Kabootar Nest Fact Story
आपने देखा ही होगा के कबूतर हमेशा ही अपना घोंसला बेढंगे तरीके से बनता है । इसके पीछे भी एक बहुत ही रोचक कहानी है । आइए शुरू करते है :-
एक बार की बात है एक पेड़ की डाल पर एक कबूतर और कबूतरी रहते थे| कुछ समय बाद कबूतरी ने 5 अंडे दिए। एक दिन कबूतर और कबूतरी भोजन की तलाश में दूसरी जगह पर गए हुए और पीछे से आकर चालाक लोमड़ी ने वहां आकर उनके सारे अंडे खा लिए। Kabootar nest fact story
जब कबूतर और कबूतरी वापस आए तो उन्होंने देखा कि वहां पर अंडे नहीं है। कबूतर और कबूतरी का दिल टूट गया। अंत में कबूतर ने घोंसला बनाने की ठान ली। उसने कुछ तिनके इकट्ठा किए पर उसे लगा कि वह तो जानता ही नहीं कि घोंसला कैसे बनाया जाता है।
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घोंसला बनाना सीखने के लिए उसने दूसरे पक्षियों को बुलाया। पक्षी उसका घोंसला बनाने लगे। साथ ही, कबूतर को सिखाते भी जाते। पंछियों ने घोसला बनाने के लिए अभी कुछ तिनके रखें ही थे कि कबूतर ने उन्हें रोकते हुए कहा मैं खुद भी घोसला बना सकता हूं। पक्षी तिनके पटक कर उड़ गए।
कबूतर ने एक तिनका एक टहनी पर रखा। दूसरा, दूसरी टहनी पर रखा। पर वह घोंसला ना बना सका।उसने फिर सभी पंछियों को बुलाया। उन्होंने मिलकर घोंसले का आधा हिस्सा पूरा किया ही था कि कबूतर फिर चिल्ला उठा:- ‘मुझे पता है यह कैसे बनता है’
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पक्षियों ने कहा, तुम खुद बना सकते हो तो बना लो हमे क्यों बुलाया। पर कबूतर से फिर भी कुछ नहीं बना। पक्षियों को तीसरी बार फिर बुलाया लेकिन इस बार कोई भी पंछी नहीं आया।
मन जा रहा है कि इसलिए दोस्तों कबूतर का घोंसला आज तक भी बेढंगे तरीके से बना चला आ रहा है।Pigeon nest fact story
निष्कर्ष
जब भी किसी की सलाह लेनी हो तो पूरी सलाह लेनी चाहिए । बिच में टोका ताकि नहीं करनी चाहिए ।
जब भी किसी से कुछ न्य सीखना हो तो पूरी तरह से खली पात्र बन जाओ ।

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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