Equity Funds vs Debt Funds in hindi :- हेलो दोस्त आपने Mutual Fund के बारे में जान लिया है ,जैसे के हमने पिछले आर्टिकल में बताया था के Mutual fund share market से कैसे अलग है ? पर बहुत से लोग कहते है के सभी Mutual Fund एक जैसे होते है। पर ऐसा नहीं है , Mutual Fund में भी बहुत सी categories होती है । पर कोई बात नहीं आज हम आपको यहाँ पर Mutual fund की दो मुख categories के बारे में बताएगे । आइए Equity Funds vs Debt Funds क्या अंतर् है । Debt Mutual Fund kya होता है ? Equity Fund kya hota hai ? इन सभी सवालों का जवाब के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़े ।
निवेशक अक्सर Equity Funds and Debt Funds को लेकर भ्रमित रहते हैं। दोनों में कौन बेहतर है इसको लेकर लगातार बहस होती रहती है। दोनों के बीच अंतर जानने से, निवेशक निश्चित रूप से यह जान पाएंगे कि उनके लिए निवेश करना सबसे अच्छा कहां है। सबसे पहले जान लें कि इक्विटी और डेट फंड क्या होते हैं।Equity Funds vs Debt Funds in hindi में विस्तार से निचे बताया गया है ।
Mutual Fund के बारे में जानने के लिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है के Mutual Fund kaise काम करते है ? Mutual Fund बहुत से लोगो की छोटी छोटो investment ki Big Bucket के रूप में होता है । यह इकठा किया हुआ पैसा को एक से ज्यादा जगह invest किया जाता है । Mutual fund manager आपके पैसे को इन्वेस्ट करता है । आपके invest किये पैसे के ऊपर आपको अच्छा खासा return भी मिलता है । Mutual Fund का पैसा share market , debt में इन्वेस्ट किया जाता है । जिसके हिसाब से ही Mutual fund categories devide की जाती है ।
Equity Fund एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से स्टॉक या शेयरों में निवेश करता है। दूसरे शब्दों में, इसे स्टॉक फंड (Stock Fund) के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही, स्टॉक फंड खरीदना किसी व्यवसाय को सीधे शुरू किए बिना या किसी व्यवसाय में निवेश किए बिना शुरू करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। इक्विटी फंड को उनके उद्देश्य के आधार पर सक्रिय या निष्क्रिय रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।
इक्विटी फंड Active or Passive Fund के रूप में जाने जाते है। एक सक्रिय फंड में, एक फंड मैनेजर बाजार को स्कैन करता है, कंपनियों पर शोध करता है, प्रदर्शन की जांच करता है और निवेश करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक की तलाश करता है। Passive Fund में, फंड मैनेजर एक पोर्टफोलियो बनाता है जो एक लोकप्रिय मार्केट इंडेक्स, जैसे सेंसेक्स या निफ्टी फिफ्टी को दर्शाता है।
इसके अलावा, इक्विटी फंड को बाजार पूंजीकरण के अनुसार भी विभाजित किया जा सकता है, यानी पूंजी बाजार पूरी कंपनी की इक्विटी को कितना महत्व देता है। विभिन्न प्रकार के स्टॉक फंड हैं, जैसे कि Large Cap Fund, Medium Cap Fund, Small Cap Fund आदि।
Equity Fund में investment पर रिटर्न ज्यादा हो सकता है पर रिस्क भी जयादा होता है । यहां पर time limit भी कोई नहीं होता ।
Debt Fund की invested रकम को मुख्य रूप से बॉन्ड्स (Bonds) और कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposit) में निवेश किया जाता है। SEBI की regulations के अनुसार किसी भी Debt Mutual Fund की रकम का कम से कम 65 फीसदी रकम बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए। डेट म्यूचुअल फंड के तहत Government Bonds, Company Bonds, Corporate Fixed Deposits और Bank Deposits में निवेश किया जाता है। इसके अलावा बचे हुए पैसे को Equity यानि Share market में निवेश किया जाता है।
डेट फंड से पैसा निश्चित रिटर्न देने वाले बॉन्ड में निवेश किया जाता है। इसलिए इनके नुकसान का खतरा कम होता है। हालांकि, आपको ऐसे फंडों में निवेश से अधिकतम रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिक्स्ड बैंक डिपॉजिट की तुलना में डेट फंड्स पर अच्छे रिटर्न की संभावना है।
दोस्त , अभी तक अपने जाना के Equity fund aur Debt fund क्या होता है ? अब हम Equity and Debt Fund difference क्या है । Equity Funds vs Debt Funds in हिंदी आइए अब हम जानते है दोनों के बिच अंतर् निचे दिए गए है :-
Equity Fund :- इक्विटी फंड मुख्य रूप से कई व्यक्तिगत शेयरों में निवेश करते हैं जिनके बढ़ने और रिटर्न देने की अधिक संभावना होती है। SEBI की guideline के अनुसार हर Equity Fund का सारा पैसा share market में इन्वेस्ट किया जाता है ।निवेश के उद्देश्य से मेल खाने के लिए स्टॉक पिकिंग की जाती है।उदाहरण के लिए, मल्टी-कैप फंड मार्केट कैप ,लार्ज-कैप ,स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयर companies में इन्वेस्ट किया जाता है ।
Debt Fund :- इसकी तुलना में, डेट फंड आम तौर पर बॉन्ड और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं जो औसत ब्याज दरों या कम कीमत के अंतर के कारण कम रिटर्न देते हैं।उदाहरण के लिए, एक ओवरनाइट फंड ओवरनाइट रिवर्स रेपो, बैंक डिपॉजिट, बिल डिस्काउंटिंग आदि में निवेश करता है, जिनमें से सभी की उधारी और ब्याज दर कम होती है।
वैसे तो दोनों प्रकार के Mutual fund bank FD se जयादा रिटर्न देते है । हाँ Equity fund investment पर ज्यादा रिटर्न देता है । वही Debt Fund थोड़ा कम रिटर्न देता है । ऐतिहासिक रूप से, इक्विटी फंडों ने डेट फंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है। यहां एक तालिका है जो इक्विटी फंड और डेट फंड के प्रदर्शन की तुलना करती है:-
Fund Type | 1 Year Returns | 3 Year Returns | 5 Year Returns | 10 Year Returns |
Equity Fund | 9-25% | 9-15% | 9-20% | 8-16% |
Debt Fund | 4-10% | 4-11% | 6-8% | 4-8% |
Equity Fund :- इक्विटी फंड का पैसा शेयर मार्किट में इन्वस्ट किया जाता है। इसके कारन इसमें Risk बहुत जयादा होता है । अगर शेयर मार्किट high जा रहा है तो आप पैसा काम समय में अच्छा रिटर्न दे सकता है , इसके इलावा share market down जाता है तो आपका पैसा कम समय के लिए कम हो जाता है । हाँ लम्बे समय के लिए Equity Fund good return देते है ।
Debt Fund :- यह डेब्ट फंड में आपका पैसा बैंक की तरह कॉर्पोरेट , गवर्नमेंट अदि को लोन देने के लिए किया जाता है । जिसके लिए Mutual fund companies इस पैसे उधर देने के लिए fixed interest लेती है । जिसके वजह से आपको भी ही Mutual fund stable return देता है । इस प्रकार के लिए Mutual Fund में Risk बहुत कम होता है । क्योके आपकी invested राशि को जिन companies को पैसा दिया जाता है वह फिक्स इंटरेस्ट देती है ।
Equity Fund :- फंड को अल्पावधि में अस्थिर माना जाता है, लेकिन इसमें 3 से 5+ वर्षों में उच्च रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता होती है। इस प्रकार, इक्विटी फंड लंबी अवधि के लिए उपयुक्त हैं।
Debt Fund :- शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों के लिए उपयुक्त हैं। सीधे शब्दों में कहें, तो पोर्टफोलियो की परिपक्वता लंबी होगी, निवेश की अवधि लंबी होगी। क्योके यह Mutual fund stable return देते है ।
जब डेट फंड की बात आती है तो टैक्स दक्षता एक चिंता का विषय है। अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (<3 वर्ष) को निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और उसी के अनुसार कर लगाया जाता है।
यह उच्च टैक्स स्लैब वाले निवेशकों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, क्योंकि वे अंत में अधिक करों का भुगतान करेंगे। डेट फंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (> 3 साल) पर इंडेक्सिंग बेनिफिट्स के साथ 20% टैक्स लगता है।
हालांकि, इक्विटी फंड आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं। अगर आपके पास एक साल से अधिक समय के लिए इक्विटी फंड हैं, तो ₹ 1,00,000 तक का रिटर्न टैक्स-फ्री ( Mutual fund tax free return ) होगा। LTCG (> ₹ 1,00,000) पर 10% (+ 4% की दर) कर; STCG (<1 वर्ष) पर 15% (+ 4% की दर) कर लगाया जाता है।
ईएलएसएस फंड, एक प्रकार का इक्विटी फंड, 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ 1,50,000 रुपये तक का कर लाभ प्रदान कर सकता है।
दोनों में अंतर वहीं से आता है जहां पैसा लगाया जाता है। डेट फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जबकि इक्विटी फंड मुख्य रूप से स्टॉक और संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।
शेयर एक कंपनी की कुल पूंजी की इकाइयाँ हैं। कंपनी के शेयरों के मालिक का मतलब कंपनी के शेयर के मालिक से है। जबकि एक म्यूचुअल फंड अलग-अलग निवेशकों से जुटाए गए पैसे को अलग-अलग कंपनियों के शेयरों सहित विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करता है।
डेट फंड म्यूचुअल फंड निवेश की एक श्रेणी है। डेट म्यूचुअल फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। इनमें बांड, सरकारी प्रतिभूतियां, ट्रेजरी बिल और गैर-परिवर्तनीय बांड आदि शामिल हैं।
डेटफंड उन निवेशकों के लिए है जो इक्विटी फंड में निवेश नहीं करना चाहते हैं। डेट फंड में निवेश सुनिश्चित करता है कि आपका पैसा सुरक्षित वित्तीय साधनों में निवेश किया गया है जो आपको मैच्योरिटी पर सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करेगा।
डेट फंड म्यूचुअल फंड निवेश की एक श्रेणी है। डेट म्यूचुअल फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। इनमें बांड, सरकारी प्रतिभूतियां, ट्रेजरी बिल और गैर-परिवर्तनीय बांड आदि शामिल हैं। दूसरे शब्दों में, निवेश एक सुरक्षित स्थान पर किया जाता है।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Equity and Debt fund ke difference kya है ?Equity Funds vs Debt Funds in hindi , Equity aur Debt fund में से कौन सा बेहतर है ? debt fund and equity fund investment difference , लम्बे समय के लिए कौन सा बेहतर है ? Equity aur Debt fund में से कौन सा ज्यादा return देता है ? अदि के बारे में बताया है । अगर आपके पास कोई सुझाव है या सवाल है तो आप निचे कमेंट क्र सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे , नहीं तो आप Subscribe कर सकते है ।
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