क्या है इस पोस्ट में ?
Chunav Aayog Kya hota hai :- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर सरकारों का चयन जनता के द्वारा होता है इसके लिए हर 5 साल में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव आयोजित भारत में करवाए जाते हैं जिसके बाद जनता के द्वारा चुनी सरकार राज्य या देश का कार्यभार अपने हाथों में लेती है और जनता के हित में काम करती है भारत में चुनाव आयोजित करवाने का काम चुनाव आयोग का है I चुनाव आयोग भारत में चुनाव संपन्न करवाने का काम करती है अब आपके मन मे सवाल आएगा कि Chunav Aayog Kya hota hai , इसके कार्य करने के प्रति क्या है इसके सपना कब हुई इसके अधिकार क्या है इसकी विशेषताएं क्या है अगर आप इन सभी सवालों का जवाब देना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आगे तक पढ़े आइए जाने–
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चुनाव आयोग क्या है? Chunav Aayog Kya hota hai in Hindi
भारत में निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, जिसे अंग्रेजी में Election Commission कहा जाता है, सुनाओ आयोग एक प्रकार का स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जिसका प्रमुख काम राज्य और देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को संचालित करने कार्य करती है इसके अलावा चुनाव आयोग देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधान सभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है I
चुनाव आयोग की स्थापना कब हुई थी
भारत में चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को इसकी स्थापना हुई और भारत में प्रथम लोकसभा के चुनाव 1952 में चुनाव आयोग के द्वारा संचालित किए गए थे I

चुनाव आयोग की संरचना – Composition of the Election Commission
चुनाव आयोग की अगर हम संरचना के बारे में बात करें तो जब इसका गठन हुआ तो उस समय केवल एक चुनाव आयुक्त नियुक्त करने का प्रावधान संविधान के तहत किया गया था उसके बाद इसमें फेरबदल करते हुए 1989 में 3 मेंबर की टीम का गठन किया गया था फिर कुछ समय के इसे एक सदस्यीय आयोग कर दिया गया इसके बाद
साल 1993 को तीन सदस्यीय आयोग वाला स्वरूप लागू कर दिया गया इसके बाद से ही निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त कर दिए गए हैं।
चुनाव आयोग का हेड क्वार्टर कहां है? Headquarter of Chunav Aayog
निर्वाचन आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।
जो IAS रैंक का अधिकारी होता है उसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी कहा जाता है जिनका सिलेक्शन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है चुनाव आयुक्त के अंतर्गत दो चुनाव आयुक्त होते हैं जिनकी नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है |
मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल और उम्र सीमा क्या है
चुनाव आयोग का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु सोनी आवश्यक है I इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के के बराबर ही सैलरी मिलती है और दूसरे प्रकार की सरकारी भत्ते और सुविधाएं देने प्रदान की जाती
है I
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो चुनाव आयुक्त को हटाने का अधिकार किसके पास है
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को कार्यकाल पूरा होने से पहले, संसद के दोनों सदनों में ‘विशेष बहुमत’ पारित कर पद से हटाया जा सकता है I
चुनाव आयोग के कार्य और अधिकार क्षेत्र क्या है? Election commission main duties
- राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना होता है।
- इसके अलावा चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को विशेष चुनाव चिन्ह प्रदान करने का भी काम करती है अगर कोई नई पार्टी का निर्माण होता है तब
- अगर मान लीजिए कि किसी पार्टी में चुनाव चिन्ह को लेकर कोई विवाद है तो उसका हल भी चुनाव आयोग के द्वारा ही निकाला जाएगा
- किसी भी राजनीतिक पार्टी की मान्यता समाप्त करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास होता है
- राजिया देश में जब भी किसी प्रकार का चुनाव होगा तो और आचार संहिता लागू करने के अधिकार क्षेत्र चुनाव आयोग के पास में होते हैं
- चुनाव आयोग मतदान सूची का निर्माण करता है
- निर्वाचन आयोग चुनाव की व्यवस्था करता है और उसे रद्द करने की घोषणा भी अधिकार रखता है।
- Election commission उपचुनाव भी करवाता है।
- आयोग राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता लागू करने का अधिकार इनके पास होता है
- चुनाव आयोग मतदाताओं को राजनीतिक प्रशिक्षण भी करवाने का कार्य करता है।
- लोकसभा विधानसभा जैसे चुनाव को संपन्न करवाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है
- चुनाव आयोग सांसद या विधायक योग्यता के लिए राष्ट्रपति या राज्यपाल को सलाह देता है।
चुनाव आयोग से राजनीतिक दल मान्यता पाने की प्रक्रिया क्या है? Register Rajnitak dal
अगर आप भी अपनी कोई राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको चुनाव आयोग से राजनीतिक दल होने की मान्यता आपको लेनी होगी। तभी जाकर आप अपने पार्टी का निर्माण कर पाएंगे- चुनाव आयोग से राजनीतिक दल होने की मान्यता प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। जिनका विवरण में आपको नीचे दे रहा हूं जो इस प्रकार हैं-
- पहले आप को चुनाव आयोग की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा
- आप वेबसाइट के पेज पर पहुंच जाएंगे जहाँ पर आपके सामने रजिस्ट्रेशन का विकल्प आएगा,
- अब आपको रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा – करना होगा जैसे आप ऐसा कर जाते हैं आपके सामने आप के सामने एक नया पेज खुलकर आएगा
- जहां आपको नई राजनीतिक पार्टी बनाने का आवेदन पत्र दिखाई पड़ेगा
- इसके बाद आप आवेदन पत्र में आगे गई जानकारी का सही विवरण देंगे
- अब आपको आपको submit के बटन पर क्लिक करना होगा I
- फिर आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा, जिसमें आपकी आवेदन संख्या दी होगी, आप इस पेज का प्रिंट आउट निकाल कर अपने पास रख ले I

चुनाव आयोग के द्वारा राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के नियम क्या है –
राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के लिए आपको निम्नलिखित प्रकार के तीन शर्तों का पालन करना होगा, उसके बाद ही आपको राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त होगा आइए जानते –
- कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते
- , 4 लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसद वोट पाए
- कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे.
- इन तीन शर्तों में जो पार्टी एक शर्त भी पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा I
चुनाव आयोग से शिकायत कैसे करें- How to complaint to Election commission of India ?
अगर आप चुनाव आयोग से चुनाव संबंधित कोई शिकायत करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप इस के टोल फ्री नंबर 1950 में कॉल कर कर अपनी शिकायत को दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा आप वोटर हेल्पलाइन एप में जाकर भी अपनी शिकायत को दर्ज करवा सकते हैं। या चुनाव आयोग के द्वारा जारी किया गया एक ट्रस्टेड आपसे और यह आपको गूगल प्ले स्टोर में आसानी से मिल जाएगा। इस ऐप से आप तो चुनाव से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं यहां तक कि अगर आपका अपना वोटर कार्ड बना है तो आप इसे आप से घर बैठे बना सकते हैं । इसके अलावा आप चुनाव आयोग की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर भी अगर आपको कोई भी समस्या है तो वहां पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं I
चुनाव आयोग के संवैधानिक प्रावधान संविधान में क्या है ?
अनुच्छेद 324 : निर्वाचन आयोग चुनाव के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करेगा
Section 325 : धर्म जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष को मतदान में शामिल ना करना, और और धर्म जाति या लिंग के आधार पर मतदान करने के लिए कोई भेदभाव नहीं होगा
अनुच्छेद 326 : लोकसभा एवं विधानसभा आप के दौरान जो भी लोग वोट देंगे, उनकी उम्र अनुच्छेद 326 के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है होना आ
Section 327 : विधायिका द्वारा चुनाव से संबंधित संसद में कानून बनाने की शक्ति का प्रावधान है।
अनुच्छेद 328 : किसी राज्य विधानमंडल गोरा चुनाव के लिए कानून बनाने की शक्ति का प्रावधान है।
Section 329 : चुनावी मामलों में अदालतों द्वारा हस्तक्षेप करने के लिए BAR होगा
चुनाव आयोग का नोटिस क्या होता है और किस को जारी किया जाता है ? Election Commission Notice
चुनाव आयोग का नोटिस का मतलब होता है वार्निंग लेटर इसके अंतर्गत जब राज्य में या देश में कोई भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते हैं। और ऐसे में कोई नेता चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी अपशब्द या ऐसे ही भाषा का प्रयोग करता है। जो कि ठीक नहीं है तो इस स्थिति में चुनाव आयोग उस नेता के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करता है। इसके अलावा कोई भी नेता किसी भी धर्म को लेकर ऐसी कोई बात नहीं कर सकता है। ना ही चुनाव के दौरान कोई प्रलोभन मतदाता को दे सकता है, अगर ऐसा करता हुआ कोई भी नेता पाया जाता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जा सकती है ।
Election Commission of India Helpline Numbers
- Address: Nirvachan Sadan, Ashoka Road, New Delhi 110001
- EPABX: 23052205 – 10, 23052212 – 18, 23052146, 23052148, 23052150
- Email: complaints[at]eci[dot]gov[dot]in
- Faxline: 23052219, 23052162/63/19
- Control Room: 23052220, 23052221
- For general enquiries: 1950
- For Filing RTI: https://rti.eci.nic.in
सवाल जवाब (FAQ)
एक चुनाव आयोग एक निकाय है जिस पर किसी भी देश की चुनावी प्रक्रिया के कार्यान्वयन की निगरानी करने का आरोप लगाया जाता है।
इसमें पांच सदस्य हैं, जिनमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चार अन्य शामिल हैं। सदस्य 6 साल तक सेवा करते हैं। अपने चुनाव दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए, आयोग चुनावों की निगरानी के लिए लगभग 240,000 अधिकारियों, ज्यादातर सिविल सेवकों के एक समूह को नियुक्त करता है।
भारत के राष्ट्रपति (President of India)
“चुनाव आयुक्त संशोधन अधिनियम, 1989” 1 जनवरी 1990 को अपनाया गया था जिसने आयोग को एक बहु-सदस्यीय निकाय में बदल दिया: तब से एक 3 सदस्यीय आयोग संचालन में है और आयोग द्वारा निर्णय बहुमत से किए जाते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन( Electronic voting machine )
सुकुमार सेन (2 जनवरी 1898 – 13 मई 1963) एक भारतीय सिविल सेवक थे, जो 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक सेवारत भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे।
वी.एस. रामादेवी (15 जनवरी 1934 – 17 अप्रैल 2013) एक भारतीय-ब्रिटिश राज राजनीतिज्ञ थीं, जो 26 नवंबर 1990 से 11 दिसंबर 1990 तक कर्नाटक की 13वीं राज्यपाल और भारत की 9वीं मुख्य चुनाव आयुक्त बनीं। वह पहली महिला थीं।
बूथ स्तर का अधिकारी (Booth Level Officer) एक स्थानीय सरकार/अर्ध-सरकारी अधिकारी होता है, जो स्थानीय मतदाताओं से परिचित होता है और आम तौर पर उसी मतदान क्षेत्र में एक मतदाता होता है जो अपने स्थानीय ज्ञान का उपयोग करके नामावली को अद्यतन करने में सहायता करता है।
भारत निर्वाचन आयोग में न्यूनतम वेतन उस भूमिका पर निर्भर करता है जिसके लिए आप आवेदन कर रहे हैं। डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए न्यूनतम वेतन ₹1.6 लाख प्रति वर्ष है, कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए न्यूनतम वेतन ₹1.7 लाख प्रति वर्ष है और इसी तरह।
निष्कर्ष
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