क्या है इस पोस्ट में ?
Mp Bungalow Allotment Law | The Public Premises (Eviction of Unauthorized People) Amendment Bill, 2019 | सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर अब कसेगा शिकंजा | MP bungalow | How are Union ministers allotted bungalows | mp bungalow in delhi | Lutyens bungalow types | MPs Bungalow Types
हेलो दोस्तों, जैसा कि आपने जानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर सरकारों का चयन जनता के द्वारा किया जाता है। केंद्र में सरकार बनाने के लिए सांसदों की जरूरत पड़ती है भारत के लोकसभा में कुल मिलाकर 546 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अगर लोकसभा का चुनाव जीता है तो उसे सरकार की तरफ से दिल्ली में सरकारी बंगले आवंटित होते हैं। ऐसे में आपके मन में सवाल आता होगा कि आखिर में सांसदों और नेताओं को सरकारी बंगले आवंटित कैसे होते हैं? उसकी प्रक्रिया क्या होती है? Mp Bungalow Allotment Law आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े-
टाइप 8 बंगला, सबसे उच्च श्रेणी का माना जाता है.। यह लगभग तीन एकड़ (थोड़ा कम-ज्यादा भी) का होता है। इन बंगलों की मुख्य बिल्डिंग में 8 कमरे (5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम) होते हैं। इसके अलावा कैम्पस में एक बैठकखाना और बैकसाइड (कैम्पस के अंदर ) में एक सर्वेन्ट क्वार्टर भी होता है। आम तौर पर टाइप 8 बंगला कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, पूर्व प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति (अथवा इनके जीवित पत्नी/पति) और वरिष्ठतम नेताओं को आवंटित किया जाता है। टाइप 8 बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णमेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर हैं।
Government Residence Bungalow Type 8 | Mp Bungalow Allotment Law
सरकारी आवास बंटते कैसे हैं – Mp Bungalow Allotment Law ?
- सरकारी आवासों के आवंटन, रख-रखाव और किराये का काम डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट (DOE) देखता है।
- इस विभाग को 1922 में बनाया गया था।
- ये विभाग मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन एंड हाउसिंग अफेयर्स के तहत आता है।
- सांसदों और मंत्रियों को सरकारी बंगले बांटे जाते हैं और यह सरकारी बंगले दिल्ली के लिए किस जोन में स्थापित किए गए हैं जहां पर देश के बड़े-बड़े मंत्री और सांसद जाते हैं।
दिल्ली में सरकारी बंगले आवंटित करने के लिए 1963 में केंद्र सरकार के द्वारा अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट रेसिडेंज नियम बनाए गए थे। जिसके तहत दिल्ली का लोटस जो ने केंद्र सरकार के अधीन आता है और केंद्र सरकार यहां पर बंगलो का आवंटन सैलरी और कितने सीनियर नेता है उसके आधार पर उन्हें बंगले अलॉट किए जाते हैं। राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों और मंत्रियों को अगले आवंटन करने का काम दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा हाउस कमेटी के द्वारा किया जाता है। MP Bungalows Allotment Process
MP | राज्य सभा मेंबर कैसे बने और उनकी पॉवर – Rajya Sabha Members Election Process in Hindi

सरकारी बंगलों कितने प्रकार के होते है – MP Bungalows Types
I से टाइप IV के सरकारी बंगले आमतौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलते हैं। जबकि, टाइप VI से टाइप VIII तक के बंगले सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों को आवंटित किए जाते हैं।
टाइप 8 सबसे बड़े बंगले किनको आवंटित किया जाता है – Govt Bungalow Type 8
Type 8 में सबसे बड़े सरकारी बंगले वाली आते हैं और इस प्रकार के बंगले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज भूतपूर्व उपराष्ट्रपति पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व राष्ट्रपति वित्त आयोग के अध्यक्ष जैसे लोगों को दिए जाते हैं। भतार के बंगले में 5 बेडरूम के होते हैं और इसके अलावा प्रकार के बंगले में सर्वेंट क्वार्टर लोन और गैरेज की भी व्यवस्था रहती है। टाइप 8 बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णमेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर स्थित है।
टाइप 7 बंगला इन लोगों को दिया जाता है- Govt Bungalow Type 7
टाइप 7 बंगले विशेष तौर पर राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, कम से कम पांच मर्तबा सांसद रहे व्यक्तियों को आवंटित होता है। राहुल गांधी को टाइप 7 बांग्ला सरकार की तरफ से दिया गया है । इस प्रकार का बंगला रोड, लोधी इस्टेट, कुशक रोड, कैनिंग लेन, तुगलक लेन आदि में हैं। इस प्रकार के बंगले में चार बैडरूम होता है।
पहली बार सांसद बनने पर टाइप 5 बंगला -Govt Bungalow Type 5
पहली बार अगर कोई जीतकर सांसद बनता है तो उसे सरकार की तरफ से पहले 5 टाइप का बंगला दिया जाता था लेकिन आज की तारीख में नए शर्तों के अनुसार उसे 6 Type का बंगला सरकार प्रदान करेगी। इसके लिए सरकार ने कुछ विशेष योग्यता और नियम निर्धारित किए हैं। ऐसे बंगले उन्हें ही दिए जाएंगे जो राज्य में विधायक पहले बने हैं या मंत्री Type 5 बंगले को चार भागों में विभाजित किया गया है। उसके अनुसार ही पहली बार जीते हुए सांसद को बंगले दिए जाएंगे।
- टाइप फाइव (ए) के तहत एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम सेट आवंटित किया जाता है।
- वहीं टाइप फाइव (बी) में एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम सेट मिलता है।
- जबकि टाइप फाइव (सी) में ड्राइंग रूम और तीन बेडरूम सेट दिया जाता है।
- वहीं टाइप फाइव (डी) में ड्राइंग रूम और चार बेडरूम सेट।
इसके अलावा बंगले के रखरखाव करने के लिए सांसद को सरकार की तरफ से ₹30,000 महीने दिए जाते हैं। अगर उससे अधिक अगर खर्च हो जाए शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से फंड Approved दिया जाएगा।
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किसी सांसद को घर नहीं मिलता है सरकार किराया देगी – House Rent to Mps
अगर किसी सांसद को सरकार की तरफ से घर आवंटित नहीं किया गया है तो वह दिल्ली के किसी भी जगह पर रूम किराया लेकर रह सकता है। उसका पूरा किराया सरकार उसे प्रदान करेगी। इसके अलावा अगर कोई पूर्व सांसद सरकारी बंगले में रहता है तो उसे मार्केट के हिसाब से किराया देना होगा तभी जाकर वहां पर रह पाएगा।

हालिया कुछ वर्षों में इनसे खाली कराया गया आवास – Recent few years, the house vacated from them
चिराग पासवान :
लोजपा सांसद चिराग पासवान से दिल्ली स्थित 12 जनपथ वाले घर को खाली कराया गया। चिराग ने कहा कि 29 तारीख को सपरिवार खुद घर से निकल कर जाने को तैयार था, पर जबरदस्ती फोर्स भिजवा कर सामान फेंका गया। रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद दिल्ली में 12 जनपथ बंगलों को खाली करने का आदेश दिया गया था।
प्रियंका गांधी वाड्रा :
कांग्रेस महासचिव को 2020 में 35 लोधी एस्टेट हाउस में आवंटित आवास एक महीने के भीतर खाली करने का नोटिस भेजा गया है। SPG कवरेज हटा दिए जाने के बाद आप आवासीय सुविधा के हकदार नहीं हैं। इसे 21 फरवरी, 1997 को एसपीजी-संरक्षित बंगला नामित किया गया था। लेकिन अधिक सुरक्षा के लिए Z में बंगला उपलब्ध नहीं है।
अधीर रंजन चौधरी:
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से चौथी बार सांसद बने चौधरी यूपीए सरकार के दौरान 2012 में रेल राज्य मंत्री बनने के बाद चाणक्यपुरी के मोतीबाग अपार्टमेंट परिसर में स्थित एक बंगले में रहने चले गए। लेकिन मंत्री के पद से बर्खास्त होने के बाद उन्हें डिप्टी के रूप में टाइप 6 बंगला दिया गया, तो चौधरी ने इसे लेने से इनकार कर दिया। स्थिति यह थी कि Bungalow खाली कराने पहुंचे अधिकारियों को अपना सामान निकालकर दूर रखना पड़ा। उसकी बिजली पहले ही काट दी गई थी। मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया और अदालत को चौधरी से कहना पड़ा कि उन्हें “अपनी गरिमा दिखानी चाहिए”।
अंबिका सोनी और कुमारी सेल्गा:
2015 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्यसभा कांग्रेस के दो सांसदों को मंत्रिस्तरीय आठवें बंगले को खाली करने का आदेश दिया, जिस पर उन्होंने मंत्रियों के रूप में पद छोड़ने के बाद भी कब्जा कर लिया था। राज्यसभा सचिवालय ने अदालत को सूचित किया है कि अब उन्हें टाइप VII मंजिल आवंटित की गई है। साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
शरद यादव:
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को दिल्ली में एक बंगला खाली करने का आदेश दिया, जो उन्हें 31 मई, 2022 तक एक सांसद के रूप में सौंपा गया था। यादव दिसंबर 2017 में राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित होने के बाद अदालत में गए थे। शरद यादव ने 15 दिनों के भीतर बंगला खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और हर्षवर्धन को बंगला खाली करने के आदेश भेजे गए थे। यह अब आठवीं कक्षा की MP Bungalows के लिए पात्र नहीं है। ऊर्जा विभाग ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को नोटिस भेजकर चाणक्यपुरी में अपना आवंटित आवास खाली करने को कहा है।
चुनाव आयोग (Election Commission) पूरी जानकारी | Chunav Aayog Kya hota hai @eci.gov.in
अगर कोई पूर्व सांसद सरकारी बंगले खाली नहीं करता है तो ? What if MP does not vacate the government bungalow?
2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से समय-समय पर पूर्व मंत्रियों और सांसदों को इन निजी बंगला से बेदखल करने का अभियान चलता रहा है। जिसमें उनके डिप्टी और एक पूर्व मंत्री भी शामिल है । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने अपने पहले साल में ही लुटियंस बंगले से करीब 460 लोगों को निकाल दिया है। यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है। बेदखली का मुख्य कारण यह है कि आवास सीमित है और नए मंत्रियों और अधिकारियों के लिए आवास ढूंढना एक मुश्किल काम है। इसलिए ज्यादातर डिप्टी और पूर्व मंत्रियों को निकाला गया। सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत रहने वालों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2019 में संसद में पारित किया गया था। इजिसके तहत सरकारी आवासीय आवासों से अनिधिकृत रहने वालों को आसानी से और तीव्र गति से बेदखल करने की सुविधा है।
बंगला खाली करने का नोटिस मिला तो उन्होंने बंगला खाली नहीं किया और उसके बाद फिर से उन्हें दोबारा नोटिस भेजी गई जिसके बाद उन्हें बंगला खाली कर दिया। अगर कोई भी पूर्व सांसद बंगला खाली करने से मना करता है तो उसे 10,00000 का जुर्माना देना होगा और अगर सरकार को नोटिस जारी करती है तो उस नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर उसे देना ही होगा।
Download The Public Premises (Eviction of Unauthorized People) Amendment Bill, 2019 PDF
सवाल जवाब (FAQ)
ये कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, राज्य मंत्रियों (MoS) और भारत सरकार के प्रमुख सचिवों के लिए हैं।
सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत रहने वालों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2019
15 दिनों
10,00000 का जुर्माना
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको MP Bungalow Allotment kaise hota hai ? MP Bungalows kitne type के होते है ? किस आधार पर किसको कौन सा बंगला दिया जाता है ?Mp Bungalow Allotment Law क्या है ? The Public Premises (Eviction of Unauthorized People) Amendment Bill, 2019 , बंगला खली करने के लिए नोटिस आदि के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है । अगर आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मेडी अपर फॉलो करे । धन्यवाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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