Online Marriage Registration Process in india :- हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में हम बहुत ही अधिक महत्पूर्ण टॉपिक Marriage Registration क्या है ? Marriage Registration क्या है ? Online Marrigae Registsation kaise kre ? भारत में आज कल प्रॉपर्टी विवादों के चलते और शादी धोखाथाड़ी के चले Marriage Registration करने का चलन बाद रहा है । तो यह Online मैरिज रजिस्ट्रेशन कैसे करे , कहा करे , Marriage Registration Fees कितना है ? इसकी पूरी जानकरी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढ़े ।
आप शादी अपने घर वालो की पसंद से Arrange Marriage या लव मैरिज करते है । इसको आपने रिश्तेदार, दोस्त अदि ही जानते है, पर सर्कार के पास क्या मैरिज होने का कोई सबूत नहीं है । इसी शादी को गवर्नमेंट के पास अपनी मैरिज की Legal Marriage Register करने को ही Marriage Registration कहते है । यह आपको अपने राजय के Court में Shadi panjikarn करना पड़ता है ।
विवाह प्रमाणपत्र आपकी शादी का कानूनी प्रमाण है और तलाक और परित्याग सहित सभी प्रकार की जटिल स्थितियों में आपकी रक्षा करता है। यह दस्तावेज़ इतना अधिक भार वहन करता है कि यह हमेशा व्यापक प्रतिरोध को प्राप्त करता है। वे कह सकते हैं, “जब तक ऐसा शुद्ध बंधन स्थापित हो रहा है, तब तक इस तरह के विचार रखना प्रतिकूल है।” या, “विवाह जैसे पारंपरिक रिश्ते को इसकी वैधता को प्रमाणित करने के लिए वकीलों और अधिकारियों की आवश्यकता क्यों होती है?” यदि आप अपनी शादी को पंजीकृत करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन विरोधियों द्वारा हतोत्साहित किया गया है, तो बस इसे याद रखें: विवाह पंजीकरण, इसके सार से, आराम देने वाला है। वह शादी के बंधन पर सवाल नहीं उठाता; यह आपके द्वारा जीवन के लिए बनाए गए रिश्ते को मजबूत करता है।
विवाह पंजीकरण परिभाषा ( Online Marriage Registration Process)
आप अपना मैरिज काम लगत या Luxury तरिके से शादी करते हो, यह आपकी पसंद है ।लेकिन अपनी शादी का पंजीकरण कराना पसंद का मामला नहीं है, यह अनिवार्य है। ऑफलाइन विवाह पंजीकरण एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। इस स्थिति को कम करने के लिए, कुछ राज्य सरकारों ने ऑनलाइन विवाह पंजीकरण (Online Marriage Registration Portal) की शुरुआत की है।
विवाह प्रमाणपत्र भारत में आपके और आपके जीवनसाथी के बीच विवाह का कानूनी रूप से Documentary Proof है। 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में सभी विवाहों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया। किसी भी विवाह की तरह, विवाह रजिस्ट्री अद्वितीय है। आप कहाँ विवाहित हैं, आप कहाँ रहते हैं, और आपके पति या पत्नी के धर्म के आधार पर दस्तावेज़ भिन्न हो सकते हैं।
आपने शादी को Government के पास Shadi panjikarn करना पड़ता है , जिसके बाद यह Marriage Registration Process complete होने के बाद आपको आपकी शादी का Marriage Certificate मिलता है । जो के आपकी शादी का पक्का प्रूफ होता है ।
अगर शादी करने वाला जोड़ा निम्नलिखत किसी धर्म से संबंधित हैं तो उसको Hindu Shadi Act के अधीन Hindu Marriage Registration करना पड़ता है :-
कोई भी आपकी शादी का गवाह हो सकता है यदि वे शादी में शामिल हुए और उनके पास वैध पैन कार्ड और निवास का प्रमाण हो। Marriage Court Witness कोई आपका दोस्त , रिश्तेदार हो सकता है । पर Marriage Registration Witness के पास कोई वैलिड प्रूफ होना अनिवार्या है ।
विवाह पंजीकरण के लिए दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन प्राप्त होने के बाद, विवाह अधिकारी ( Marriage Officer ) उस 30 दिन की अवधि के भीतर आपत्ति दर्ज करने और किसी भी आपत्ति को सुनने के लिए सार्वजनिक नोटिस प्रदान करेगा।
यदि अधिकारी संतुष्ट है कि शर्तों को पूरा किया गया है, तो उसे विवाह प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा और इस प्रमाण पत्र पर शादी करने के इच्छुक दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और तीन गवाहों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
हिंदू विवाह के मामले में, विवाह आधिकारिक तौर पर सामान्य रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार होता है। हिन्दू मैरिज में अग्नि के दुवाले फेरे लिए जाते है । जिसको समाजिक तौर पे Hindu Marriage की मान्यता है ।
यदि विवाह निम्न श्रेणी में आता है, तो इसे शून्य और शून्य माना जाएगा और विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को दंडित किया जा सकता है। उपरोक्त श्रेणियों में आने वाले विवाह को शून्य माना जाता है। निषिद्ध विवाह के लिए विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय, पार्टियों को एक महीने की साधारण जेल की सजा या रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। 10,000/- रुपए या दोनों।
भारत बहुत बड़ा है और हर राजय , जाती के आपने अपने शादी के रीती रिवाज है । जिसके कारण इस Marriage Law का अधिकार राजय सरकारों को दिया गया है । Online Marriage Registration Process
विवाह पंजीकरण की सुविधा के लिए राज्य सरकार को नियम बनाने का अधिकार है। इस धारा के तहत बनाए गए किसी भी नियम को नियम बनने के बाद राज्य विधानमंडल के समक्ष लाया जाएगा। हिंदू विवाह रजिस्टर, जब आवश्यक हो, हर उचित समय पर निरीक्षण के लिए खुला है। यह घोषणा या घोषणाओं का स्वीकृत प्रमाण और आधिकारिक विवाह से प्रमाणित उद्धरण होगा।
हमने आपने इस आर्टिकल में आपके लिए Hindu Marriage Act के मुख्य पॉइंट्स को आपके सामने रखा है । क्योके सभी के लिए सरकारी डॉक्यूमेंट या Act copies को पढ़ना नहीं हो पता । पर अगर अब फिर भी Complete Hindu Marriage Act Read करना कहते है, तो आप निचे से Hindu Marriage Act , 1955 Pdf download कर सकते है । Online Marriage Registration Process क्या है , किस प्रकार से काम करता है सभी जानकारी इस PDF में मिल जाएगी ।
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, हिंदू विवाह कानून देश के सभी हिंदुओं और कुछ अन्य धर्मों पर लागू होता है। निजी विवाह अधिनियम 1954 (The Special Marriage Act) धर्म की परवाह किए बिना किसी भी भारतीय नागरिक पर लागू होता है। इस अधिनियम के तहत विवाह को पंजीकृत करने के लिए, आवेदकों को उपयुक्त विवाह रजिस्ट्री कार्यालय में लिखित अधिसूचना प्रस्तुत करनी होगी।
इस कानून के तहत, धर्म महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाता है और निजी विवाह अधिनियम 1954 के तहत कोर्ट मैरिज की जाती है। जब दो पक्ष इस कानून के तहत विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं, तो विवाह रजिस्ट्रार का कार्यालय आपके कार्यालय नोटिस बोर्ड पर एक नोटिस पोस्ट करेगा। अधिसूचना की एक प्रति दोनों पक्षों के आवासों को भेजी जाती है। यदि एक महीने के भीतर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होती है, तो औपचारिक रूप से विवाह संपन्न किया जा सकता है। किसी भी आपत्ति की स्थिति में जांच की जाती है और उसके अनुसार शादी को औपचारिक रूप दिया जाता है।
Marriage Certificate प्राप्त करने के लिए जो इस कानून के तहत विवाह को रिकॉर्ड करता है, दोनों पक्षों को तीन गवाहों की उपस्थिति में विवाह स्थापित करना होगा। गवाहों को अपना पहचान प्रमाण जैसे आधार कार्ड आदि दिखाना होगा। दोनों पक्षों को अपनी वैवाहिक स्थिति, पर्याप्त मानसिक स्थिति, निषेध की डिग्री के भीतर पार्टियों के बीच संबंधों की कमी, और पासपोर्ट आकार की तस्वीरों को साबित करने के लिए शपथ दिखानी चाहिए।
आपकी शादी को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से पंजीकृत कराने में कुछ शुल्क शामिल हैं। शुल्क ऑनलाइन मोड के माध्यम से जमा किया जा सकता है।विशेष विवाह अधिनियम एक धर्मनिरपेक्ष अधिनियम है जिसमें धर्म और कोर्ट मैरिज के बावजूद सभी लोग एक समान हैं और किसी भी धर्म के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।
इस Hindu marriage Act के अधीन शादी रजिस्टर करने के लिए 100-250 रुपए के बीच होता है । यह हर राजय में अलग अलग है । आगरा आप एक वर्ष के पश्चात Hindu Shadi Register करते हो तो इसके लिए आपको अधिक शुलक देना पड़ता है । 100 / – हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए और रु। 150/- विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए। आपको फीस कैशियर (रजिस्ट्रार के कार्यालय में) जमा करनी होगी और रसीद को अपने आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा।
इसके इलावा अगर आप किसी वकील के मदद लेते हो Marriage Registration में तो वह आपसे अपने चार्जेज अलग से लेता है ।
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भारत में विभिन्न धर्मों के रीति-रिवाजों से बना एक पारंपरिक विवाह वैध है। हालांकि, इसे पंजीकृत करना भी आवश्यक है। अगर आप समाजिक रीती रिवाजो से शादी करते है तो कोई दिकत नहीं है । आपको आपको अपनी शादी को क़ानूनी रूप देने के लिए Marriage Register करना अनिवार्य हो जाता है । 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में सभी विवाहों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया।
Hindu Marriage Act के अधीन हिन्दू, सिख , जैन , बोधी यह सभ धर्मो के Couple आते है ।
हिन्दू फैमली के इलावा सभी मैरिज The Special Marriage Act , 1956 के अधीन रजिस्टर होते है ।निजी विवाह अधिनियम 1954 (The Special Marriage Act) धर्म की परवाह किए बिना किसी भी भारतीय नागरिक पर लागू होता है।
लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और दुल्हन की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। यह भारत में शादी के लिए कानूनी उम्र है। इसके इलावा आप अगर छोटी आयु में शादी करते है तो यह दंडनीय है ।
आवेदक विवाह पंजीकरण के लिए अनुमंडल न्यायाधीश के कार्यालय में जा सकते हैं। आवेदक उस क्षेत्र के अधिकार क्षेत्र से संपर्क कर सकते हैं जहां विवाह हुआ था या जहां पति या पत्नी शादी से कम से कम छह महीने पहले रहते थे।
हाँ जी , Shadi register करने के लिए किसी एक गवाह का होना अनिवार्या है। Marriage Court Witness कोई आपका दोस्त , रिश्तेदार हो सकता है । पर Marriage Registration Witness के पास कोई वैलिड प्रूफ होना अनिवार्या है ।दूल्हे , दुल्हन दोनों की तरफ से एक एक गवाह अनिवार्या है ।
विवाह पंजीकरण के लिए दोनों पक्षों की तरफ से मैरिज रजिस्ट्रेशन आदेवन प्राप्त करने के बाद, विवाह अधिकारी 30 दिन के लिए Marriage Notice पब्लिश करता है । अगर इस समय के भीतर कोई आपत्ति दर्ज नहीं होता है तो Marriage Registration Complete मन जाता है । और जल्दी ही Marriage Certificate issue कर दिया जाता है ।
मैरिज रजिस्टर करना राजय सर्कार के अधीन आता है तो इस लिए सभी राजय में इसके Marriage Application Fees अलग अलग है । आम तौर पर यह 100-250 रुपए के बिच में होते है ।इसके इलावा अगर आप किसी वकील के मदद लेते हो Marriage Registration में तो वह आपसे अपने चार्जेज अलग से लेता है ।
गलत या छोटी आयु के Marriage Registration Application apply करने पर आपको पार्टियों को एक महीने की साधारण जेल की सजा या रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यह जुर्माना 10 हजार रुपए तक हो सकता है ।
यदि आप पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं या शादी के बाद बैंक खाता खोलते हैं, तो विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। यह पति और पत्नी के लिए वीजा प्राप्त करने में बहुत मददगार है। चूंकि भारत में और साथ ही भारत के बाहर के देशों में विदेशी दूतावास पारंपरिक विवाहों को मान्यता नहीं देते हैं, इसलिए पति-पत्नी के लिए जीवनसाथी के वीजा पर विदेश यात्रा करने के लिए विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य है। यह पति या पत्नी को बिना किसी उम्मीदवार के बीमित व्यक्ति या जमाकर्ता की मृत्यु की स्थिति में जीवन बीमा या बैंक जमा के पुनर्बीमा का दावा करने की अनुमति देता है।
हालांकि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और निजी विवाह अधिनियम १९५४ भारत में विवाह के अनुबंध और पंजीकरण की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले मुख्य कानून हैं, फिर भी विवाह के अनुबंध और पंजीकरण की प्रक्रिया की देखरेख के लिए अन्य कानून बनाए गए हैं। भारत में मौजूद अल्पसंख्यक धर्म।
भारत में और भारत के बाहर विदेशों में विदेशी दूतावासों में विवाह के प्रमाण के रूप में विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। जीवनसाथी वीजा के लिए आवेदन करते समय, विदेशी दूतावासों को विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है।
हम आशा करते है इस आर्टिकल से आपको शादी करने के साथ इस को Marriage Registration करना भी कितना जरूरी है ? Marriage Register kasie kre hindi में ? हिन्दू जोड़े शादी रजिस्टर कैसे करे ? Hindi Marriage Act kya hai ? गैर हिन्दू Marriage Register कैसे करे ? The Special Marriage Act, 1954 क्या है ? Marriage Register Application कैसे कहा करे ? Marriage Register Charges क्या है ? Online Marriage Registration Process ? हम आशा करते है आपके सभी Marriage Registration doubts clear हो गए होंगे । इसी प्रकार की किसी और जानकरी के साथ अगले आर्टिकल में मिलेंगे ।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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