंक मैनेजर से Loan clear डाक्यूमेंट्स जरूर ले ।
Loan na chukane par कई बार ऐसी स्थिति भी आ जाती है कि जब आर्थिक स्थिति बिगड़ती है तो कर्जदार समय पर ब्याज नहीं दे पाता है। यह ब्याज राशि को मूल राशि से अधिक बनाता है। ऐसे में कर्जदार कर्ज नहीं चुका सकता। इसमें बैंक डिफरेंट ग्रांट के साथ वन टाइम सेटलमेंट की पेशकश करते हैं। ऐसे में बैंक इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स या एनपीए में डाल देते हैं। इसमें कर्ज लेने वाले को दिवालिया घोषित किया जाता है, जिसे कर्ज चुकाने में असमर्थ माना जाता है।
इससे बचने के लिए बैंक एक बार में छोटी-छोटी रकम देकर व्यक्ति को कर्ज से बाहर निकलने का मौका देता है। बैंकों को अधिकांश मूलधन और ब्याज को छोड़ने के रूप में देखा जाता है और एकमुश्त की पेशकश की जाती है। इसका लाभ उठाया जा सकता है, लेकिन क्रेडिट स्कोर रद्द कर दिया जाएगा और भविष्य में किसी भी प्रकार का ऋण प्राप्त करना मुश्किल होगा।
लोन ना चुकाने के स्थिति में आपके ऊपर एंड में किस प्रकार के चीजों का प्रभाव पड़ता है, जिनका विवरण में आपको नीचे बिंदु अनुसार दूंगा जो इस प्रकार है-
कोई भी व्यक्ति बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन के पैसे लेता है और उसे सही वक्त पर नहीं चुकाते है। तो ऐसी स्थिति में आपके क्रेडिट स्कोर को बैंक या वित्तीय संस्थान जो कंपनी या संस्था क्रेडिट स्कोर को मेंटेन करती है। उसे आप के डाटा को भेज देती है जिसके बाद आप का क्रेडिट स्कोर खराब जाता है और ऐसी स्थिति में अगर आप कहीं से भी लोन लेने के लिए जाएंगे तो आपको लोन नहीं मिलेगा ।इसलिए आप हमेशा इस बात का ध्यान दें कि अगर आप लोन नहीं चुकाते हैं ।तो आपकी क्रेडिट स्कोर खराब हो सकती है और आपातकाल के स्थिति में आपको कहीं से भी लोन प्राप्त नहीं होगा
दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं, कि आज की तारीख में हम सभी लोग ऑनलाइन अनेकों प्रकार की चीजों को खरीदते हैं ।और उसके लिए हमें पेमेंट पर भी ऑनलाइन करना पड़ता है या अगर आपके पास पैसे नहीं है तो आप आसानी से ऑनलाइन कोई भी चीज EMI के तौर पर आप ले सकते हैं ।लेकिन अगर ऐसे में अगर आप ने कहीं से लोन लिया है और आपने उस लोन को नहीं छुपाया है, तो आप ऑनलाइन किसी भी चीज को EMI के द्वारा नहीं कर सकते हैं ।इस प्रकार आप ऑनलाइन किसी प्रकार की शॉपिंग नहीं कर पाएंगे अगर आप लोन की राशि बैंक को नहीं देते हैं तो.
यदि आप लोन चुकाने की हालत में नहीं हैं, तो अपने देनदार कर्ज से संपर्क करें।बैंक को बताएं कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ और सभी लोन समय पर चुकाते रहे हैं। इसे साबित करने के लिए सभी दस्तावेज दे। यदि जरूरी हो, तो अपने निवेशों के कागजों को गिरवी के रूप में बैंक को दे दें। बैंक को बताएं कि अगले 3-6 महीनों में इनकम की स्थिति में कैसे सुधार हो सकता है।
तीन महीने की छूट अवधि के लिए बैंक से पूछकर अपने लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करें, या अगर ज्यादा पैसा चुकाने में असमर्थ हैं, तो कर्ज की अवधि बढ़ाएं। अगर आपने फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प चुना होता, तो ब्याज दरों में वृद्धि ने आपके लोन की अवधि को बढ़ा दिया होगा। यदि आप ब्याज दरों में और वृद्धि नहीं कर सकते हैं, तो एक निश्चित दर पर लोन पेमेंट की अवधि चुनें।
हो सकता आप कभी bank loan defaulter हो जाते है तो किसी बैंक यह हक नहीं के आपको परेशान करे। हाँ जिसने Bank Lona diya hai वह तो मांगेगा ही । पर Loan की राशि मांगने का तरीका है । तो आपको भी Loan defaulter rights है जिसके बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है :-
लेनदार के खाते को तब नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में डाला जाता है जब 90 दिनों तक वह बैंक को किस्त का भुगतान नहीं करता है। इस तरह के मामले में कर्ज देने वाले को डिफॉल्टर को 60 दिन का नोटिस जारी करना पड़ता है।
इसके इलावा यदि Loan defaulter 90 दिनों के नोटिस अवधि के भीतर चुकाने में असमर्थ है, तो बैंक संपत्ति की बिक्री के लिए आगे जा सकता है । हालांकि, संपत्ति को बेचने के लिए बैंक को एक और 30 दिन पहले सार्वजनिक नोटिस जारी करना आवश्यक है। इसमें सेल की डिटेल देनी होगी।
संपत्ति की बिक्री से पहले, बैंक / वित्तीय संस्थान को संपत्ति के उचित मूल्य का संकेत देते हुए एक नोटिस जारी करना चाहिए। आपको रिजर्व प्राइस, तारीख और नीलामी समय का भी उल्लेख करना चाहिए।
उचित मूल्य बैंक के मूल्यांककों द्वारा निर्धारित किया जाता है। यदि उधारकर्ता को लगता है कि संपत्ति की कीमत कम बनी हुई है, तो वह नीलामी को चुनौती दे सकता है। इस मामले में, उधारकर्ता को एक नया खरीदार खोजने का अधिकार है। आप नए खरीदार को बैंक से मिलवा सकते हैं।
भले ही संपत्ति का अधिग्रहण किया गया हो, नीलामी प्रक्रिया की निगरानी की जानी चाहिए। अगर आपकी Property की नीलामी आपके लोन अमाउंट से ज्यादा बनती है तो बाकि के पैसे बैंक को वापिस करना होगा ।
ऋणदाता आपके ऋण को भुनाने के लिए अधिग्रहण एजेंटों की सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन वे अपनी सीमा से आगे नहीं जा सकते। ये बाहरी एजेंट क्लाइंट से मिल सकते हैं। लेकिन उन्हें ग्राहकों को धमकाने या जबरदस्ती करने का कोई अधिकार नहीं है।
Loan recovery agents ग्राहक के घर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच जा सकते हैं. हालांकि, वे ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकते। यदि ऐसा बुरा व्यवहार होता है तो ग्राहक बैंक में शिकायत दर्ज करा सकता है। अगर बैंक से कोई खबर नहीं है, तो आप बैंक लोकपाल के दरवाजे पर जा सकते हैं।
बैंक से ऋण लेने पर भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 के तहत बैंक और ऋण लेने वाले के बीच एक समझौता होता है, जिसके तहत उधारकर्ता निर्धारित शर्तों के अनुसार निश्चित किश्तों में ऋण चुकाता है। अन्यथा, ऋण खाता अनियमित हो जाता है और बैंक को बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है।
लेकिन अगर कोई अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं कर सकता है, तो क्या वह जेल भी जा सकता है? यदि ग्राहक लगातार छह महीनों तक क्रेडिट कार्ड कंपनी को न्यूनतम राशि का भुगतान करने में असमर्थ है, तो उसे अपराधियों की सूची में रखा जाएगा और उसका क्रेडिट कार्ड खाता तुरंत निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
यदि किसी उधारकर्ता का ऋण NPA घोषित किया जाता है, तो ऐसे उधारकर्ताओं के लिए सिबिल रेटिंग भ्रष्ट है। एक खराब CIBIL रेटिंग बहुत हानिकारक है क्योंकि इन ग्राहकों को भविष्य में किसी भी बैंक से किसी भी प्रकार का ऋण प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो सकता है।
90 दिन का
30 दिन पहले
हम आशा करते है इस आर्टिकल से आपको Loan na dene पर kya hota है ? Loan defaulter hone पर क्या करे ? बैंक से Loan Settelment kaise kre ? loan defaulter rights क्या क्या है ? bank loan notice कब और कितने दिन का देता है ? Loan recovery agents आने पर आपके rights क्या क्या है । bank loan security property सेल कर सकता है क्या ? अदि प्रकार के सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा । आप आपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट क्र सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे।
धन्यावाद।
सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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