क्या है इस पोस्ट में ?
Nupur Sharma Controversy | nupur sharma comment on muhammad | ओपेक क्या है | OPEC Kya Hai Hindi Me | OPEC Details In Hindi | OPEC Countries list in Hindi
हेलो दोस्तों, जैसा कि आप लोग जानते हैं कि आज की तारीख में भारत में नूपुर शर्मा विवाद काफी तेजी के साथ अपने पैर पसार रहा है। जिसके कारण भारत जिन देशों से कच्चे तेल खरीदता है उनके साथ भारत के रिश्ते आज की तारीख में काफी नाजुक स्थिति में पहुंच गए हैं। ऐसे में मैं आपको बता दूं कि हाल के दिनों में OPEC के द्वारा भारत के खिलाफ एक बयान जारी किया गया है। जो पूरी दुनिया को कच्चे तेल सप्लाई करता है जिसमें कहा गया है कि मोहम्मद पैगंबर के बारे में भारत में आपत्तिजनक बयान दिए गए हैं ऐसे में अगर भारत सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। अगर ऐसा नहीं करता है तो उन्हें हो सकता है कि भविष्य में भारत को इन देशों से तेल लेने में दिक्कत या परेशानी आ सके क्योंकि भारत अधिकांश तेल इन देशों से खरीदा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि आखिर में OPEC Kya है ? OPEC पूरा नाम क्या है? इसके प्रमुख कार्यक्रम क्या है? इसकी स्थापना कब की गई? ऐसे तमाम सवाल आपके मन में आ रहे होंगे अगर आप इनके जवाब जानना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े आइए जाने-
OPEC Full Form in Hindi
OPEC की फुल फॉर्म “Organization of the Petroleum Exporting Countries” है।
इसको हिंदी में “पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन” कहा जाता है।

ओपेक क्या है – OPEC Kya Hai
ओपेक दुनिया की पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन है। जिसका प्रमुख कार्य दुनिया को कच्चे तेल की आपूर्ति करना है। आज की तारीख में दुनिया में अधिकांश कच्चे तेल की आपूर्ति इन देशों के द्वारा ही की जाती है, इस संगठन के अंदर कुल मिलाकर 15 देश हैं। जिनको मिलाकर इसका निर्माण 1960 में किया गया था।
इसके संस्थापक देशों सदस्यों ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला का नाम आता है और आज की तारीख में इसका हेड क्वार्टर विएना, ऑस्ट्रिया में है। इस संस्था का मुख्य कार्यकारी अधिकारी आज की तारीख में नाइजीरिया का मोहम्मद सानुसी बरकिंडो को 1 अगस्त 2016 को तीन साल के कार्यकाल के लिए पद पर नियुक्त किया गया था, और 2 जुलाई, 2019 को फिर से 3 साल के लिए इसे चुना गया।
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OPEC Details In Hindi
नाम | Organization of the Petroleum Exporting Countries – CBI |
Type | कच्चे तेल की आपूर्ति वाले देशो का ग्रुप |
OPEC कार्य | कच्चे तेल की कीमतों की कंट्रोल करना |
OPEC Official Website | www.opec.org |
OPEC के सदस्य देशों के नाम क्या है – OPEC members countries
ओपेक के सदस्य देशों के नाम निम्नलिखित प्रकार के हैं जिनका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे जो इस प्रकार है
- अल्जीरिया
- अंगोला
- Congo
- ईक्वाडो
- गिनी
- गबोन
- ईरान
- इराक
- कुवैत
- लीबिया
- नाईजीरिया
- सउदी अरब
- संयुक्त अरब अमीरात
- वेनेजुएला

OPEC related Important Fact
- इक्वाडोर 1 जनवरी, 2020 को संगठन से हट गया।
- कतर ने 1 जनवरी, 2019 को अपनी सदस्यता समाप्त कर दी
- इंडोनेशिया ने 30 नवंबर, 2016 को अपनी सदस्यता निलंबित कर दी, इसलिए 2020 तक संगठन में 13 राज्य शामिल हैं।
- यह उल्लेखनीय है कि रूस, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया के कुछ सबसे बड़े तेल उत्पादक ओपेक के सदस्य नहीं हैं, जो उन्हें अपने स्वयं के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र छोड़ देता है।
OPEC का मिशन क्या है – OPEC Mission
ओपेक नामक संगठन बनाने का प्रमुख मिशन है कि दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों को स्थिर करना। अगर पेट्रोल के दामों में किसी प्रकार की उतार-चढ़ाव जैसी परिस्थिति आ रही है तो उसका नियंत्रित करने का अधिकार अपने हाथों में लेना। इसके अलावा दुनिया में कच्चे तेल का उत्पादन और भी अधिक से अधिक कैसे हो उस दिशा में अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर काम करना है। इसके अलावा दुनिया में कच्चे तेल की कमी ना हो और सभी जगह पर इसकी आपूर्ति अच्छी तरह से हो सके इसके लिए मिलकर काम करना। इसके अलावा जितने भी देश इसके सदस्य हैं उनके आपसी रिश्तो को मजबूत करना और एक दूसरे का हितों का ध्यान रखना ताकि किसी भी सदस्य देश को यहां पर नुकसान न उठाना पड़े। आज की तारीख में दुनिया में 75% कच्चे तेल का निर्यात इस संगठन के सदस्य देशों के द्वारा पूरे विश्व में किया जाता है।
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OPEC संगठन का सदस्य कोई देश कैसे बनेगा – How to become OPEC member
कोई भी देश OPEC संगठन का सदस्य बन सकता है इसके लिए उस देश में कच्चे तेल का उत्पादन होता है और वहां पर भंडार भी उपस्थित हो। तभी जाकर उसे इस देश का सदस्यता मिल पाएगी। उसके पूर्ण सदस्यों के कम से कम तीन-चौथाई से वोट प्राप्त करने के बाद ही दी जाती है। विशेष शर्तों के तहत देशों को सहयोगी सदस्यता भी दी जाती है।
OPEC के मुख्य लक्ष्य क्या हैं- OPEC mission
ओपेक का मुख्य लक्ष्य बाजार को प्रतिबंधों से यथासंभव मुक्त रखते हुए अपने सदस्यों के लिए तेल की कीमतों को लाभदायक स्तर पर बनाए रखना है। संगठन सुनिश्चित करता है कि उसके सदस्यों को तेल की निर्बाध आपूर्ति से आय का सदस्य देशों को अच्छा खासा मुनाफा मिल सके। इसके अलावा कच्चे तेल के क्षेत्र में जो कंपनियां पैसे निवेश करती है उनको अधिक से अधिक मुनाफा कैसे हो उनके हितों का भी ध्यान रखना ओपेक का प्रमुख लक्ष्य है।
OPEC संगठन की स्थापना क्यों की गई थी
ओपेक संगठन की स्थापना करने का करने का प्रमुख कारण था की दुनिया में तेल के दामों को नियंत्रित करना। इसके अलावा जिन विदेशों में कच्चे तेल का अधिक उत्पादन होता है उनको एक मंच पर आने के लिए ओपेक संगठन की स्थापना की गई थी। इसके अलावा दुनिया भर में कच्चे तेल की आपूर्ति अच्छी तरह से हो सके उसके लिए भी तेल उत्पादन करने वाले देशों ने इस संगठन को बनाया। इसके अलावा इस संगठन के माध्यम से सहयोगी सदस्य देशों को किस प्रकार अधिक मुनाफा कच्ची तेल बेचकर हो उसके लिए भी एक एक लाभकारी योजना का निर्माण करना जिसका लाभ सभी सदस्य देशों को मिल सके।
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OPEC संगठन के प्रमुख कार्य – OPEC Main Works
- इसके सदस्य देश बाजार में पेट्रोल के दामों में स्थिरता लाने की दिशा में काम करते हैं। इसके अलावा जो भी लोग कच्चे तेल के उत्पादन से जुड़े हुए हैं, उनको किस प्रकार अधिक मुनाफा हो उसके लिए भी या संगठन कार्य करती है।
- इसके द्वारा एक नीति भी बनाई जाती है यह नीति यह सुनिश्चित करने के लिए भी तैयार की गई है कि तेल उपभोक्ताओं को तेल की स्थिर आपूर्ति मिलती रहे।
- अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार की स्थिति की समीक्षा करने और तेल बाजार में सुरक्षा लाने वाले कदमों पर निर्णय लेने के लिए साल में दो बार, ऊर्जा और हाइड्रोकार्बन मामलों के मंत्रालय की साल में दो बार बैठक होती है।
- ओपेक संगठन के सदस्य देश अन्य बैठकें भी करते हैं जो हितों के विभिन्न बिंदुओं को संबोधित करती हैं। जिनमें पेट्रोलियम और आर्थिक विशेषज्ञ और विशेष निकाय जैसे समितियां और पर्यावरण के प्रभारी पैनल सम्मिलित किए जाते हैं और उनके सुझाव पर भी यहां पर काम किया जाता है।

ओपेक के प्रमुख अंग क्या क्या है – OPEC Structure
ओपेक संगठन के प्रमुख अंग तीन प्रकार के हैं जिनका विवरण में आपको नीचे बिंदु अनुसार दूंगा जो इस प्रकार है-
सम्मेलन
इसके अंतर्गत प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल सम्मिलित होता है। प्रतिनिधिमंडल में एक से अधिक प्रतिनिधि या सलाहकार शामिल हो सकते हैं।
बोर्ड ऑफ गवर्नर
इसका निर्माण सदस्य देशों के द्वारा नामित किया गया गवर्नर से बना होता है। इस संगठन में सम्मिलित सभी देश गवर्नर बोर्ड की सभी बैठकों में हिस्सा लेते हैं। और वहां पर अपने विचार व रखते हैं हालांकि, बैठक आयोजित करने के लिए दो-तिहाई सदस्यों का होना जरूरी होता है। तभी जाकर बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक हो पाएगी।
सचिवालय
सचिवालय संगठन का कार्यकारी अंग है, जो ओपेक के सदस्यों की सहमति से बनाए कानून के प्रावधानों के अनुसार काम करता है। सम्मेलन जो भी प्रस्ताव पारित करता है, उसे लागू करने का काम करना इसके अलावा जो भी आदेश यहां पर बोर्ड ऑफ गवर्नर के द्वारा दिए गए हैं। उनको कार्यान्वयन करना सचिवालय का प्रमुख काम है।
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OPEC संगठन के साथ भारत की चिंताएं क्या है? OPEC against India due to Nupur Sharma Vivad
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भारत अधिकांश कच्चा पेट्रोलियम खाड़ी देशों से आयात करता है और ऐसे में यहां पर जिस प्रकार भारत के खिलाफ गतिविधियां चल रही हैं। वैसे यहां पर किस प्रकार अपने कच्चे तेल की कीमत को ऊंचा किया जा सके, ताकि भारत को तेल खरीदने में काफी दिक्कत या परेशानी है। अगर ऐसा होता है तो भारत के आम जनता के ऊपर सीधा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अगर पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे तो जो भी दैनिक दिनचर्या की चीजें हैं उनके दामों में भी वढोतरी होगी और महंगाई दर भी बढ़ जाएगा। इन सब बातों को लेकर भारत की अपेक्षा गठन के साथ चिंताएं हैं ऐसे में भारत को भविष्य में इसका विकल्प तलाशना होगा नहीं तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए भारत ने हाल के दिनों में रूस जैसे देशों से कच्चे तेल काफी कम कीमत में खरीदने चालू किए हैं ताकि इन देशों पर निर्भरता को कम किया जा सके। आज सरकार के डाटा के मुताबिक भारत 84% कच्चा तेल बाहर से आयात करता है।

नूपुर शर्मा विवाद क्या है – Nupur Sharma Controversy
नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी कुछ टिप्पणियां की थीं। इसमें उन्होंने शादी के समय पैगंबर मोहम्मद की पत्नी आयशा की क्या उम्र थी इस बात का जिक्र किया था।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद को लेकर दिए गए बयान की न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चर्चा हो रही है। इस घोषणा को लेकर करीब 15 मुस्लिम देशों (OPEC) ने भारत पर आपत्ति दर्ज कराई है। अरब देशों के दबाव में भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी सदस्य के रूप में छह साल के लिए निलंबित कर दिया। भाजपा ने भी बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है। नूपुर शर्मा के बयान के चलते देश के कई हिस्सों में दंगे हो रहे है , जिसके चलते Nupur Sharma ko death thread में मिल रहे है और नूपुर पर कई केस भी दर्ज हो चुके है।
जानिए क्या था पूरा मामला
जैसा कि आप जानते हैं कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर इन दिनों देशभर में बहस छिड़ी हुई है। 27 मई 2022 को नूपुर शर्मा एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल डिबेट में आईं. चर्चा के दौरान आरोप लगाया गया कि कुछ लोगों ने लगातार हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया। अगर ऐसा है तो आप दूसरे धर्मों का भी मजाक उड़ा सकते हैं। नूपुर शर्मा ने इस्लामिक मान्यताओं का भी उल्लेख किया, जिसे मुहम्मद अल-जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक कथित तथ्य-जांच के माध्यम से साझा किया, और नुपुर पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
नूपुर ने पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या कहा
पार्टी की ओर से कमेंट करते हुए नुपुर शर्मा ने ट्वीट किया, ‘मैं पिछले कुछ दिनों से टीवी डिबेट में जा रही हूं जहां मेरे प्यारे शिव का हर दिन अपमान किया गया है। मुझे बताया गया था कि वह शिवलिंग नहीं हैं,एक फव्वारा है।’ दिल्ली में हर पगडंडी पर कई शिवलिंग मिलते हैं, जाकर पूजा करें। मैं इस तरह महादेव शिव का बार-बार अपमान सह नहीं पा रहा था और मैंने गुस्से, में कुछ बातें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्दों को वापस ले लूंगा। मेरा मतलब कभी किसी को चोट पहुँचाना नहीं था।”
सवाल जवाब (FAQ)
जब 1960 में ओपेक का गठन किया गया था, तो इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों, रिफाइनर और व्यापारियों को अपने व्यापारियों के लिए तेल की कीमत कम करने से रोकना था, जिसे उन्होंने हमेशा निर्दिष्ट या “प्रकाशित” किया था। ओपेक के सदस्यों ने अपने उत्पादन और निर्यात का समन्वय करके तेल की कीमतों पर नियंत्रण बढ़ाने की मांग की।
सितम्बर 1960, बगदाद, इराक
ओपेक की सदस्यता किसी भी देश के लिए खुली है जो एक प्रमुख तेल निर्यातक है और संगठन के आदर्शों को साझा करता है। ओपेक के 14 सदस्य देश हैं (ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अल्जीरिया, लीबिया, नाइजीरिया, गैबॉन, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो गणराज्य, अंगोला, इक्वाडोर और वेनेजुएला)।
पहले पांच वर्षों के लिए, ओपेक का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में था। इसकी स्थापना 1 सितंबर, 1965 को ऑस्ट्रिया के विएना में हुई थी।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Nupur Sharma Vivad क्या है ? जिसके चलते OPEC भारत के खिलाफ है ? OPEC Kya Hai, काम क्या है , OPEC Vision क्या है ? OPEN Mission , work , structure अदि के बारे में डिटेल जानकारी दी है । अगर आपके कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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