क्या है इस पोस्ट में ?
Talaq ke new rules in Hindi | तलाक के नये नियम 2022 | तलाक के नये नियम क्या है 2022 हिन्दू | तलाक के नये नियम 2022 Muslim | एकतरफा तलाक कैसे लिया जाता है? Divorce New Rules in Hindi | Divorce Process in Hindi | Talaq ke new rules in Hindi 2022
हेलो दोस्तों , जैसा कि आप लोग जानते हैं कि आज के तारीख में शादी का बंधन काफी पवित्र बंधन माना जाता है। लेकिन जिस प्रकार आज की तारीख में पति-पत्नी के बीच में मनमुटाव और टकराव जैसी स्थिति का निर्माण हो गया है। ऐसे में बात तलाक तक पहुंच जाती है अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि तलाक होता कैसा है? तलाक लेने के नियम क्या है उसकी प्रक्रिया क्या है? आवेदन कैसे करेंगे, उसके लिए कौन-कौन से कानून डॉक्यूमेंट आपको कोर्ट में प्रस्तुत करने होंगे उसके बाद ही आप तलाक ले सकते हैं। अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आगे तक पढ़े आइए जाने-
तलाक कैसे होता ? Talaq Kya hota hai
धर्म में शादी को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल आएगा हिंदू धर्म में तलाक कैसे होता है तो मैं आपको बता दूं कि हिंदू धर्म के अधिनियम 1955 के धारा 13 के अंतर्गत कोई भी पति पत्नी है कानूनी रूप से एक दूसरे से अलग हो सकता है। के लिए उन्हें कोर्ट के अंदर तलाक लेने के लिए अर्जी डालना पड़ता है।
तलाक कितने प्रकार का होता है – Talaq ke new rules in Hindi 2022
भारत में तलाक दो तरीके से होता है पहला आपसी समिति के द्वारा और दूसरा अगर कोई दूसरा पक्ष कोर्ट में अर्जी डालता है कि उसे अपने साथी के साथ नहीं रहना चाहता और वह उससे तलाक लेना चाहता है। तो वैसी स्थिति में तलाक की प्रक्रिया आरंभ हो जाती है। पहली प्रक्रिया तो काफी आसान होती है क्योंकि इसमें आपसी सहमति से आसानी से कोर्ट के अंदर कुछ दिनों के भीतर ही तलाक हो जाता है।
दूसरी प्रक्रिया काफी जटिल मानी जाती है क्योंकि इसके अंतर्गत जिस party ने कोर्ट में तलाक लेने के लिए अर्जी डाली। लेकिन दूसरा पक्ष तलाक नहीं चाहता है तो ऐसी स्थिति में तलाक लेने में काफी समस्या आती है। और जब तक दोनों तरफ से आपसी सहमति नहीं हो जाती है तब तक कोर्ट भी तलाक को अप्रूवल नहीं देगा। आपको तलाक लेने में काफी समय लग सकता है। ऐसे में अगर आपको इस प्रक्रिया में तलाक लेना है तो आपको कोर्ट के सामने ऐसे सबूत पेश करने होंगे। जिससे यह बात साबित हो सके कि आपका पार्टनर आपके साथ किस प्रकार का व्यवहार कर रहा है और आपको उसके साथ रहने में काफी दिक्कत आ रही है तभी जाकर आपको कोर्ट की तरफ से तलाक मिलेगा।
तलाक लेने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट – Required Documents for Divorce
• शादी का मैरिज सर्टिफिकेट
• शादी की फोटो या अन्य कोई प्रमाण
• पहचान प्रमाण पत्र
• कोई अन्य दस्तावेज

आपसी सहमति से तलाक लेने की प्रक्रिया – Mutual Consent Divorce Process
आपसी सहमति से तलाक लेना काफी आसान है इसके लिए आपको कोर्ट के अंदर एक अर्जी डालनी होगी। उसके बाद आपकी तलाक लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तलाक़ लेने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होगा जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं:-
- कोर्ट के अंदर आपको एक याचिका दायर करनी होगी इसमें आपको या बात लिखना होगा कि आप आपसी सहमति के द्वारा तलाक लेना चाहते हैं।
- इसके बाद कोर्ट के के बयान को रिकॉर्ड किया जाएगा और कुछ डॉक्यूमेंट पर आपको सिग्नेचर करने होंगे।
- तलाक के लिए याचिका दायर करनें के पश्चात न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को 6 माह का समय दिया दोनों एक साथ रहने के बारे में दोबारा से विचार कर पाए।
- न्यायालय द्वारा दिया गया समय समाप्त होनें पर दोनों पक्षों को बताया जाता है और यह अंतिम सुनवाई होती है। इस दौरान भी यदि दोनों पक्ष तलाक चाहते है, तो कोर्ट द्वारा अंतिम निर्णय दे दिया जाता है।
एकतरफा तलाक लेने की प्रक्रिया क्या है – Procedure for Unilateral Divorce
अगर पति पत्नी में से कोई एक तलाक़ लेना चाहता है तो इसके लिए उसे कोर्ट में एकतरफा तलाक लेने की अर्जी डाली होगी। इस प्रकार की प्रक्रिया में तलाक पाना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि यहां पर एक साइड से तलाक लेने के लिए अर्जी डाली गई है दूसरी तरफ से तलाक लेने के लिए कोई भी अर्जी नहीं डाली गई है ऐसी स्थिति में तलाक लेना आपके लिए काफी कठिन हो सकता। प्रकार के प्रक्रिया में अगर आप बहुत जल्द तलाक लेना चाहते हैं तो आपको कोर्ट के अंदर कुछ महत्वपूर्ण सबूत प्रस्तुत करने होंगे। तभी जाकर आपको कोर्ट से जल्द तलाक मिल पाएगा आपके मन में सवाल आएगा कि कौन से सबूत आपको कोर्ट में प्रस्तुत करने होंगे तो मैं उसका विवरण आपको नीचे दे रहा हूं जो इस प्रकार है:-
- किसी बाहरी व्यक्ति से यौन संबंध बनाना
- शारीरिक-मानसिक क्रूरता
- दो या दो से अधिक वर्षो से अलग-अलग रहनें कि स्थिति में
- गंभीर यौन रोग
- मानसिक रोग
- संस्कारों को लेकर दोनों के बीच में तलाक हो सकता है।
मुस्लिम समुदाय में तलाक कैसे होता है? Muslim Divorce Rules
मुस्लिम समाज में तलाक लेने की प्रक्रिया बिल्कुल अब आपके मन मे सवाल आएगा कि मुस्लिम समुदाय में तलाक लेने के लिए आपको क्या करना होगा अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है-
मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम 1939
मुस्लिमसमुदाय में अगर महिला तलाक लेना चाहती है तो उसे इस बात को साबित करना होगा कि उसका पति नामर्द है इसके अलावा) परपुरुष गमन का झूठा आरोप (लिएन) उसके बाद ही उसे तलाक मिल पाएगा। इन सभी बातों को देखते हुए भारत में 1939 में मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम के तहत कोर्ट में जाकर आसानी से तलाक के लिए अर्जी डाल सकती हैं। उसके लिए कोर्ट ने उन्हें निम्नलिखित बातों का वर्णन देना पड़ता है जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-
- यदि पति पत्नी को मुस्लिम धर्म का पालन करने से रोकता है।
- पति की अनुपस्थिति
- पति पत्नी से वेश्यावृति करवाता है
- भरण पोषण करने में पत्नी की असफलता
- पति की नपुंसकता
- पति का पागलपन
- पत्नी द्वारा विवाह अस्वीकृत करना
- पति की निर्दयता
- यदि पति भयानक यौन रोगी है।
- यदि पति को लंबी सजा हो गई है।
तलाक के बाद मेंटेनेंस देना पड़ता है – Gujara Bhata after Divorce
दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं कि अगर आप अपनी पत्नी को तलाक दे रहे हैं तो पत्नी कोर्ट में आपसे मेंटिनेस लेने के लिए एक अलग से अर्जी दाखिल करती है।
जिसके तहत कोर्ट का न्यायाधीश इस बात को निर्धारित करता है कि आप कितनी कमाई करते हैं उसके अनुरूप आपको अपनी पत्नी को मेंटेनेंस देना पड़ेगा। यह पूरी तरह से कोर्ट के निर्भर है के कोर्ट मानता है के औरत को मेन्टेन्स की जरूरत है या अगर बच्चा है तो कितना गुजरा भत्ता देना है । इसके ऊपर भी हमने डिटेल आर्टिकल लिख रखा है । जिसको आप निचे दिए लिंक पर जा के पढ़ सकते है।
[125 CRPC] पत्नी को गुजारा भत्ता देने से कैसे बचें ? Avoid paying alimony to wife
पति भी गुजारा भत्ता की मांग कर सकता है | Can Husband claim alimony from Wife

बच्चों का देखभाल कौन करेगा तलाक के बाद – Child custody after Divorce
जब कोई पति पत्नी एक दूसरे से अलग होते हैं तो इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ता है। बच्चों को भी माता-पिता आपस में बटवारा करते हैं। ऐसे में बच्चे का देखभाल कौन करेगा इस बात का फैसला दे कोर्ट के द्वारा होता है, और कोर्ट इस बात को सुनिश्चित करता है कि बच्चे किसके साथ रहेंगे।
ताकि उनकी परवरिश अच्छी तरह से हो सके और उन्हें सही प्रकार के सुख सुविधा मिल सके जिसकी जरूरत एक बच्चे को होती है उसके अनुरूप बच्चों के देखभाल करने का जिम्मा माता-पिता दोनों में से किसी एक को वोट देता है। पर ज्यादातर केस में बच्चे की कस्टडी माँ को ही मिलती है । इसके ऊपर bacche ki custody talaq ke bad पर हम पूरा डिटेल लेख लिख चुके ही । जिसको आप निचे दिए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
तलाक़ के बाद बच्चो की कस्टडी किसे मिलती है? Child Custody after divorce In Hindi
सवाल जवाब (FAQ)
शादी का मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate)
शादी की फोटो या अन्य कोई प्रमाण (Marriage Photos)
पहचान प्रमाण पत्र (Identity Card)
कोई अन्य दस्तावेज जो आप संलग्न करना चाहते हैं (Other Certificate)
1954 के निजी विवाह अधिनियम के अनुच्छेद 28 और 1869 के तलाक अधिनियम के अनुच्छेद 10a में भी आपसी सहमति से तलाक का प्रावधान है। एक पति और पत्नी को एक साल या उससे अधिक समय तक एक साथ नहीं रहना चाहिए। पति-पत्नी एक साथ नहीं रह सकते तो भी तलाक लिया जा सकता है।
एक मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तलाक़मानामा लिखकर तलाक भी दे सकता है। एक मुस्लिम व्यक्ति मुकदमा दायर करके भी तलाक प्राप्त कर सकता है। रचनात्मक तलाक: “नहीं” में, पति कम से कम चार महीने तक संभोग नहीं करने की कसम खाता है, और पूरा होने पर इसे तलाक माना जाता है।
ट्रिपल तलाक, जिसे मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 के रूप में भी जाना जाता है, को भारतीय संसद द्वारा 30 जुलाई, 2019 को तत्काल ट्रिपल तलाक को एक आपराधिक अपराध बनाने के लिए एक कानून के रूप में पारित किया गया था। राज्यसभा ने विधेयक के पक्ष में 99 और इसके खिलाफ 84 मतों के साथ विधेयक पारित किया।
तलाक भी तीन तरह का होता है- ‘तलाक-ए-अहसान’, ‘तलाक-ए-हसन’ और ‘तलाक-ए-बिद्दत’।
कुरान और ‘हदीस’ यानी पैगंबर मुहम्मद की बातें, ‘तलाक-ए-अहसान’ और ‘तलाक-हसन’ को मंजूरी देती हैं क्योंकि उन्हें तलाक का सबसे उचित रूप माना जाता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Talaq ke new rules in Hindi 2022 के बारे में डिटेल जानकारी मिल गया होगा । यह पर हमने one side divorce के बारे में और हिन्दू एंड मुस्लिम मेहला तलाक़ कैसे ले के बारे में विस्तार से बताया है । अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर साकेत है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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