Carry bag charges legal or not :- हेलो दोस्तों , शॉपिंग करना किसे पसंद नहीं है । पर अगर आपको अपनी शॉपिंग किये गए चीज़े लेकर जाने के लिए किसी Carry Bag की जरूरत हो तो आपको पैसे देने पड़ते है । वही अगर आप किसी लोकल वेंडर से कोई सब्जी या कुछ खरीदते है तो आपको कोई Carry Bag charges नहीं देना पड़ता । ऐसा क्यों ।।। हाँ यह Carry bag charges legal or not in hindi के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे । के क्या कोई mall या showroom wala Carry bag charges ले सकता है या नहीं । Carry Bag Law क्या कहता है इस Carry Bag charges ke bare में । तो Carry bag charges legal hai ya nhi के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़े ।
कोर्ट ने कहा कि अगर आप कैरी बैग का चार्ज ले रहे हैं तो फिर उस पर अपना विज्ञापन क्यों करते हैं इस तरह आप फायदा भी ले रहे हैं तथा ग्राहक से कैरी बैग का चार्ज भी ले रहे हैं कोर्ट के आदेश अनुसार किसी भी प्रिंटेड बैग जिस पर विज्ञापन हो इस तरह के बैग का चार्ज नहीं लिया जा सकता एक बार फिर से दोहरा दें कोर्ट ने बिल्कुल भी नहीं कहा कि कैरी बैग फ्री रहेगा कोर्ट ने यह कहा कि जिस बैग पर कंपनी का प्रचार है उसका चार्ज नहीं लिया जा सकता
Supreme Court on Carry Bag Charges
आप कुछ भी कपडे या समान खरीदो पहले तो सभी दुकानदार Carry Bag free में देते थे लेकिन अब ज्यादातर दुकानदार , खास करके मॉल वाले carry bag ke paise लेते है । लेकिन अब क्यों नहीं देती?
दुकानदारों का तर्क होता है कि कपड़े के बैग प्लास्टिक बैग की मुकाबले में महंगे होते हैं, इसलिए वह ये बैग फ्री नहीं दे सकते। ग्राहकों का तर्क होता है कि जो दुकान सामान बेच रही है, उसे ले जाने के लिए थैला भी दुकान को ही देना चाहिए। उपभोक्ता फोरम में सेल्स ऑफ गुड्स एक्ट 1930 के मुताबिक सामान को डिलीवर करने की स्थिति में दुकानदार की जिमेवारी होती है । इसलिए दुकारदार को carry bag free में देना चाहिए ।
कुछ लोगों का तर्क है कि जब कोई कंपनी Carry bag पर खुद का विज्ञापन करती है, तो वह क्लाइंट से पैसे क्यों लेती है? और इसके इलवा अगर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग रूल्स, 2011 के मुताबिक carry बैग चार्जेज लें सही है तो फिर बिग बाजार और डोमिनोज पर consumer court में केस क्यों ?यहां सबसे महत्वपूर्ण सवाल उठता है: आखिर कौन सही है?
हाँ जी , बड़े बड़े मॉल में भरी भरकम डिस्काउंट 50%, 70% डिस्काउंट के ऑफर लगते है । लोग Discount offer के लिए शॉपिंग करने जाते है । पर आपको बहुत बार शॉपिंग करने पर carry bag ke charges देने पड़ते है । पर ऐसा क्यों ।
वास्तव में, बाटा, रिलायंस ट्रेंड्स पैंटालून्स डी मार्ट जैसे सभी ऑर्गेनाइज्ड रिटेल के अंतर्गत आते है । जो के सारे पर्यावरण और वन मंत्रालय के अंतर्गत भी आते है । जिसके चलते यह प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग रूल्स, 2011 को भी फॉलो करते है ।
पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के अनुसार, 4 फरवरी 2011 से, ग्राहक से छोटे पेपर बैग के लिए 3 रुपए, मध्यम आकार के पेपर बैग के लिए 5 रुपए और बड़े आकार के पेपर बैग के लिए 7 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। इस Carry Bag Charges का इरादा कागज के उपयोग को कम से कम करने का है ताकि लोग आपने साथ कैर्री बैग लेकर जाने की आदत डाल ले । इसलिए ये कंपनियां Carry Bag charges लेती है । यह आपने carry बैग लेकर जाना bring your own bag अच्छी आदत भी है , जिसको फॉलो करके हम आपने पर्यावरण की हेल्प भी कर सकते है ।
सामान को रखने के लिए कैरी बैग खरीदने के लिए 3 रुपये से 15 रुपये के बीच कहीं भी भुगतान कर रहे हैं।
जैसा कि मैंने ऊपर पढ़ा, पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के अनुसार, सामान शुल्क एकत्र किया जा रहा है लेकिन छोटे और मध्यम व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है क्योंकि इनमे से ज्यादातर लिस्टेड नहीं होते । पॉलीथिन पर प्रतिबंध के कारण, फल और सब्जी के डीलर या छोटे व्यापारी ग्राहकों को प्लास्टिक की थैलियों में उत्पाद पहुंचाते हैं क्योंकि वे छोटे डीलर हैं, क्योके एडमिनिस्ट्रेशन बी इनको सख्ती में ढील दे रहा है। और बहुत से लोग चलते चलते रेहड़ी से समान खरीदते है और आपने साथ carry bag लेकर जाना जरूरी नहीं समझते और दुकानदार आपने customer बनाने के लिए Free Carry Bag देते है ।
अगर यह ग्राहक अपने हाथ में सामान नहीं ले जा सकता है, तो व्यापारी को उसे एक हैंडबैग देना होगा। इसको लेकर कई राज्य उपभोक्ता मंचों में शिकायतें आईं। जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने ट्रांसपोर्ट बैग से पैसे लेने पर दुकान या व्यापारी पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया। अब नए कानून में इस संबंध में कड़े प्रावधान किए गए हैं।
बहुत से दुकानदार , मॉल वाले कैर्री बैग पर किसी ब्रांड या आपने विज्ञापन देते है । जो के एक तरिके से Advertisement Law के अंतरगत आता है । पर अगर किसी Carry Bag पर ब्रांड लोगो या कोई promotion जैसा कुछ हो तो कोई भी दुकानदार आपसे carry bag charges nhi le सकता । इस प्रकार का Brand promotion carry bag free of cost होगा । अगर कोई दुकानदार , मॉल इस प्रकार के Brand Logo Carry bag charges लेता है तो आप Consumer court me case file कर सकते है ।
15 रुपये प्रति बैग, जो 5 रुपये भी नहीं है और दुकान पूरे दिन में 100 ऐसे बैग बेचती है। यानी 1,500 रुपये का एक बैग यानि 1,000 रुपये का सीधा लाभ। आखिर किन व्यवसायों को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा? इसलिए रिटेलर्स अपना रेवेन्यू मॉडल बनाते हैं। अब नियमों को देखते हुए खुदरा विक्रेता कागज और कपड़े के थैले भी बेचते हैं। इतना ही नहीं, ये रिटेलर्स भी इन बैग्स पर अपने ब्रांड का प्रमोशन कर रहे हैं। खुदरा विक्रेता बेतरतीब ढंग से कपड़े के थैले बेचते हैं, लेकिन उपभोक्ता मंच द्वारा कई खुदरा विक्रेताओं पर एक-एक करके जुर्माना लगाया गया है। ठीक है, हालांकि खुदरा विक्रेताओं ने बैग बेचने को अपने व्यवसाय मॉडल का हिस्सा बना लिया है, लेकिन यह पूरी तरह से अवैध है।
अभी हाल में ही उपभोगता फोरम ने सेक्टर-48 निवासी भावना गुप्ता, सेक्टर-47 निवासी चेतन गोयल और मोहाली निवासी तनू मलिक के शिकायत करने पर बिग बाजार के ऊपर 15 हजार का जुरमाना लगाया है । इसके साथ ही 100-100 रुपए के मुआवजे के साथ साथ 1100 रुपए केस खर्च के रूप में देने को कहा है । ममम्ला यह था के बिग बाजार ने 18 रुपए में कैर्री बैग दिया था , जबकि बिल काउंटर पर ग्राहकों ने कहा था कि कैरी बैग के पैसे लेना गैर कानूनी है।
कुछ दिन पहले कंज्यूमर फोरम ने डोमिनोज पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। फोरम ने दो ग्राहकों को अपने कैरी-ऑन बैग के लिए एकत्र किए गए 14-14 रुपये वापस करने का भी आदेश दिया। उन्होंने 1,500 रुपये का मुआवजा भी मांगा और हमने उन्हें बताया कि फरवरी 2019 में कंपनी पर ले जाने के मामले के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया था, जिसके खिलाफ कंपनी ने एरिया फोरम में शिकायत दर्ज की थी।
“केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के मौजूदा सरकारी आदेशों के अनुसार, खुदरा विक्रेता अपनी कंपनी के लोगो का उपयोग किए बिना प्लास्टिक कैरी बैग के लिए शुल्क ले सकते हैं (मतलब वे सादे कैरी बैग बेचेंगे)। कैरी बैग के साथ यदि कोई बेचा जाता है तो कंपनी का लोगो होता है, जिसकी मुफ्त में पूर्ति करना होगा ।
जिस कैर्री बैग पर कोई ब्रांड लोगो नहीं छपा होता । उस carry bag ke charges ले सकते है ।
हाँ , Big Bazzar carry bag charges ले सकता है 12-18 रुपए ले सकता है । पर अगर उस पर कोई ब्रांड लोगो नहीं है ।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको प्लास्टिक लिफाफे के पैसा ले सकते है या नहीं ? Carry bag charges legal hai ya nhi ? क्या को मॉल या दुकानदार carry bag ke paise le sakte hai ? carry bag charge law india ? latest carry bag charges case अदि के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । इसके साथ ही हमने Brand logo carry bag charges legal or not के बारे में बताया है । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे ।
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