ज्ञानवापी मस्जिद विवाद क्या है ? gyanvapi masjid vivad kya hai | THE GYANVAPI CASE | Gyanvapi Masjid Survey Report | Gyanvapi Masjid Case | gyanvapi masjid controversy | gyanvapi masjid images
हेलो दोस्तों, आज की तारीख में अखबार हो या टीवी सभी जगह एक खबर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है और उस विषय पर देश में काफी गरमा गरमी भी तेजी के साथ बढ़ रही है। मुद्दा है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि हाल के दिनों में कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था और वीडियोग्राफी की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। सर्वे में मस्जिद के अंदर भगवान शंकर जी का 12 फीट लंबा शिवलिंग प्राप्त हुआ है जो इस बात की गवाही देता है, कि यहां पर पहले मंदिर था लेकिन हिंदू पक्ष के इस तर्क को मुस्लिम पक्ष निकालने की कोशिश की है। कोर्ट ने मस्जिद के उस हिस्से को पूरी तरह से सील करने का आदेश दे दिया है जहां पर कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता है। जब तक इस मसले पर फैसला ना जाए ऐसे में दोस्तों आप लोगों के मन में सवाल जरूर आएगा।
तो आखिर में Gyanvapi Masjid vivad kya hai और इसकी शुरुआत कब हुई थी अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े-
1992 में बनारस के एक पुरोहित ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जहां पर ज्ञानवापी मस्जिद है पहले वहां पर मंदिर था। इसलिए कोर्ट उस मस्जिद के वीडियोग्राफी करवाएं ताकि प्रमाण मिल सके कि वहां पर मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर था उसके बाद ही कोर्ट में ज्ञानवापी केस की प्रक्रिया शुरू हो गई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि 15वीं सदी में मुगल शासक औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ के एक भाग को तोड़कर वहां पर मस्जिद की स्थापना की थी। काशी विश्वानाथ मंदिर का निर्माण मालवा राजघराने की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दावा किया कि मस्जिद परिसर में कई देवी देवताओं के मंदिर हैं। हालांकि उस समय मामला उतना चर्चा का विषय नहीं बन पाया जितना आज की तारीख में बन गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर इतिहासकारों के बयान भी अलग अलग है कुछ इतिहासकार कहते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना एक साथ की गई थी। और कुछ इतिहासकारों ने इस बात की पुष्टि करने की कोशिश की है कि औरंगजेब काफी सेकुलर शासक था वह सभी धर्मों का आदर करता था। इसके विपरीत कुछ इतिहासकार बोलते हैं कि औरंगजेब आक्रांता था उसने कई हजार हिंदू मंदिरों को तोड़कर वहां पर मस्जिदों का निर्माण करवाया है इसलिए इतिहासकारों के बयान भी इस मसले को लेकर काफी अलग अलग है।
ऐसा कहा जाता है कि 1984 में हिंदू धर्म गुरुओं की एक सभा हुई थी और इस सभा में इस बात को प्रस्ताव के तौर पर रखा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद जहां पर है वहां पर पहले हिंदू मंदिर थी। इसलिए इस मस्जिद को हमें भंग करना होगा और वहां पर फिर से मंदिर का निर्माण करना होगा। इसके बाद साल 1991 में यह मामला कोर्ट पहुंचा, जब काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशज पंडित सोमनाथ व्यास, डॉ रामरंग शर्मा और सामाजिक कार्यकर्ता हरिहर पांडे ने वाराणसी सिविल कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर कर दी।
याचिका में दलील दी गई कि इसके ऊपर 1991 का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991लागू नहीं होता है। या एक प्रकार का कानून है जिसके मुताबिक 1947 से पहले जो भी मंदिर और मस्जिद जिस स्थिति में है उसकी स्थिति उसी प्रकार बहाल रहेगी उसी के साथ कोई भी छेड़छाड़ या बदलाव जैसी चीजें नहीं हो सकती है। इस कानून को तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव ने संसद से पारित करवाया था हालांकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में या कानून लागू नहीं होता है। क्योंकि इसके पहले अयोध्या मंदिर केस भी सुप्रीम कोर्ट में चला था उसने इस कानून को लागू नहीं किया गया था।
ज्ञानवापी मस्जिद की दीवारों में साफ तौर पर दिखता है कि इसके पिलर हिंदू मंदिर से मिलते-जुलते लगते हैं। इस वक्त या मामला बनारस के नीचे अदालत में चल रहा है जहां पर याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मस्जिद को हिंदू पक्ष को सौंप देना चाहिए। हालांकि 1992 में भी याचिका कोर्ट में दायर की गई थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद समय-समय पर हिंदू पक्ष ने विभिन्न प्रकार के अदालत में याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने मसले पर स्टे लगा के रखा। लेकिन आज की तारीख में कोर्ट ने मसले पर सुनवाई करने के लिए 4 महीने का समय लिया है और इसके लिए सभी परिसर जहां पर हिंदू मूर्ति होने की संभावना है उसकी वीडियोग्राफी करने के निर्देश जारी किए हैं और वीडियो काफी पूरा भी हो गया है।
करोड़ो रुपए का मानहानि का केस कैसे बनता है | Manhani case kaise kre | Defamation Case File
ज्ञानवापी मस्जिद के ऊपर मुसलमानों का कहना है कि या 1991 में बनाए गए प्लेस ऑफ़ वरशिप एक्ट का उल्लंघन है। जिसके तहत कोई भी धार्मिक स्थल आजादी के पूर्व जहां पर स्थित है उसके स्थिति में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने उनके इस तर्क को अभी तक माना नहीं है देखना होगा कि कोर्ट इसके ऊपर क्या फैसला सुनाता है ।
वाराणसी के निचली अदालत में विजय शंकर रस्तोगी नाम के एक वकील ने याचिका दायर कर यह दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण अवैध है क्योंकि यह मस्जिद मन्दिर को तोड़ कर बनाई गयी है। याचिका में मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की गयी, यह मामला अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिसंबर 2019 में आया था।
अप्रैल 2021 में वाराणसी की अदालत ने एएसआई को सर्वेक्षण करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। हालाँकि, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और ज्ञानवापी मस्जिद चलाने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी ने रस्तोगी की याचिका का विरोध किया और मस्जिद के सर्वेक्षण के वाराणसी अदालत के आदेश का भी विरोध किया।
ज्ञानवापी मस्जिद की नवीनतम अपडेट यह है कि जब से यहां पर भगवान शंकर जी का 12 फीट लंबा शिवलिंग मिला है कोर्ट ने पूरे उस भाग को सील करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही सीआरपीएफ के बटालियन को वहां पर तैनात रहने को कहा ताकि शांति व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। कोई भी अनजान व्यक्ति उस परिसर में ना जा पाए इसके लिए भी सरकार ने कड़े बंदोबस्त वहां पर किए हैं। क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं कि 1952 में ज्ञानवापी मस्जिद की तरह बाबरी का भी मामला था पर हजारों की संख्या में लोगों ने बाबरी मस्जिद के अवैध ढांचे को नष्ट कर दिया था।इसी आशंका को देखते ही देखते हुए कोर्ट ने आदेश जारी किया है ताकि ज्ञानवापी मस्जिद की भी ऐसी दुर्दशा ना हो जाए जैसी बाबरी का हुआ था।
कोर्ट ने कहा है कि जहां भगवान शंकर का शिवलिंग प्राप्त हुआ है। उस पूरे जगह को सील किया जाए लेकिन मंदिर परिषद में नमाज पढ़ने की इजाजत होगी। लेकिन एक साथ 20 से अधिक लोग वहां पर नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। बनारसी कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है, अगली सुनवाई 19 मई 2022 को हुई थी। देखना होगा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद की वीडिग्राफी की गयी है । जिसको कोर्ट में पेश किया गया है । जिसमे मस्जिद परिषर में शिवलिंग मिला है। आपको यूट्यूब पर ज्ञानवापी मस्जिद की वीडिग्राफी की अनेको अनेक वीडियो मिल जाएगी । पर आपको यहां पर आपको 3D form में वीडियो दिखाई गयी है। आप निचे वीडियो में Gyanvapi mosque video survey videography 3D form में देख सकते है।
Map Link : Click Here
1991 में वाराणसी की एक अदालत में दायर एक याचिका में दावा किया गया था कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के आदेश पर 16 वीं शताब्दी में उनके शासनकाल के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को ध्वस्त करके किया गया था। याचिकाकर्ताओं और स्थानीय पुजारियों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी।
यह अपील पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक मुकदमे से निकली है जिसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवता हैं और हिंदुओं को साइट पर अपने हिंदू देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे पहले वाराणसी कोर्ट ने साइट का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने के लिए एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था।
मस्जिद समिति ने कहा कि “शिवलिंग” वास्तव में एक पानी के फव्वारे का हिस्सा था।
ज्ञानवापी मस्जिद बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। इसका निर्माण औरंगजेब ने 1669 में एक पुराने शिव मंदिर को तोड़कर किया था।
ज्ञानवापी मस्जिद में जो शिवलिंग मिला है वह पानी के तालाब जिसको वुजू कहा जाता है में मिला है । जिसको मुस्लिम पक्ष पैन का फुहारा मानता है।
12 फ़ीट का
हिंदू समूहों का आरोप है कि 16वीं शताब्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर की संरचनाओं को ध्वस्त करने के बाद मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा मस्जिद का निर्माण किया गया था।
हम आशा करते है इस आर्टिकल से आपको gyanvapi masjid case in hindi में अछि तरह में बताया है। यह पर हमने Gyanvapi Masjid vivad kya hai ? Gyanvapi masjid Case reasons , Supreme court statement on Gyanvapi masjid Case , ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिला और सील करने का आदेश । इसके इलावा Gyanvapi mosque Shivling or fountain के इलावा Gyanvapi Masjid History शुरू से अंत तक बताया है। इसके इलावा अगर आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।
क्रिकेट सट्टेबाजी एक प्रचलित मनोरंजन और पैसे कमाने का एक सुनहरा मौका हो सकता है,…
नमस्कार दोस्तों , अगर आप पैसे दे के लाटरी टिकट Buy करते थे तो यह…
हेलो दोस्तों, आज कल सबके पास Gmail Account होना आम बात है । किसी किसी…
How to Check Aadhaar Card usage History :- हेलो दोस्तों आज कल सब जगह Proof…
अरे यह भी कोई बताने की बात है? वैसे भी लड़को को सब पता होता…
हेलो दोस्तों, बहुत से लोग यही सोचते रहते है के उसने iPhone Buy कर लिया…