क्या है इस पोस्ट में ?
दोस्तों आपने अखबार और टीवी में इस बात को जरूर सुना होगा कि इस राज्य की स्थिति खराब हो गई है और वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल तो जरूर आते होंगे कि आखिर में Rashtrapati shasan kya hota hai और उसकी प्रक्रिया क्या है और भारतीय संविधान में इसे किस प्रकार के अधिकार प्राप्त किए गए हैं जैसा कि आप लोग जानते हैं राष्ट्रपति भारत का सबसे ऊंचा पद पर आसीन प्रथम नागरिक होता है और उसके पास ऐसे अनेकों अधिकार होते हैं जो प्रधानमंत्री के पास नहीं होते हैं इसलिए अगर आप नहीं जानते हैं कि राष्ट्रपति शासन क्या होता है तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आगे तक पढ़े-
राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। दोनों सदनों में मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की सरकार छह महीने तक चल सकती है। भारत में अब तक लगभग 125 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। भारत में राष्ट्रपति शासन पहली बार 1951 में पंजाब में लगाया गया था।
Rashtrapati shaasan in Hindi
President’s Rule क्या होता है- Rashtrapati shasan kya hota hai
राष्ट्रपति शासन भारतीय संविधान की धारा 360 और 356 के अंतर्गत किसी भी राज्य और देश में सभी लगाया जाता है जब देश की कानून व्यवस्था या ऐसी कोई आर्थिक संकट आ जाए तब उस स्थिति में देश का राष्ट्रपति राज्य और देश में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है I
इसके अलावा अगर देश में किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है या राज्य में भी ऐसी स्थिति है तब देश और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है I क्योंकि उसके पास यह संविधान के दिए हुए अधिकार हैं लेकिन उसे इस प्रकार की चीजों को करने के लिए राज्यपाल और प्रधानमंत्री के तरफ से अनुरोध मिलना आवश्यक अपने अधिकार का पालन कर पाएगा। Rashtrapati shasan kya hota hai इसकी जानकारी तो मिल गया पर इसके पावर , changes क्या क्या है आगे पढ़े ।
Types of Emergencies
- राष्ट्रीय आपतकाल: आर्टिकल 352 (National Emergency)
- राष्ट्रपति शासन : आर्टिकल 356 (President Rule)
- वित्तीय आपातकाल: आर्टिकल 360 (Financial Emergency)
राष्ट्रपति शासन लागू कैसे किया जाता है
किसी भी राज्य या देश में राष्ट्रपति शासन कब लागू किया जा सकता है जब देश के अंदर या राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत ना मिले ऐसी स्थिति में उस राज्य को चलाने में काफी दिक्कत आ रही है तब उस राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति के पास एक पत्र लिखे गा और उन से अनुरोध करेगा कि उस राज्य का नियंत्रण व अपने अंतर्गत ले ले ताकि राज्य के सभी कामों का संचालन अच्छी तरह से हो सके I सबसे महत्वपूर्ण बात की सबसे पहले प्रधानमंत्री के द्वारा इस बात की रिपोर्ट दी जाएगी कि उस राज्य की कानून व्यवस्था बिल्कुल खराब है ऐसे में राष्ट्रपति उस राज्य के सरकार को बर्खास्त कर कर सकता है और उस राज्य का नियंत्रण अपने हाथों में ले सकता है IRashtrapati shasan kya hota hai
राष्ट्रपति शासन किस प्रकार के परिस्थितियों में लागू किया जाएगा- Change on Rashtrapati shasan
अष्टपति शासन निम्नलिखित प्रकार के परिस्थितियों में लागू किया जा सकता है जिनका विवरण में आपको नीचे दे रहा हूं जो इस प्रकार है-
- राष्ट्रपति सबसे पहले इस बात को सुनिश्चित करता है कि उस राज्य का राज्य सरकार पूरी तरह से फेल हो चुका है उसी स्थिति में उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की प्रक्रिया आरंभ की जा सकती है I
- उसके बाद राष्ट्रपति भारत के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल को पारित करने के लिए केंद्र सरकार को आदेश जारी करेगा और जब यह बिल पास हो जाएगी तभी जाकर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा पाएगा
- किसी भी राज्य में 6 महीने तक तक राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है इसकी अवधि को बढ़ाने के लिए फिर से ऐसे दोनों सदन के द्वारा स्वीकृति मिलना आवश्यक है I
- फिर वहां पर चुनाव करवाने की प्रक्रिया को आरंभ किया जाएगा I
- अगर देश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत ना मिला हो तो ऐसी स्थिति में देश में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है I
राष्ट्रपति शासन से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी – Rashtrapati shasan important Points
- भारतीय संविधान में 1978 में एक संशोधन किया गया है जिसके तहत देश में राष्ट्रपति शासन के कानून में एक बदलाव किया गया जिसके तहत 1 वर्ष से अधिक अगर राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाएगा तो उसके लिए उसे दो प्रकार के शर्तों को पूरा करना होगा जिनका विवरण में आपको नीचे दे रहा हूं-
- देश में आपातकाल लागू होना आवश्यक है
- आयोग इस बात की पुष्टि करेगा कि अभी देश में चुनाव कराने जैसी स्थिति नहीं है
- कभी भी किसी राज्य देश में राष्ट्रपति शासन को हटा सकता है उसके लिए उसे किसी प्रकार की स्वीकृति देने की आवश्यकता नहीं है
किस आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है- Why need President’s Rule
आर्टिकल 356 के अंतर्गत दो प्रकार के परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है उनका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-
- यदि राष्ट्रपति राज्यपाल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लेता है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार नही चल रही स्थिति में राष्ट्रपति शासन किस राज्य में लगाया जा सकता है
- यदि कोई राज्य, केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने या उसे लागू करने में विफल रहता परिस्थिति में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है I
राष्ट्रपति शासन के दौरान क्या-क्या परिवर्तन हो जाते हैं – What changes take place during President Rule
- राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रीपरिषद् को भंग कर देता है.
- प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया , राज्य सरकार के कार्य अपने हाथ में ले लेता है और उसे राज्यपाल और अन्य कार्यकारी अधिकारियों को शक्ति प्रदान होती है ताकि वह राज्य का संचालन और कानून व्यवस्था अच्छी तरह से संचालित कर सके
- राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति के द्वारा युक्त किए गए किसी विशेष अधिकारी या सलाहकार के द्वारा ही राज्य का शासन व्यवस्था अच्छी तरह से संचालित करता है
- राष्ट्रपति इस बात की घोषणा कर सकता है कि राज्य विधायिका की शक्तियों इस्तेमाल संसद कर सकता है I
- राज्य के विधेयक और बजट प्रस्ताव को संसद के द्वारा पारित किया जा सकता है I
- संसद के पास या अधिकार होते हैं कि वह उस राज्य में अगर किसी प्रकार का कानून बनाना चाहता है तो उसका कार्यभार राष्ट्रपति या राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी को दे सकता है I
- सबसे महत्वपूर्ण बात जब संसद नहीं चल रही होती हो तब राष्ट्रपति आर्टिकल 356 शासित राज्य के लिए कोई भी अध्यादेश जारी कर सकता है क्योंकि राष्ट्रपति के पास इस प्रकार के अधिकार संविधान के द्वारा प्राप्त होते हैं I
- राष्ट्रपति अथवा संसद अथवा किसी अन्य विशेष अधिकारी द्वारा बनाया गया कानून, राष्ट्रपति शासन के हटने के बाद भी राज में प्रभाव में रहेगा .परन्तु राज्य विधायिका के द्वारा संशोधित या पुनः लागू किया जा सकता है I
भारत के किस राज्य में सबसे अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है I Rashtrapati shasan List State Wise
- मणिपुर में 10 बार
- 9-9 उत्तर प्रदेश और जम्मू & कश्मीर में
- पंजाब और बिहार में 8-8 बार

राष्ट्रपति शासन कब हटाया जा सकता है-
राष्ट्रपति शासन तभी हटाया जा सकता है जब राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत मिले कि वह सरकार बनाने का दावा पेश करें उस स्थिति में ही राष्ट्रपति शासन को हटाया जा सकता है I के लिए उस राज्य में चुनाव करवाने की आवश्यकता होती हैI
निलंबन की स्थिति में राज्यपाल किसी भी समयराष्ट्रपति शासन से हटाने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन राष्ट्रपति शासन अधिकतम छह महीने के लिए लगाई जा सकती है। इस दौरान सरकार बनानी चाहिए। यदि rashtrapati shasan और छह महीने के लिए बढ़ाया जाता है, तो संसद के दोनों सदनों का अनुमोदन प्राप्त करना होगा। Rashtrapati shasan kya hota hai
राज्यों में कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगा?
प्रधानमंत्री | कार्यकाल | Total राष्ट्रपति शासन |
---|---|---|
जवाहरलाल नेहरू | 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 | 7 |
लालबहादुर शास्त्री | 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 | 2 |
इंदिरा गांधी | 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 197714 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 | 49 |
मोरारजी देसाई | 24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 | 12 |
चरण सिंह | 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 | 4 |
राजीव गांधी | 31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989 | 6 |
वीपी सिंह | 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 | 2 |
चंद्रशेखर | 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 | 4 |
पीवी नरसिम्हा राव | 21 जून 1991 से 16 मई 1996 | 11 |
अटल बिहारी वाजपेयी | 16 मई 1996 से 1 जून 199619 मार्च 1998 से 22 मई 2004 | 4 |
एचडी देवेगौड़ा | 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 | 2 |
इंद्र कुमार गुजराल | 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 | 0 |
मनमोहन सिंह | 22 मई 2004 से 26 मई 2014 | 11 |
नरेंद्र मोदी | 26 मई 2014 से अब तक | 7 |
सवाल जवाब (FAQ)
मुखिया के फैसले को अंजाम देने के लिए, सबसे पहले, मुखिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी विशेष देश का कार्यबल विफल हो गया है और इसलिए प्रमुख का निर्णय आवश्यक है। इसके बाद, जब इस तरह की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाता है, तो राष्ट्रपति का शासन अगले छह महीनों के लिए उस राज्य में लागू होगा
1951 में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था
भारत में अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा चुका है।
6 महीने, उसके 6 महीने बाद संसद में प्रस्ताव पारित कर अवधि बढ़ाई जा सकती है।
25 जून 1975 को, जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी के इस्तीफे तक देश भर में दैनिक प्रदर्शनों का आह्वान किया। 25 जून, 1975 को राष्ट्रपति द्वारा डिक्री की पुष्टि करने के बाद, सरकार ने आपातकाल की स्थिति लागू कर दी।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 बार राष्ट्रपति की सरकार थोपी गई है। हालांकि सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन लागू करने के मामले में पंजाब सबसे आगे है। कुल 3,510 दिन थे, विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रपति शासन के लगभग 10 वर्ष। दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है, जहां 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा और 2,375 दिनों तक प्रभावी रहा।
नहीं
हरियाणा मे कुल 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा:-
21 नवंबर 1967 – 22 मई 1968 (183 दिन)
30 अप्रैल 1977 – 22 जून 1977 (52 दिन)
6 अप्रैल 1991 – 23 जुलाई 1991 (108 दिन)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की प्रशासक से 22 फरवरी को मिली रिपोर्ट के बाद यह फैसला किया गया।
पंजाब 1987 से 1992 तक लगातार पांच सालों तक तक राष्ट्रपति शासन के अधीन था।
ऐसे में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति सरकार के हालात को दिखाया गया है. दरअसल, किसी भी राज्य में, जब राज्यपाल को लगता है कि कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, तो वह राष्ट्रपति के शासन की सिफारिश करता है।
श्री चरण सिंह | भारत के प्रधानमंत्री
इस समय राजस्थान में राज्यपाल वेद पाल त्यागी थे, तथा मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी थे।
यह उस राजय जी कुल विधायक सीटों की संख्या पर depend करता है । अगर किस राजय में एक साथ इतने MLA resign aane se बुहमत नहीं रहता है तो President Rule लग सकता है ।
सैलरी तब से मिलती है जब वे शपथ ले लेते हैं। एक बार शपथ ले लेने के बाद चाहे विधानसभा भंग हो जाए वो पेंशन के भी हकदार हो जाते हैं।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Rashtrapati shasan kya hota hai ? राष्ट्रपति शासन कब , कैसे , किसके दुवारा , कितने दिन के लिए लगाया जाता है ? राष्ट्रपति शासन के दौरान क्या क्या बदलाव आते है ? Rashtrapati shasan power rules in hindi , Appeal against Rrashtrapati shasan , राष्ट्रपति शासन Rashtrapti Sha Meaning Hindi Matlab Kya Hai , कहाँ पर कितने बार राष्ट्रपति शासन लगा है और किस प्रधानमत्री के समय कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगा है । आदि सभी टॉपिक इसमें कवर किये है । आप अपने सवाल कर सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमरे साथ बने रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यवाद ।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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