क्या है इस पोस्ट में ?
Miscarriage kaise roke – हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में miscarriage kya hai और miscarriage kaise roke के बारे में जानगे ! ये तो आप सभी को पता ही है की हर एक महिला का बस एक ही सपना होता है की उसका एक प्यारा सा baby हो ! जिसके चलते वो अपने baby के लिए पहले से ही बहुत सारे सपने देख लेती है ! जरुरी ही नही की सिर्फ एक महिला को ही माँ बनने का शोंक हो, बल्कि बहुत से पुरुषो को भी बाप बनने का बहुत शोंक होता है ! जिसके चलते दोनों पार्टनर मिलकर अपने आने वाले बच्चे के लिए पहले से ही तैयारी करने लगते है ! ऐसे में अक्सर कई बार लोगो की प्रेगनेंसी गर्भपात हो जाती है !
ऐसे में यदि आपको नही पता है की miscarriage kya hota hai जिसके चलते आप आय दिन पहले से ही बहुत सारी तैयारी करते हो ! जिसके लिए पहले से ही miscarriage kya hota h और miscarriage me kya hota hai में लोगो से पूछते रहते हो और ऐसे में सही से जानकारी ना मिल पाने के कारन आप गूगल पर ही miscarriage meaning kya hota hai व् miscarriage symptoms in hindi आदि लिख कर सर्च करते रहते हो तो ऐसे में ये पोस्ट खास आपके लिए ही है ! जहाँ पर हम आपको आसान शब्दों में miscarriage ke karan kya hai के साथ ही साथ miscarriage ke baad kya khaye के बारे में भी जानगे ! जिससे की आप अपने miscarriage को समय से पहले ही काबू कर सकोगे !

गर्भपात यानि की miscarriage kya hai ?
अंग्रेजी में गर्भपात को मिसकैरेज कहा जाता है और यह गर्भपात एक महिला की मानसिकता एवं शारीरिक रूप पर काफी बुरा प्रभाव डालता है, क्योंकि गर्भपात के कारण गम से बाहर निकलना एक महिला के लिए बहुत ज्यादा कठिन दिन होता है ! जिसके चलते मुझे डिप्रेशन भी हो जाता है और गर्भपात के बाद दोबारा से गर्भधारण करने के लिए भी महिला का भावनात्मक रूप से एवं शारीरिक रूप से तैयार होना भी जरूरी है ! जो कि काफी ज्यादा कठिन हो जाता है ! गर्भावस्था के 20वे सप्ताह से पहले ही जब भ्रूण मृत्यु हो जाती है तब उसे मेडिकल कंडीशन में मिसकैरेज कहा जाता है ! जब भी किसी महिला को लगातार तीन या फिर उससे अधिक बार गर्भपात हो जाता है तो ऐसी स्थिति में रिकरंट मिश्रित यानी कि बार-बार गर्भपात होना कहते हैं !
miscarriage meaning in hindi ?
miscarriage का मतलब प्रेगनेंसी के दौरान जब आपका baby आपके पेट में ही ख़राब हो जाता है ! जिसके पीछे कई सारे कारन हो सकते है ! ऐसे में महिला के पेट में पूर्ण रूप से भूर्ण नही बन पाता है और समय से पहले ही पेट से गिर जाता है ! जिसे हम miscarriage के नाम से जानते है !
यदि हम आसान भाषा में समझे तो miscarriage तब होता है जब आप प्रेगनेंसी के दौरान अपना सही से ध्यान नही रखते हो और आप खान पान में लापरवाही बरतते हो ! इसके अलावा कई बार महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान कही अधिक वजन उठा लेती है ! जिसके चलते इस प्रकार की समस्या देखने को मिलती है ! जिसके हम हिंदी में गर्भपात के नाम से भी जानते है !
Types ko Miscarriage in Hindi ?
यदि आप Miscarriage कितने प्रकार के होते है के बारे में जानना चाहते हो लेकिन आपको नही पता है की Miscarriage kitne prkar ke hote hai तो ऐसे में अप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित पॉइंट्स को step by step फॉलो कर सकते हो ! जहाँ पर हमने आपको आसान शब्दों में Miscarriage कितने प्रकार के होते है के बारे में बारीकी से बताया है ! जिससे की आप समय से पहले ही अपने Miscarriage यानि की गर्भपात पर काबू कर सकते हो !
- मिस्ट गर्भपात
- पूर्ण गर्भपात
- अधूरा गर्भपात
- अपरिहार्य गर्भपात
- संक्रामक गर्भपात
Miscarriage kyu hota hai ?
अक्सर महिलाएं गर्भावस्था की स्थिति में काफी सावधानी बरतती है और उनके घर परिवार वाले भी उनका काफी ख्याल रखते हैं परंतु कुछ ऐसे कारन होते है जिसके चलते गर्भपात हो जाता है ! ऐसे में यदि आपको नही पता है की garbhpaat kyu hota hai तो ऐसे में अप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित पॉइंट्स को step बनी step फॉलो कर सकते हो ! जहाँ पर हम आपको आसान शब्दों में kyu hota hai miscarriage के बारे बारीकी से बताया है !
1. कुछ मुख्य कारण
मुखिया रूप से गर्भपात होने के कारणों में सर्वप्रथम खानपान पर ध्यान न देना, पेट में चोट लगना, पेट पर भार देना या फिर योनि में इन्फेक्शन होना आदि जैसे लक्षणों को बताया जाता है ! इसके अलावा भी बहुत सारे कारण है जिनका रोज आना जिंदगी से काफी लेना-देना है उसकी वजह से भी गर्भपात हो जाता है !
2. क्रोमोसोमल असमान्यता
क्रोमोसोमल असामान्यता एक ऐसा गर्भपात है जिसमें माता-पिता या फिर दोनों में से किसी एक के क्रोमोजोम में किसी भी प्रकार की असामान्य ता पाई जाती है !
3. प्रतिरक्षा संबंधित समस्याएं
कई बार प्रतिरक्षा से संबंधित समस्याओं का भी गर्भपात से संबंध है क्योंकि इसे कारण भी गर्भपात हो जाता है जैसे कि एलर्जी और अस्थमा या फिर औटो इंप्लीमेंटरी सिंड्रोम की समस्याएं जो कि गर्भाशय में भ्रूण को स्थानांतरण नहीं होने देता यानी कि उसका इंप्लांटेशन नहीं करने देता है !
4. स्पर्म या फिर अंडा में गुणवत्ता की कमी
कई बार अंडा या फिर स्पर्म में गुणवत्ता की कमी होने के कारण भी गर्भपात हो सकता है, क्योंकि अंडा या स्पर्म की क्वालिटी बेहतर नहीं होने पर गर्भपात का खतरा अक्सर रहता है ! डॉक्टर के मुताबिक स्पर्म की संख्या भी स्वास्थ्य गर्भावस्था में बड़े पैमाने पर भूमिका निभाता है !
5. एंडोक्रोनोलॉजीकल डिसऑर्डर
एंडॉक्रिनलॉजी कल डिसऑर्डर की वजह से थायराइड ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज और कुशिंग सिंड्रोम के कारण भी गर्भपात हो सकता है और ऐसा डॉक्टरों का कहना है !
6. गर्भाशय की समस्या के कारण
कई बार महिलाओं के गर्भपात में गर्भाशय का आकार ही उचित नहीं होता जो कि गर्भाशय की समस्या कहलाता है और इसी के चलते गर्भपात हो जाता है ! इस प्रकार की समस्या में महिला के गर्भाशय में किसी भी तरीके का कोई समस्या या फिर बीमारी है तो गर्भपात की संभावना अधिक बढ़ जाती है !
7. पीसीओडी या फिर पीसीओएस का होना
महिलाओं में अक्सर पीसीओडी या फिर पीसीओएस की बीमारी को पाया जाता है जो कि पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर है और दूसरा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी है जो कि महिला को गर्भपात होने के संकेत देता रहता है ! इसे ठीक करने के लिए कई सारे उपचार भी खासतौर पर महिलाओं को कराए जाते हैं क्योंकि महावरी ही महिलाओं के जीवन में काफी सटीक चीज है जो गर्भधारण के लिए काम करती है ! ऐसे में यदि पीसीओडी या फिर पीसीओएस किसी भी महिला को होता है तो उसे अवश्य रूप से भविष्य में मिसकैरेज की प्रॉब्लम झेलनी पड़ सकती है !
Miscarriage Symptoms in Hindi ?
गर्भपात के खास तौर पर कुछ लक्षण होते हैं जिसकी मदद से एक महिला को इस बात का अंदाजा लग सकता है कि उसकी प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या फिर गर्भपात हो रहा है या नहीं या फिर हो चुका है ! यदि आप भी मिसकैरेज के सिम्टम्स के बारे में जानना चाहते हैं तो गर्भपात के कुछ लक्षण हमें नीचे निम्नलिखित प्रकार से दिए हैं, कृपया ध्यान दें और इसे जरूर याद रखें ! ताकि आपके साथ भी कभी कुछ ऐसा हो तो आपको पता चल सके कि आपके साथ क्या हो रहा है !
- योनि से रक्तस्राव होना गर्भपात के लक्षणों में से एक हो सकता है !
- यदि पेट पीठ के निचले हिस्से में दर्द या फिर ऐठन होती है तो गर्भपात का लक्षण है !
- यदि योनि से तरल पदार्थ का डिस्चार्ज हो रहा है तो यह भी गर्भपात का एक लक्षण है !
- योनि से उत्तक का डिस्चार्ज होना भी गर्भपात का लक्षण बताता है !
- रक्त स्त्राव के दौरान खून के थक्के आना गर्भपात का लक्षण है !
- गर्भावस्था के लक्षणों का कम होना भी गर्भपात का लक्षण है !
- स्तनों में दर्द और उल्टी कम होना या फिर उल्टी बिल्कुल ही ना होना जैसी गर्भावस्था वाली लक्षणों का कम हो जाने पर गर्भपात होने की संभावनाएं है !
Note: यदि आप ऊपर बताए गए इन सभी लक्षणों से कुछ ग्रस्त पाते हैं तो आपको यह अनुभव करते ही पता चल जाएगा कि आपका गर्भपात होने वाला है या फिर गर्भपात होने की संभावना है, तो इसके लिए आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाकर परामर्श करना चाहिए और डॉक्टरों की सलाह यही है कि लक्षणों को नजरअंदाज ना करें !
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कैसे गर्भपात का निदान किया जाता है (गर्भपात की जांच कैसे होती है) ?
यदि आपको यह लग रहा है कि ऊपर बताएंगे लक्षणों को आप अनुभव कर रहे हैं और आप चेक करवाने की कोशिश कर रहे हैं और आपको डर लग रहा है तो हमने आपको नीचे निम्नलिखित प्रकार से कैसे गर्भपात का निर्धारण किया जाता है और गर्भपात की जांच कैसे होती है? इसके बारे में जानकारी प्रदान की है !
ताकि आप इसे पढ़कर थोड़ी संतुष्टि मिल सके कि आपको गर्भपात के लक्षणों को महसूस करने पर किस प्रकार से डायग्नोस्टिक आ जाएगा और किस प्रकार से आप की टेस्टिंग की जाएगी ! क्योंकि काफी सारी महिलाएं टेस्टिंग कराने से डर जाती है ! यदि आप भी उन लोगों में से हैं तो नीचे पॉइंट पर जरूर ध्यान दें !
पेल्विक की जांच : डॉक्टर द्वारा इस जांच के दौरान मरीज के गर्भाशय ग्रीवा यानी कि सर्विस की जांच की जाती है !
अल्ट्रासाउंड : डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड के दौरान भ्रूण के दिल की धड़कनों की पुष्टिकरण की जाती है कि वह भ्रूण सामान्य रूप से विकसित हो रहा है या फिर नहीं होगा !
खून की जांच : इसमे डॉक्टरों द्वारा मरीज खून की जांच के दौरान रक्त में ह्यूमन कोरियोनिक गोनेडोटरोपिन के स्तर की पुष्टि की जाती है !
उत्तक की जांच : डॉक्टरों द्वारा मरीज की उत्तक की जांच की जाती है ! जिसके अंतर्गत गर्भाशय की ग्रीवा से बाहर निकलने वाले उत्तक को जांचा जाता है !
क्रोमोसोम की जांच : डॉक्टर द्वारा इस प्रक्रिया के अंतर्गत क्रोमोसोम की जांच की जाती है ! जिसमें क्रोमोसोम से संबंधित समस्या की पुष्टिकरण करते हैं और इसके लिए खून की जांच भी की जाती है !
Miscarriage hone se kaise roke ?
कौन मां नहीं चाहेगी कि उसका गर्भपात होने से बच जाए और उनकी खुशियों में गर्भपात के चलते दरार ना आये ! यदि लक्षणों के आधार पर या फिर जांच के दौरान डॉक्टरों द्वारा इस बात की आशंका जताई जाती है कि गर्भपात का खतरा है ! तब ऐसे में सर्वप्रथम डॉ गर्भपात को रोकने की कोशिश करते हैं जिसके अंतर्गत गर्भपात के उपचार का उद्देश्य सर्वप्रथम लिंग को कम करना एवं संक्रमण और दूसरे संभावित खतरों से रोकना होता है ! गर्भपात या मिसकैरेज होने से कैसे रोके तो इसके लिए इलाज कई तरीके से किया जाता है ! जिसमें हेपरिन, सर्जरी, एस्पिरिन, आईवीएफ और प्रोजेस्टेरोन आदि जैसे तकनीकी शामिल है !
- सर्जरी की मदद से गर्भाशय की समस्याओं का पूर्ण रूप से इलाज किया जाता है !
- खून के थक्कों को दूर करने के लिए डॉक्टर द्वारा है हेपरिन और एस्पिरिन जैसी दवाइयों को निर्धारित करते हैं !
- उसी के साथ-साथ डॉक्टरों द्वारा प्रोजेस्टेरोन दवाओं एवं सप्लीमेंट के उपयोग के सुझाव भी प्रदान करते हैं। ताकि उन्हें गर्भावस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक हार्मोन की प्राप्ति हो सके !
- इसके अलावा गर्भपात को रोकने के लिए दुबारा गर्भधारण करने के लिए आईवीएफ तकनीक का उपयोग किया जाता है ! जिसमें दंपतियों को प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में समस्याएं आती है ! उनके लिए आईवीएफ एक वरदान की तरह काम करता है !
आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि miscarriage kya hai और kyu hota hai miscarriage और इसके अलावा miscarriage hone se kaise roke, ऐसे में यदि आप भी मां बनने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको इन सब बातों का पता होना चाहिए और खास तौर पर अपने खान पान में मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको गर्भपात की दिक्कत ना हो ! यदि आपको किस से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल पूछना हो तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपको जवाब देने की पूर्ण रूप से कोशिश करेंगे !

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