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मूर्ख होना अलग बात है व समझा जाना अलग | Being stupid is one thing and being understood is another

लड़का बोला, ‘जिस दिन मैंने सोने का सिक्का उठा लिया उस दिन से यह खेल बंद हो जाएगा। वो मुझे मूर्ख समझकर मजा लेते हैं तो लेने दें, यदि मैं बुद्धिमानी दिखाऊंगा तो कुछ नहीं मिलेगा। आपका बेटा हूं, अक्ल से काम लेता हूं।

Hindi Story

एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली थी। एक बार वहां के राजा ने उसे चर्चा पर बुलाया। काफी देर चर्चा के बाद राजा ने कहा, ‘महाशय, आप बहुत बड़े विद्वान हैं, पर आपका लड़का इतना मूर्ख क्यों है? उसे भी कुछ सिखाएं।’
ब्राह्मण हैरान हुआ। उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से राजा की ओर देखा, तो राजा ने कहा, ‘आपके बेटे को तो सोने और चांदी में क्या अधिक मूल्यवान है यह भी नहीं पता।’ यह कहकर राजा जोर से हंस पड़ा। ब्राह्मण को बुरा लगा। वह घर गया व लड़के से पूछा, ‘सोने व चांदी में अधिक मूल्यवान क्या है?’
‘सोना,’ बिना एक पल भी गंवाए उसके लड़के ने कहा।
‘तुम्हारा उत्तर तो ठीक है, फिर राजा ने ऐसा क्यों कहा? सभी के बीच मेरी खिल्ली भी उड़ाई।’
लड़के की समझ में आ गया। वह बोला, ‘राजा कभी-कभी गांव के पास एक खुला दरबार लगाते हैं, जिसमें सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल होते हैं। यह दरबार मेरे विद्यालय जाने के मार्ग में ही पड़ता है। मुझे देखते ही बुलवा लेते हैं। फिर अपने एक हाथ में सोने का व दूसरे में चांदी का सिक्का रखकर, जो अधिक मूल्यवान है वह ले लेने को कहते हैं…और मैं चांदी का सिक्का ले लेता हूं। सभी ठहाका लगाकर हंसते हैं व मज़ाक़ बनाते हैं। ऐसा तक़रीबन हर दूसरे सप्ताह होता है।

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ब्राह्मण ने बेटे से पूरी बात सुनने के बाद थोड़ा रोष प्रकट करते हुए कहा, ‘फिर तुम सोने का सिक्का क्यों नहीं उठाते, चार लोगों के बीच अपनी फजीहत कराते हो व साथ में मेरी भी।लड़का हंसा व हाथ पकड़कर पिता को घर के भीतर ले गया। अलमारी का कपाट खोलकर उसने एक पेटी निकालकर पिता को दिखाई जो चांदी के सिक्कों से भरी हुई थी। यह देख ब्राह्मण हतप्रभ रह गया। लड़का बोला, ‘जिस दिन मैंने सोने का सिक्का उठा लिया उस दिन से यह खेल बंद हो जाएगा। वो मुझे मूर्ख समझकर मजा लेते हैं तो लेने दें, यदि मैं बुद्धिमानी दिखाऊंगा तो कुछ नहीं मिलेगा। आपका बेटा हूं, अक्ल से काम लेता हूं।
मूर्ख होना अलग बात है व समझा जाना अलग। एक बार का और तुरंत का फ़ायदा देखने के बजाय समझदार लोग लगातार और लंबे लाभ का विकल्प चुनते हैं, क्योंकि वे दूर की सोचते हैं।

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