क्या है इस पोस्ट में ?
Fugitive Economic Offenders Act 2018 in Hindi | भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम – UPSC | Fugitive Economic Offenders Act, 2018 – India Code | भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल क्या है | Bhagoda Arthik Apradh Adhiniyam 2018
विजय माल्या, नीरव मोदी भाग गया ललित मोदी भाग गया…….! इन सभी व्यक्तियों ने बैंक से पैसा लिया गया पर पैसे बैंकों को वापस नहीं किए। और वह देश छोड़कर विदेश भाग जाए और उन लोगों को कानूनी सजा देना सरकार के लिए काफी मुश्किल होता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति जिस देश में जाता है तो उस देश चलाने के लिए उसे वहां की सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है। इसकी प्रक्रिया काफी लंबी होती है ऐसे तो भारत में 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि जैसे एग्रीमेंट किए हैं। जिसके मुताबिक अगर कोई भी भारत का आर्थिक अपराधी या किसी प्रकार का भी अपराधी देश छोड़कर इन देशों में जाता है तो इन अपराधियों को अपने देश में आसानी से ला सकती है।
Fugitive Economic Offenders Act 2018 in Hindi
ऐसे में देश के अंदर पहले ऐसे कोई भी कानून नहीं थे। जिसमें अगर कोई भी व्यक्ति आर्थिक अपराध का घोटाला करता है और वह विदेश भाग जाता है तो उसके खिलाफ सरकार क्या कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल संसद में पेश किया। अब आपके मन मे सवाल आएगा कि आखिर में भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल क्या है? और इसके तहत किसी भी आर्थिक अपराधी को कितनी सजा दी जा सकती है और कानूनी प्रक्रिया क्या होगा अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े आइए जाने-

आर्थिक अपराध क्या होते हैं – What are Economic Crimes
आर्थिक अपराध का मतलब होता है संपत्ति से जुड़ा हुआ मामला। किस व्यक्ति के दुबारा आपके सरकारी या प्राइवेट आदरे से पैसे की धोखा धड़ी करना। इसके अलावा अगर आप संपत्ति से जुड़ा हुआ कोई भी बड़ा स्कैम या घोटाला करते हैं तो सभी ऐसे अपराध आर्थिक अपराध की श्रेणी में आते हैं।
अध्यादेश में यह भी ख्याल रखा गया है कि इन विशेष अदालतों पर केस का अंबार न बढ़े। इसके लिए इस अध्यादेश के तहत उन मामलों को ही शामिल किया जाएगा, जिनकी वैल्यू 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है। भगोड़ा आर्थिक अपराधी को विशेष अदालत की तरफ से नोटिस जारी किया जाएगा। इस नोटिस के बाद उसे 6 हफ्तों के भीतर देश में हाजिर होना होगा। फिर उसके खिलाफ मामला चलेगा।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल | Fugitive Economic Offenders Act 2018 in Hindi
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भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल क्या है – Fugitive Economic Offenders Act 2018
Fugitive Economic Offenders Bill का मतलब है, कि अगर कोई भी व्यक्ति देश में किसी प्रकार का भी आर्थिक अपराध करता है। और वह भागकर विदेश में चला जाए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस बिल को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 19 जुलाई 2018 में संसद में पेश किया और जब लोकसभा से यह बिल पास हो गया। तो उसके बाद इसे 25 जुलाई 2018 के राज्यसभा में भी पेश किया गया इस बिल को पास कर दिया गया। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के बाद कानूनी रूप से मान्यता मिलने के लिए भेज दिया गया, वहां से कानूनी मान्यता भी मिल गया। अब इस कानून का इस्तेमाल विजय माल्या ,नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे भगोड़ा के खिलाफ किया जाएगा।

भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल का मकसद क्या है – Purpose of Economic Crimes
Fugitive Economic Offenders Bill का प्रमुख मकसद ऐसे अपराधियों को देश में लेकर आना है जो देश का पैसा लेकर भाग गए हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों को कानूनी प्रक्रिया जैसी चीजों का सामना करना पड़े इसी मकसद से सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल बनाया है। इस कानून के अंतर्गत अपराधी के सभी संपत्ति सरकार जबत करेगी, जबत संपत्ति से जो भी पैसे प्राप्त होंगे उन पैसों को बकायादार को वापस लौटा दिया जाएगा।
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भगोड़ा आर्थिक अपराधी कौन है? Who is a Fugitive Economic Offender?
भगोड़ा अपराधी का मतलब होता है ऐसा व्यक्ति जो देश में किसी प्रकार का आर्थिक घोटाला कर कर विदेश भाग गया है। विदेश से वापस आने के लिए वह मना कर रहा है ऐसे ऐसे ही में सरकार उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है। इसके अलावा भारतीय संविधान में वर्णित धारा 4 के मुताबिक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया – Procedure to declare a fugitive economic offender
किसी भी व्यक्ति को आर्थिक भगोड़ा घोषित करने के लिए सरकार को विशेष अदालत में एक याचिका दायर करनी पड़ती है। उसे अपने याचिकाकर्ता में बताना होगा कि जो व्यक्ति भगोड़ा है उसके बारे में कोई भी जानकारी सरकार को मिल नहीं पा रही है और वह देश छोड़कर भाग चुका है। इसके अलावा उसके पास इतनी संपत्ति है उस संपत्ति को जब्त करने का अधिकार सरकार को दिया जाए।
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कौन से केस कानून के दायरे में आएंगे
अगर कोई भी व्यक्ति 100 Crore से अधिक रकम की राशि लेकर देश से भाग जाता है तो ऐसे लोगों को आर्थिक भगोड़ा माना जाएगा। इसके इलावा उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया होगी। इसके अलावा सरकार ने कहा कि इससे कम भी राशि का अगर कोई व्यक्ति घपला करता है तो वह ना समझे कि वह भी सुरक्षित है उसके ऊपर भी इस प्रकार की कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए सरकार उसके बारे में जांच पड़ताल करेगी उसके बाद ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

भगोड़ा अपराधी कानून के तहत एक्शन लेने की प्रक्रिया
आर्थिक अपराध के जिन आरोपियों के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हो चुका है। लेकिन वह कहानी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए हैं ऐसे लोगों को कोर्ट आर्थिक अपराधी घोषित करेगी।
इस कानून मुताबिक लॉन्ड्रिंग ऐक्ट 2002 के तहत स्पेशल कोर्ट बनाई जाएगी। जहां पर इस प्रकार के मुकदमों का फैसला किया जाएगा इसके बाद सरकार द्वारा नियुक्त डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर के स्तर का कोई अधिकारी आर्थिक अपराध के किसी आरोपी को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए स्पेशल कोर्ट में ऐप्लिकेशन देगा।
स्पेशल कोर्ट ऐसे आरोपियों को 6 हफ्ते के अंदर देश वापस आकर कोर्ट के सामने हाज़िर होने का आदेश देगी। अगर अपराधी कोर्ट के द्वारा निर्धारित समय और तारीख पे कोर्ट में हाजिर नहीं होता है। तब कोर्ट ऐसे अपराधियों को भगोड़ा घोषित कर देगी और उसकी संपति की निगरानी करता है । जिसकी आने वाले समय में नीलामी की जाती है ।
अपराधी घोषित होने के बाद इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ED यानी प्रवर्तन निदेशालय देश में उसकी सारी चल-अचल संपत्ति सीज़ कर सकता है। फिर उस संपत्ति की नीलामी होगी और जिसका जितना बकाया होगा, उसका पैसा चुकाने की कोशिश की जाएगी।
भगोड़ा अपराधी कानून की खासियत क्या है
अगर किसी अपराधी के खिलाफ विशेष अदालत में केस चल रहा है इसके लिए दूसरे सिविल कोर्ट में बचाव के लिए याचिका दायर नहीं कर सकता।अगर विशेष अदालत से फैसला आ गया है अभी जाकर बा दूसरे कोर्ट में बचाव के लिए आवेदन कर पाएगा । इसके अलावा इस कानून के तहत अपराधी की सभी अवैध संपत्तियों के अलावा उसकी जितनी भी संपत्ति है सीज करने का अधिकार इस कानून के अंतर्गत ईडी के अधिकारियों को दिया जाता है।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम PDF Download
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List of Economic Offenders
- पुष्पेश बैदो
- आशीष जोबनपुत्र
- विजय माल्या
- सनी कालरा
- संजय कालरा
- सुधीर कुमार कालरा
- आरती कालरा
- वर्षा कालरा
- जतिन मेहता
- उमेश पारेख
- कमलेश पारेख
- नीलेश पारेख
- एकलव्य गर्ग
- विनय मित्तल
- चेतन जयंतीलाल संदेसरा
- नितिन जयंतीलाल संदेसरा
- दीप्तिबेन चेतनकुमार संदेसरा
- नीरव मोदी
- नीशाल मोदी
- मेहुल चौकसी
- सब्या सेठ
- राजीव गोयल
- अलका गोयल
- ललित मोदी
- रितेश जैन
- हितेश नरेंद्रभाई पटेल
- मयूरीबेन पटेल
- प्रीति आशीष जोबनपुत्र
सवाल जवाब (FAQ)
आवेदन पर सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकता है।
मनी लॉन्ड्रिंग आपराधिक गतिविधियों जैसे मादक पदार्थों की तस्करी या आतंकवादी फंडिंग से बड़ी मात्रा में धन बनाने की अवैध प्रक्रिया है, ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक वैध स्रोत से आया है।
हाँ, भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत आर्थिक अपराधी की लीगल और गैर क़ानूनी सभी प्रकार की संपत्ति सरकार जबत क्र सकती है।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको आर्थिक अपराध क्या होता है ? भगोड़ा अपराधी किसे कहते है ? भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम क्या है ? नीरव मोदी , ललित मोदी और विजय माल्या पर करवाई इसी कानून के तहत की जा रही है। इसके इलावा अगर आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर कर सकते है। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है। धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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