New Property Registration Act, Process :- हेलो दोस्तों , क्या आप भी Property खरीदने या बेचने के बारे में सोच रहे है । तो Property लेने से पहले आपको इंडियन जमीन कानून के बारे में पूरा पता होना चाहिए । Indian Land Record Law in hindi के बारे में आपको पता होगा तो आप प्रॉपर्टी खरीद बेच में होने वाले धोखाधड़ी से बच सकते हो । Land Record Law of India kya hai ? Property buy करने में आपकी हेल्प करने के लिए हम यह पर Land Record Law , 1908 के बारे में विस्तार में चर्चा करेंगे । पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े ।
भारत में सभी प्रॉपटी की रजिस्ट्री रजिस्ट्री अधिनियम, 1908 ( Land Record , 1908 ) अंतर्गत की जाती है । यही वह कानून है जिसके अंतर्गत Property Sale Purchase की जाती है । वैसे तो हर स्टेट के अपने अपने Land Act है ।
पंजीकरण एक दस्तावेज को नामित अधिकारी के साथ पंजीकृत करने और इसे एक सार्वजनिक रिकॉर्ड के रूप में रखने की प्रक्रिया है। कानून का उद्देश्य पंजीकरण से संबंधित कानून का मानकीकरण करना और पंजीकरण की विधि का निर्धारण करना है। पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों का चयन करें। यह दस्तावेज़ दाखिल करने और पंजीकरण के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित करता है और दस्तावेज़ की उचित फाइलिंग सुनिश्चित करता है।
संपत्ति से संबंधित कई लेन-देन जो अनिवार्य पंजीकरण को आकर्षित करते हैं, उनमें उच्च मूल्य वाली आवास इकाइयों और भूमि की खरीद शामिल है। पंजीकरण अधिनियम 1908 की धारा 17 के तहत, 100 रुपये से अधिक की अचल संपत्ति की बिक्री से जुड़े सभी लेनदेन को दर्ज किया जाना चाहिए। इसका प्रभावी रूप से मतलब है कि सभी अचल संपत्ति बिक्री लेनदेन को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए, क्योंकि अचल संपत्ति को सिर्फ 100 रुपये में नहीं खरीदा जा सकता है। सामान दान करने पर भी यही नियम लागू होता है। यद्यपि दाता को संपत्ति के लिए कोई मौद्रिक प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है, उपहार विलेख कानूनी वैधता के लिए पंजीकृत होना चाहिए। इसके अलावा, 12 महीने से अधिक की अवधि के लिए सभी किराये के लेनदेन को भी अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाना चाहिए।
प्रॉपर्टी के बियाने से लेकर इंतकाल तक आपको पुरे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है । प्रॉपर्टी लेके समय सौदा होने पर पहले बयाना करे । इसके बाद Registry Date book करे । रजिस्ट्री पेपर तैयार कराए हुए तहसीलदार के पास जमा कराए । अपने जमीं के इंतकाल आपके नाम होने तक wait करे जो के 3-4 हफ्ते का होता है । इसके बाद फर्द सेंटर से जमाबादी निकट और आप पूरी तरह से प्रॉपर्टी के मालिक बन गए ।
Property Registration Step By Step ( Property Registration Act Rules )
जब आप किसी डीलर या अपने किसी जानने वाले से जमीन, मकान या जमीन का प्लॉट खरीदते हैं। तो सबसे पहले संपत्ति उसके असली मालिक के नाम पर होती है, यह सब जानना बहुत जरूरी है। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर इस जमीन या मकान को लेकर कोई विवाद है तो मुकदमा नहीं चल रहा , क्योके बाद एम् इन बातो से दिकत होता है ।
कोई भी सम्पति डायरेक्ट कोई किसी कोई नहीं बेचता खरीदता । बिच में कोई दलाल , प्रॉपर्टी डीलर जरूर होता है ।यदि आप कोई संपत्ति खरीदते हैं, तो ऐसी स्थिति में, किसी कंपनी या डीलर से, जो जमीन या घर खरीदता है, अब तक आपके द्वारा खरीदे गए मकानों और जमीनों की संख्या की पृष्ठभूमि की जांच करें। अगर आप कोई रियल एस्टेट कंपनी से मकान , फ्लैट , प्लाट क्ले रहे है तो पहले से Real Estate Company के रजिस्ट्रेशन ननुम्बर के बारे में पता कर के वेरीफाई कर ले ।
अगर आप किसी सिटी म माकन , फ्लैट ले रहे है तो आपको और भी सतर्क होना चाहिए । जिस कंपनी से आप फ्लैट ले रहे है तो उस साइट के लिए RERA number registration होता है । डीलर से RERA number पूछे और इसको उस राजय की RERA वेबसाइट पर जा के RERA number verify करे । इस के लिए हम अपने पिछले आर्टिकल में डिटेल जानकारी दे चुके है ।
बहुत से लोग संपत्ति खरीदते समय कीमत यानी बाजार मूल्य की जांच नहीं करते हैं। आप जो खरीद रहे हैं उसकी कीमत क्या है यानी अगर आप अभी कोई संपत्ति खरीदते हैं तो यह आपके पैसे बचाएगा या नहीं पर यह आपको एक सस्ती संपत्ति देगा। आप अपने पास से ज्यादा कैश ले सकते हैं, इसके अलावा प्रॉपर्टी की कीमत भी जगह के हिसाब से होती है। यह बात भी धयान में रखे एग्रीकल्चर , माकन और प्लाट की कीमत में काफी अंतर् है ।
आगरा आप कोई प्रॉपर्टी लेते है तो आपको कुछ एक्स्ट्रा खर्चे भी देने पड़ते है । अपार्टमेंट (FLAT) या घर लेने के बाद आपको पानी , पार्किंग , maintenance अदि खर्चे हर महीने देने पड़ते है । इसके बारे में पहले से ही बात कर ले । Property Tax भी लगता है । जो के हर स्टेट के हिसाब से अलग अलग होता है । Property registry में कितना रुपए लगेगा । इसके बारे में पहले से ही डीलर से पूरी बात साफ कर ले । होम रजिस्टर पर वस्तुएं यदि आप ऐसा करने के बाद उन्हें एकत्र करते हैं, तो शुरू में संपत्ति लेने से पहले, सभी वस्तुओं को हटा दें और यदि संभव हो तो उन्हें लिखित रूप में लें।
अक्सर कई बार लोग घर खरीदते समय पानी का बिल या बिजली का बिल भूल जाते हैं, इसीलिए कई बार ऐसा होता है कि जो व्यक्ति इस घर या संपत्ति का मालिक है, उसने बिल का भुगतान नहीं किया है, तो ऐसे में आपको करना होगा यह। यह सब भुगतान करें। पानी का बिल घर का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपको एक बार बिजली का बिल भरना पड़ सकता है, इसलिए यह सब पहले से जान लें।
देश में वैसे तो Indian Land Registration Law है । पर फिर भी हर स्टेट के आपने अपने हिसाब से State Land Registration Act है । इस लिए आपको यह पपर आप प्रॉपर्टी ले रहे है । उस स्टेट के Land Purchase Law के बारे में पता होना चाहिए ।
इसके इलावा Agriculture land , Plot , माकन या Flat registry अलग अलग तरिके से होती है । जिसके बारे में आपको पता करना होता है । नहीं तो आप किसी Advocate की भी legal help ले सकते है ।
जैसे के हमने आपको ऊपर बताया है के प्रॉपर्टी लेने से पहले या Property Agreement करने से पहले ऊपर बताई गयी बाते धयान में रखे । इसके बाद ही Property Registry process के लिए आगे बढ़े। तो कहाँ और kaise property register kre ? जानते है निचे दिए स्टेप्स के दुवारा :-
संपत्ति खरीदने या घर का पंजीकरण करने से पहले, आपको संपत्ति का बाजार मूल्य पता होना चाहिए। यानी के आपने जो अपार्टमेंट, जमीन या घर लिया, और इस क्षेत्र में इसका वर्तमान मूल्य क्या है, साथ ही उस क्षेत्र में सरकारी जमीन कीमत भी जान लेना चाहिए।
आपको इस सरकारी रेट के हिसाब से ही Stamp Paper खरीदना होता है । इस Property Registration Stamp Paper को आम बोल चल की भाषा में इस्टाम पेपर भी खा जाता है । अब सवाल उठता है कि यह स्टाम्प टैक्स क्या है ? अपने नाम रजिस्टर या फिर कहे पंजीकरण करवाते हो तो इससे पहले आपको स्टाम्प ड्यूटी बनाना पड़ता है जिसके लिए आपको कुछ पैसे देने होते है सरकार को तभी जमीन की रजिस्ट्री करवा सकते हो। यह एक तरह से राजय सर्कार दुवारा आपसे Property Registration Charges लिया जाता है ।
अगला कदम आपको Stamp Duty Paper खरीदना होते है । इसके लिए आपको पहले ऊपर बताए अनुसार Property की valuation निकलना है । इसके बाद इस वैल्यूएशन को वह के सरकारी रेट के साथ compare करना है । आप सरकारी रेट से कम के stamp duty paper नहीं खरीद सकते । इसके ऊपर कोई भी कीमत के Stamp Duty Paper buy कर सकते है ।
मन लो आपने 25 लाख की प्रॉपटी का सौदा किया । इसकी कमर सरकारी रेट के हिसाब से 15 लाख है तो आप 15 लाख या इससे ज्यादा कोई भी कीमत के Stamp Paper खरीद सकते है ।
आप ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरिके से Property Stamp Paper buy कर सकते है । आप चाहें तो इन स्टाम्प पेपर्स को अधिकृत विक्रेताओं से खरीद सकते हैं या आप चाहें तो इस पेपर को ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। Online Stamp Duty Papers buy करने के लिए आपको राजय के सरकारी Account नंबर में पेमेंट ट्रांसफर करना होता है । जिसके बाद आपको निर्धारित नजदीकी बैंक में से Stamp Papers issue कर दिए जाते है । आप stamp duty paper payment करने के 2-3 दिन के बाद बैंक से जाकर यह Property Astaam paper ले सकते है ।
इसके बाद आपको कचहरी में जाना है औए वह पर बैठे किस रजिस्टर्ड वकील से Property Registry कागजात लिखवाने है । जिसमे Property मालिक की तरफ से खरीदने वाले के नाम property transfer करने के बारे में डिटेल में लिखा जाता है । जमीन , एरिया , खाता- खतौनी नंबर , दाए- बाए क्या है सभ कुछ डिटेल में लिखा जाता है ।
यह सब लिखवाने के बाद इसको अचे से जाँच ले और बाद में Stamp Duty Paper पर इसको प्रिंट करा ले । Property Area , कीमत आदि के बारे में पूरा जाँच कर ले ।
Propert registry होने के 3-4 हफ्ते केलिए आपको आपने Property इंतकाल का wait करना होता है । इसके बाद आपकी रजिस्ट्री कंप्यूटर रिकॉर्ड में अपडेट हो जाता है । जिसके बाद इसको jamin ka intkaal होना कहते है । जमीन का इंतकाल आपके नाम पर होने से आप इस Property के पूरी तरह से मालिक बन जाते है ।
इस jameen ka intkal होने के 1-2 हफ्ते के बाद आपने इलाके से farad centre में जाए और अपनी प्रॉपर्टी की jmabandi निकलवा ले । इसमें आप अपना Property Record देख सकते है ।
इस उद्देश्य के लिए स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, या किसी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी पहचान का कोई अन्य प्रमाण शामिल है। हस्ताक्षरकर्ताओं को भी अधिकार की शक्ति प्रस्तुत करनी होगी, यदि वे किसी और का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ऐसे में पंजीकरण शुल्क के रूप में 5.20 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। अगर यह रिकॉर्ड पुरुषों के नाम होता तो उन्हें 6.25 फीसदी फीस देनी पड़ती। इसमें 5.25 प्रतिशत स्टांप टैक्स और निगमों पर एक प्रतिशत कस्टम टैक्स शामिल होगा। इसका मतलब है कि कलेक्टर की गाइड लाइन के लिए भूमि की कीमत का 6.25 प्रतिशत शुल्क के रूप में जमा करना होगा।Source
किसी संपत्ति के खरीद समझौते को पंजीकृत करने में विफलता, आपको भारी जोखिम में डाल सकती है। कोई भी दस्तावेज जो अनिवार्य रूप से पंजीकृत होना आवश्यक है, लेकिन पंजीकृत नहीं है, उसे किसी भी न्यायालय में साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
पंजीकरण की आवश्यकता वाले दस्तावेजों को इसके निष्पादन के चार महीने के भीतर पंजीकरण के लिए अपेक्षित शुल्क के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
जिन दस्तावेजों को पंजीकृत करने की आवश्यकता है, उन्हें सब-रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कार्यालय में जमा किया जाना चाहिए, जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति आती है। दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए विक्रेता और क्रेता के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को दो गवाहों के साथ उपस्थित होना होगा।
इसमें वे सभी नियम और शर्तें शामिल हैं जिनके तहत स्वामित्व हस्तांतरित किया जाता है। संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 के अनुसार, जो संपत्ति की बिक्री से संबंधित मामलों को निर्धारित करता है, के मुताबिक अचल संपत्ति की बिक्री के लिए दो पक्षों के बीच तय हुई शर्तों का एक कॉन्ट्रैक्ट होता है
राजस्व संहिता में सामान्य परिस्थितियों में 45 दिनों के भीतर और कोई आपत्ति होने पर 90 दिनों के भीतर मुकदमा दायर करने का प्रावधान है। वास्तव में, इसमें अधिक समय लगता है।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Jamin ki registry kaise kre ? New Property Registration Act, Process, Fees, Jmabandi क्या है ?प्रॉपर्टी सेल खरीद करते समय किन बातो का ख्याल रखे ? Property valuation kaise nikale ? Stamp Paper kya होता है ? Stamp Duty paper fees कितना होता है ? Property Registration Process in hindi ? intkaal kya होता है ? अदि के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । इसी प्रकार की किसी और जानकारी के साथ अगले आर्टिकल में मिलेंगे ।
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