क्या है इस पोस्ट में ?
G7 Kya hai in Hindi :- हेलो दोस्तों , वर्ल्ड लेवल पर बहुत सी संस्थाए है जो अलग अलग देशो ने मिल के बनाई है। इन्ही में से एक है G7 Summit . तो यह G7 Kya hai in Hindi ? G7 group क्या क्या काम करता है ? कौन कौन से देश G7 Summit में शामिल है । भारत और चाइना की G7 की स्थिति क्या है ? आपके इन सभी सवालों का जवाब हम आपने इस आर्टिकल में देने जा रहे है । तो G7 details in Hindi में पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़े ।
G-7 समूह का अर्थ – Group of Seven
G-7 अर्थात ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (Group of Seven) फ्राँस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे देशों का एक समूह है।
G7 क्या है – G7 Kya hai in Hindi
G7 सात देशों का एक अनौपचारिक समूह है। एक अनौपचारिक मतलब है कि इसका नाटो की तरह कोई कानूनी या वैधानिक आधार नहीं है। इस समूह के सात देश सामूहिक रूप से वैश्विक जीडीपी का लगभग 40 प्रतिशत और जनसंख्या का 10 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सात देश ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।
2018 तक, G7 देशों की कुल संपत्ति 317 ट्रिलियन डॉलर थी और यह दुनिया की कुल संपत्ति का 58% प्रतिनिधित्व करती थी। इसके अलावा, G7 देशों का GDP में 46% से अधिक का योगदान है। सात भाग लेने वाले देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं।
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सात के समूह का इतिहास क्या है? History of G7
तेल संकट और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण 1973 में तत्कालीन राष्ट्रपति बैलेरी जिस्कॉर्ड डी एस्टेइंग के समय संगठन की शुरुआत हुई थी। वहीं, 1975 में इस संगठन की पहली बैठक केवल छह देशों के साथ हुई थी। कनाडा को भी 1976 में इस संगठन में शामिल किया गया था जो मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र, कानून के शासन, सतत विकास और समृद्धि जैसे मुद्दों पर काम करता है। G7 शिखर सम्मेलन हर साल 49 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। यूरोपीय संघ को भी G7 की बैठकों में आमंत्रित किया जाता है । भाग लेने के लिए हर साल कई देशों को निमंत्रण भेजे जाते हैं।
किन देशों को किया जाता है शामिल – Eligibility to be member of G-7 Gorup
G-7 में शामिल देश कई मायनों में अभी भी दुनिया में पहले स्थान पर हैं। यहां हम ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बात कर रहे हैं:
- G7 देश दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक हैं।
- इन देशों के पास सोने का सबसे बड़ा भंडार है।
- ये सभी सात देश दुनिया में बड़े पैमाने पर परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
- 2018 के लिए, G7 देशों की कुल संपत्ति में 317 ट्रिलियन डॉलर (31,700,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं। यह विश्व की कुल संपत्ति का 58% प्रतिनिधित्व करता है।
- G7 देशों का ग्लोबल जीडीपी में 46% से अधिक का योगदान है।
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G7 क्या करता है? Works of G-7
G7 देश हर साल एक शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं। इसमें विश्व अर्थव्यवस्था की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस साल के शिखर सम्मेलन में कोरोनावायरस महामारी और वैक्सीन का विषय प्रमुख था।
सात देश हर साल बारी-बारी से G7 की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं। जिस देश को अध्यक्षता मिलती है, उस वर्ष का शिखर सम्मेलन वहीं होता है। इस साल 2022 में इस G7 Summit की यूनाइटेड किंगडम को अध्यक्षता मिली है और शिखर सम्मेलन इंग्लैंड के कॉर्नवाल में आयोजित किया जाएगा।
साल भर जी7 देशों के मंत्री और अधिकारी मिलते हैं, बैठकें करते हैं, समझौतों पर हस्ताक्षर करते हैं और संयुक्त बयान देते हैं।
क्या G7 के पास कोई ताकत है? Power of G-7
- इस समूह का कोई कानूनी आधार नहीं है। सदस्य राज्यों के सांसदों को G7 शिखर सम्मेलन में किए गए वादों और समझौतों से सहमत होना चाहिए।
- G7 कोई कानून नहीं बना सकता क्योंकि उनके सभी देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया अलग है और आम कानून सभी पर लागू नहीं हो सकता है।
- G7 वास्तव में समन्वय के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। यहां महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करके रोडमैप तैयार किया जा सकता है।
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G-7 के सामने चुनौतियां – G7 Challenges in Future
- सात के समूह के देशों के बीच भी कई असहमतियां हैं। पिछले साल कनाडा में हुए शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अन्य सदस्य देशों से असहमति जताई थी।
- राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि अन्य देश संयुक्त राज्य अमेरिका पर अत्यधिक आयात शुल्क लगा रहे हैं। यह पर्यावरण के मुद्दे पर सदस्य राज्यों के साथ भी मतभेद था।
- वर्तमान वैश्विक राजनीति और आर्थिक मुद्दों को संबोधित नहीं करने के लिए समूह की भी आलोचना की गई है।
- अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिणी गोलार्ध का कोई भी देश इस समूह का हिस्सा नहीं है।
- इस समूह को भारत और ब्राजील जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं द्वारा चुनौती दी गई है, जो G20 का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन G7 का हिस्सा नहीं हैं।
- कुछ वैश्विक अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कुछ G20 देश 2050 तक G7 के कुछ सदस्यों को पीछे छोड़ देंगे।
भारत के लिए क्यों है खास? G7 and India Role
यह पर क्लियर कर दे के अभी तक तो भारत G7 का हिस्सा नहीं है । पर फिर भी G7 में भारत की बात होती ही रहती है । क्योके विश्व भारत को वर्ल्ड में मजबूत देश मानता और तेजी से आगे बाद रही अर्थवयवस्था है ।
2020 में G7 सम्मेलन में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संगठन में भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और रूस को शामिल करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस संगठन को G7 से G10 या G11 में बदलने का भी सुझाव दिया। ट्रंप का मानना है कि भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है, इसलिए इसे इस संगठन में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही, भारत ने अगले कुछ वर्षों में अर्थव्यवस्था के आकार को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। कौन G7 में शामिल होना चाहता है, ताकि भारतीय उद्योग यूरोपीय बाजार में रियायतें हासिल कर सकें।
इस वर्ष 2021 के सम्मेलन का विषय “बिल्डिंग बैक बेटर” है। कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस G7 smaelan में भाग लाया था । यह पर आपने वाले समय में Corona जैसे महामारी से बचने के प्रयासो पर चर्चा की गयी थी । 2019 में, जब फ्रांस ने इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आधिकारिक निमंत्रण के साथ भाग लिया।
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चीन इस समूह का हिस्सा क्यों नहीं है? G7 and China
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन वह इस समूह का हिस्सा नहीं है। इसका कारण यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहां रहती है और प्रति व्यक्ति आय G7 देशों की तुलना में बहुत कम है।
ऐसे में चीन को विकसित या उन्नत अर्थव्यवस्था नहीं माना जाता है, इसलिए वह समूह में शामिल नहीं है। हालांकि चीन G20 देशों के समूह का हिस्सा है, लेकिन इस समूह में शामिल होकर वह शंघाई जैसे आधुनिक शहरों की संख्या बढ़ाने का काम कर रहा है।
कभी रूस भी शामिल था G8 में – Russia and G8
1998 में, रूस भी इस समूह में शामिल कर लिया गया था जिसके चलते यह G7 से G8 हो गया । लेकिन क्रीमिया के कब्जे के बाद 2014 में रूस को समूह से निलंबित कर दिया गया था।
अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि रूस को समूह में शामिल किया जाना चाहिए “क्योंकि रूस को वार्ता की मेज पर हमारे साथ होना चाहिए”।

सवाल जवाब (FAQ)
वर्ल्ड की सबसे बड़ी अर्थवयवस्था और GDP वाले देशो का समूह है । G-7 अर्थात ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (Group of Seven) फ्राँस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे देशों का एक समूह है।
फ्राँस,
जर्मनी,
इटली,
यूनाइटेड किंगडम,
जापान,
संयुक्त राज्य अमेरिका,
कनाडा
नहीं । पर 2020 में अमेरकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत को G-7 में शामिल करनी का प्रस्ताव रखा था ।
नहीं
1998 में, रूस भी इस समूह में शामिल हुआ था जिसके चलते यह G7 से G8 हो गया । लेकिन 2014 में क्रीमिया के कब्जे के बाद रूस को समूह से निलंबित कर दिया गया था।
पिछले साल, ग्रुप ऑफ़ सेवन का 47 वां शिखर सम्मेलन जून 2021 में यूनाइटेड किंगडम में हुआ था और यह 2021 के लिए ग्रुप ऑफ़ सेवन का मुख्यालय है। सात सदस्य देशों में ग्रुप ऑफ़ सेवन शिखर सम्मेलन सालाना आयोजित किया जाता है।
Germany (2022 Host)
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको G-7 kya hai ? G7 Kya hai in Hindi me, कौन कौन से देश G7 में शामिल है ? कौन सा देश कब शामिल हुआ कर कौन सा निकला गया ? G7 counties के पास कितना पैसा और ताकत है ? Bharat and G7 role ? क्या भारत G7 में शामिल हो पाएगा ? G-7 के सामने क्या क्या चनौतिया है ? में बारे अच्छी जानकारी मिला होगा । अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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