Exit Poll Kya hota hai :- दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भारत में पिछले महीने पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो गए हैं। और अब उनकी रिजल्ट की तारीख 10 मार्च 2022 है इसके पहले देश के बड़े-बड़े न्यूज़ चैनल के द्वारा एग्जिट पोल निकाले गए हैं। जिसके मुताबिक किस राज्य में कौन सी पार्टी की सरकार बनी है I उसके बारे में लोगों को बताया जा रहा है। एग्जिट पोल एक प्रकार का अनुमान है कि किस राज्य में किस इस पार्टी की सरकार बन रही है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल तो जरूर आते होंगे कि आखिर में न्यूज़ चैनल वाले एग्जिट पोल बनाते कैसे हैं और कैसे उन्हें मालूम चलता है कि कौन सी पार्टी किस राज्य में जीत रही है I उसे कितने पर्सेंट वोट शेयर मिलेंगे? कितनी सीटें आ रही? ऐसे में अगर आप भी जानना चाहते हैं कि एग्जिट पोल क्या होते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े आइए जाने। Exit Poll Kya hota hai
एग्जिट पोल एक प्रकार का एक अनुमानित सर्वे होता है जो इस बात को दर्शाता है कि राज्य में कौन सी पार्टी की सरकार जीत रही है और किसकी सरकार यहां पर बन सकती है। अगर हम एक प्रकार से कहे तो चुनाव के बाद राज्य के अंदर, सबसे अधिक लोगों ने किस पार्टी को पसंद किया है। उसका एक अनुमानित अनुमान इसके माध्यम न्यूज़ चैनल लोगों को बताता है। इस प्रकार के सर्वे करने में न्यूज़ चैनल अनेकों प्रकार की एजेंसियों के साथ टाईअप करती है और इसमें अच्छा खासा पैसा भी खर्च होता है I
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ये चुनाव चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद और मतदान शुरू होने से पहले आयोजित किए जाते हैं। चूंकि पांच राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा 9 जनवरी को की गई थी और पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को शुरू हुआ था। इसलिए मतदान 9 जनवरी के बाद और 10 फरवरी से पहले होना था।
यह पोल उसी दिन आयोजित किया जाता है जिस दिन मतदान होता है। इस प्रयास में मतदाताओं के मन टटोलने के लिए किया जाता है । उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे। ऐसी स्थिति में यह मतदान प्रत्येक चरण के मतदान के दिन कराया जाएगा। यह मतदान बूथ के बाहर होता है और वोट डालने के बाद जाने वाले लोगों से सवाल पूछे जाते हैं।
यह मतदान मतदान समाप्त होने के बाद किया जाता है। जैसे 7 मार्च को वोटिंग खत्म हो जाएगी। अब मतदान के बाद मतदान कल या एक-दो दिन में शुरू होगा। आमतौर पर वह यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि किस तरह के वोटर ने किस पार्टी को वोट दिया।
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एग्जिट पोल कराने वाली निम्नलिखित प्रकार के एजेंसी है जिनका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे जो इस प्रकार है-
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा तो मैं आपको बता दूं कि सबसे पहले बड़ी बड़ी न्यूज़ कंपनियां एग्जिट पोल कराने वाले एजेंसियों के साथ टाईअप करती हैं और उसके बाद वह एग्जिट पोल बनाने की प्रक्रिया आरंभ करते हैं। सबसे पहले एग्जिट पोल आने वाले लोग जहां भी चुनाव होता है और चुनाव का मतदान होता है वहां पर वह खड़े होते हैं जब कोई व्यक्ति मतदान कर कर बाहर निकलता है तो उनसे पूछते हैं कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया है। और उसके आधार पर वह अनुमान लगाते हैं कि किस जगह पर किस पार्टी को सबसे अधिक लोगों के द्वारा वोट दिया गया है। उसके आधार पर वह अपना डाटा बनाते हैं I एग्जिट पोल करने वाले लोगों से भिन्न प्रकार के सवाल जवाब वहां पर पूछते हैं और उनके आधार पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करते हैं I इस प्रकार की प्रक्रिया में कई न्यूज़ एजेंसी या 60000 से लेकर 1 लाख सैंपल साइज के सर्वे करती है और उनके आधार पर यह बातें करती हैं कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन रही है I जितना बड़ा सैंपल साइज होगा उतना ही सफल एग्जिट पोल माना जाता है I
मान लो किसी हलके में चुनाव है तो वह पर कुल वोटर 4 लाख है । वोटिंग के बाद इसका Election Exit Poll बनाने के लिए वह पर Exit poll Agency वाले टोटल वोटर का कुछ प्रतिशत हिस्सा सर्वे करने के लिए लेते है । जैसे वह 50 हजार लोगो से यह सवाल पूछा जाता है के किसको वोट दिया और अन्य सवाल पूछे जाते है । जिसके आधार पर Exit Poll Report तैयार की जाती है । जितने बड़े परसेंट और ज्यादा अलग अलग जगह पर सर्वे किया जाता है उतना ही स्टीक माना जाता है ।
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एग्जिट पोल कराने में कुल मिलाकर एक करोड़ से लेकर पांच करोड़ रुपए का खर्च आता है। जितना बड़ा एग्जिट पोल होगा उतना अधिक पैसे यहां पर खर्च करने होंगे I एक सैंपल सर्वे करने के लिए ₹500 का खर्च आता है और आप अगर मान लीजिए कि सैंपल साइज का आकार ₹60000 से लेकर 100000 के बीच है तो आप आसानी से जान पाएंगे कि इस प्रकार के सर्वे कराने में एक करोड़ रुपए की खर्च होती है I उसके बाद जाकर इस बात की पुष्टि की जाती है कि किस राज्य में कौन सी पार्टी की सरकार बन रही है I ऐसे तो मैं आपको बता दूं कि सर्वे हमेशा सच होंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि न्यूज़ चैनल एजेंसी के द्वारा इस बात की जानकारी लोगों को दी जाती है कि इस राज्य में इस पार्टी की सरकार आ रही है लेकिन उसका ठीक उल्टा हो जाता है और वहां पर दूसरी पार्टी जीत जाती है I
इसलिए आप हमेशा एग्जिट पोल के सभी पर विश्वास करें ऐसा जरूरी नहीं है I यह बात भी बिल्कुल सही है कि अधिकांश सर्वे जो भी टीवी चैनल के द्वारा किए गए हैं उनमें कुछ ना कुछ सच्चाई होती है और कई बार सर्वे सच भी साबित होते हैं I
इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 2014 के लोकसभा के चुनाव 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा के चुनाव 2019 के लोकसभा के चुनाव इन सभी चुनाव में इस बात की पुष्टि की गई थी कि केंद्र में बीजेपी की सरकार आ रही है I उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आ रही है और सभी सर्वे और एग्जिट पोल सही साबित हुए थे I इसलिए जो भी चीज आपको करना है अपने विवेक से करेंगे और सर्वे को सच या गलत मानना आपके ऊपर निर्भर करता है I
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आज तक टीवी के इंडिया टुडे-एक्सिस के एग्जिट पोल 2013 से लेकर अब तक 52 बार किए गए हैं और जिनमें से 48 बार उसके सर्वे सही साबित हुए हैं। चार बार ही उसके सर्वे गलत साबित हुए हैं इसलिए हम कह सकते हैं कि इस टीवी चैनल का सर्वे सबसे सटीक और trusted है
ऐसा कहा जाता है एग्जिट पोल की शुरुआत 1967 में नीदरलैंड में हुई थी। नीदलैंड के एक समाजशास्त्री और पूर्व राजनीतिज्ञ मार्सेल वान डेन ने एपने देश में चुनाव के दौरान एग्जिट पोल किया था। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि सबसे पहले अमेरिका में एक राज्य के चुनाव के दौरान पहली बार एग्जिट पोल किया गया था।
अगर भारत में एग्जिट पोल की बात की जाए तो भारत में इसे शुरू करने का पूरा श्रेय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के मुखिया एरिक डी कोस्टा को जाता।
Opinion Poll :- जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि चुनाव से पहले ओपिनियन पोल करवाए जाते हैं। इस दौरान मतदाताओं से पूछा जाता है कि वे किस पार्टी को वोट देंगे। चुनाव से पहले कोई भी मतदाताओं की राय जानता है कि वे इस बार किसे जीतना चाहते हैं?
Exit Poll :- अब बात करते हैं ओपिनियन पोल की। जब चुनाव होते हैं और लोग मतदान के बाद मतदान केंद्र पर वोट करने के बाद करते है, तो वे इस दौरान पूछते हैं कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया? इसके बाद, लोगों का डेटा एकत्र किया गया और जिस पार्टी को सीटों की संख्या मिल सकती थी, उसका अनुमान लगाया गया। इस प्रकार के सर्वेक्षणों को निकास सर्वेक्षण कहा जाता है।
वे चुनाव जो चुनाव की घोषणा के बाद लिए जाते हैं, जिसमें मतदाताओं से पूछा जाता है कि वे किस पार्टी को वोट देंगे, इस पोल को ओपिनियन पोल कहा जाता है। इस सर्वेक्षण का मुख्य फोकस नमूना आकार पर है। नमूना आकार जितना बड़ा होगा, परिणाम सटीकता के उतने ही करीब होंगे।
मतदान के दिन, जब मतदाता अपना वोट डालने के बाद जाता है, तो मतदाता उससे पूछते हैं कि उसने किस पार्टी को वोट दिया और इस पोल को एक्जिट वोट कहा जाता है।
एग्जिट पोल में वोटर से तुरंत पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया। वहीं, ओपिनियन पोल इससे बिल्कुल अलग हैं। इस पोल में मतदाताओं से पूछा जाता है कि वे किसे वोट देने की योजना बना रहे हैं। ओपिनियन पोल्ल चुनाव से पहले और एक्सिट पोल्ल चुनाव के बाद होता है ।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Exit Poll Kya hota hai ? Opinion Poll Kya hota hai ? एक्सिट पोल्ल कैसे बनता है ? क्या सभी चैनल अपना अपना एक्सिट पोल्ल बनाते है ? Exit Poll पर कितने पैसे लगते है ? Opinion Poll vs Exit Poll in hindi ? Types of Exit Poll , Exit Poll agencies , C-Voter आदि के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । फिर भी आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है । धन्यावाद। Exit Poll Kya hota hai
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