क्या है इस पोस्ट में ?
Avishwas Prastav kya hota hai | Motion of no confidence | avishwas prastav in indian constitution | avishwas prastav meaning in hindi | lok sabha me avishwas prastav | avishwas prastav article number
दोस्तों आप लोगों ने हाल के दिनों में अखबार और टीवी में इस बात की खूब चर्चा सुनी होगी कि पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें इमरान सरकार के पास संसद में बहुमत नहीं होने के कारण उनकी सरकार गिर गई।
वहां पर अब नई सरकार का गठन होगा ऐसे में आप लोगों के मन में भी सवाल जरूर आता होगा कि आखिर में अविश्वास प्रस्ताव होता क्या है? और अविश्वास प्रस्ताव के नियम क्या होते हैं? किसी भी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने के प्रक्रिया क्या होती है? अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं, तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े आगे जाने-
अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है – Avishwas Prastav kya hota hai
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि जब भी किसी देश में या राज्य में चुनाव होते हैं। वहां पर जो भी सरकार जनता के द्वारा चयनित होकर आती है। वह जनता के हित में काम करती है। तो फिर यह अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है? इसे समझने से पहले आपको या समझना होगा कि जब किसी भी में सरकार का गठन होता है तो कई बार को सरकार को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है। जिसके लिए सरकार के गठन में कई पार्टियां मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करती हैं। ऐसे में जब कोई भी पार्टी की सरकार कई पार्टियों के द्वारा मिलकर बनी होती है और ऐसे में उनके बीच की कोई पार्टी अपना समर्थन उस पार्टी से वापस ले ले तो ऐसी स्थिति में उस सरकार के पास बहुमत नहीं होता है।
जिसके कारण विपक्ष सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए संसद के स्पीकर को नोटिस देता है। उस नोटिस में इस बात का उल्लेख होता है कि जो सरकार सत्ता में है उसके पास बहुमत नहीं है। ऐसे में उसके खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए, जिससे उस सरकार को सत्ता से बाहर या कमजोर किया जा सके। अब आपको समझ में आ गया होगा कि अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है?
Candidate कितनी जगह से चुनाव लड़ सकता है। Maximum Seat Limit for Candidate in Election
संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया क्या है
भारतीय संविधान के अंदर अनुच्छेद 118 में इस बात का वर्णन है, कि संसद स्वयं इस बात को सुनिश्चित कर सकता है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया को शुरू कैसे किया जा सके? 118 अनुच्छेद के अंतर्गत संसद में 198 प्रावधान की शुरुआत की गई है।
जिसके अंतर्गत अगर कोई भी लोकसभा का सदस्य लिखित रूप से अधिक कार्य लोकसभा के स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कह सकता है। इसके बाद स्पीकर संसद के अंदर इस प्रस्ताव को पड़ेगा।
अगर इस प्रस्ताव के ऊपर 50 से अधिक सांसदों की स्वीकृति मिल जाती है तो ऐसी स्थिति में संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है। विशेष तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है और उसे स्थिति में संसद के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे इसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
सरकार के पक्ष में कितनी वोटिंग हो रही है और विरोध में कितनी हो रही है उसके आधार पर ही इस बात का निर्धारण किया जाता है कि सरकार गिर जाएगी या बच जाएगी। अगर सरकार गिर जाती है तब प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप देगा। इसके अलावा ऐसे में अगर सरकार बन जाती है तो 6 महीने तक विपक्ष का कोई भी नेता या पार्टी सरकार के खिलाफ में संसद में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आ सकती है।
नए कर्मचारी के लिए ESIC रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया | ESIC Employee Registration Online | @esic.nic.in
स्पीकर के द्वारा वोटिंग की प्रक्रिया कैसे की जाती है – Avishwas Prastav Process
वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सबसे पहले स्पीकर 5 मिनट तक घंटी बजाएगा ताकि संसद के अंदर सभी सांसद उपस्थित हो सके। उसके बाद संसद के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे। वोटिंग के द्वारा कोई भी सांसद संसद के बाहर ना जा सकता है और ना ही अंदर आ सकता है।
इसके बाद स्पीकर इस बात की घोषणा करता है कि कितने सांसद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं हां बोले कितने इसके विरोध में ना बोले इस बात का निर्धारण किया जाता है। सरकार के पक्ष में कितने लोगों ने वोटिंग की है और विरोध में कितने उसके आधार पर होगा कि सरकार बहुमत में है या अल्पमत में।
एग्जिट पोल क्या है ? Opinion Poll Vs Exit Poll | Exit Poll Kya hota hai

भारत में अविश्वास प्रस्ताव कितनी बार हुआ है – How many time Avishwas Prastav
भारत में अविश्वास प्रस्ताव कुल मिलाकर 26 बार हुआ है। सबसे अधिक अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी के खिलाफ हुआ था लेकिन इंदिरा गांधी की सरकार ने सभी अविश्वास प्रस्ताव को पास किया और विपक्ष इन सभी प्रस्ताव में असफल साबित हुआ।
- लाल नेहरू के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव 1963 में आया था जो असफल साबित हुआ।
- इसके अलावा बीपी सिंह के खिलाफ भी संसद में अविश्वास प्रस्ताव आया था लेकिन कि सरकार बच गई थी।
- मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री थे उनकी सरकार पार्लियामेंट में अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिर गई थी
- प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सर्कार भी अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिर गई थी
- 2014 में जब देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तब 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन प्रस्ताव असफल साबित हुआ
अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए प्रधानमंत्री क्या कर सकता है
अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए प्रधानमंत्री अपना इस्तीफा दे सकता है। इसके अलावा वह संसद को भंग कर सकता है जिसके द्वारा दोबारा से चुनाव होने की अधिसूचना राष्ट्रपति चुनाव आयोग को देगा।
सवाल जवाब (FAQ)
किसी भी माजूदा सर्कार की हटाने के लिए यह लाया जाता है । जिसका मतलब है के सत्ता पक्ष सर्कार के पास सर्कार चलने के लिए पर्यापत बुहमत नहीं है । अगर यह संसद में पास हो जाता है तो सरकार गिर जाती है ।
कार्य स्थगन प्रस्तान (Work Adjournment Motions)
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Call Attention Motion)
विशेषाधिकार प्रस्ताव (Privilege Motion)
निन्दा प्रस्ताव (Censure Motion)
कटौती प्रस्ताव (Cut Motions)
अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion)
कुल 26 बार
जब अविश्वास प्रस्ताव के कारण सरकार की गई है पहला मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री थे उनकी सरकार पार्लियामेंट में अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिर गई थी और दूसरे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे।
सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव 15 बार परधानमंत्री इन्द्रा गाँधी सर्कार के खिलाफ आया था
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको सर्कार कैसे गिर जाती है ? किसी माजूदा सर्कार को गिराने या हटाने के लिए क्या करना चाहिए? और अगर किसी सर्कार को अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए क्या कर सकता है ? इंडिया में अब तक कितने बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है ? आपके इन सभी सवालों का जवाब हमने यहा देने की कोशिश की है। अगर आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यावाद।
यह भी पढ़े :-
- विधायक और सांसद में अंतर | MP vs MLA | Sansad aur Vidhayak mein Antar
- [राष्ट्रपति चुनाव] द्रोपति मुर्मू कौन है | Rashtrapati Election Process in Hindi
- अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ तो सर्कार गिर जाती है | Avishwas Prastav kya hota hai
- राज्य सभा मेंबर कैसे बने और उनकी पॉवर – Rajya Sabha Members Election Process in Hindi
- Candidate कितनी जगह से चुनाव लड़ सकता है। Maximum Seat Limit for Candidate in Election
- जाने वोट डालने से लेकर Vote Counting तक का पूरा प्रोसेस | EVM Polling Booth to Vote Counting Process kya hai in hindi

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
धन्यवाद। About Us