क्या है इस पोस्ट में ?
Maximum Seat Limit for Candidate in Election :- जैसा कि आप लोग जानते हैं फरवरी महीने में भारत के 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए । ऐसे में इस चुनाव में ऐसा भी देखा गया कि कई जगहों पर तो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार ने 2 सीटों का चयन किया। कहीं पर तो केंद्रीय मंत्री और सांसद भी चुनाव लड़ रहे थे ऐसे में लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि कोई भी उम्मीदवार कितनी सीटों से चुनाव लड़ सकता है? अगर कोई मंत्री या सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ता है और अगर वह जीत जाए तो इन परिस्थितियों में क्या वह सांसद रह पाएगा या रह पाएगा कि नहीं? इसके अलावा अगर कोई सांसद किसी राज्य में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार है और वह चुनाव जीत जाता है तो ऐसे में सांसद आते हुए किसी राज्य का मुख्यमंत्री व बन सकता है? अगर आप भी इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े आइए जाने।
कोई भी उम्मीदवार कितने सीटों से चुनाव लड़ सकता है- Maximum Seat Limit for Candidate in Election
इस बार के पंजाब के विधानसभा में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दो जगह से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था हालांकि वह दोनों जगह से हार गए थे। ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि कोई भी उम्मीदवार कितनी सीटों से चुनाव लड़ सकता है इसके पहले भी कई बार देखा जा चुका है कई बड़े नेताओं ने भी दो जगह से लोकसभा के चुनाव लड़े। जैसे- इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, सोनिया गांधी, लाल कृष्ण आडवाणी, लालू प्रसाद यादव समेत कई नेता 1 से ज्यादा सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव में दो जगह से चुनाव लड़ा था पहला बनारस और दूसरा वडोदरा हालांकि दोनों जगह जीत गए थे। बाद में उन्होंने बड़ोदरा की सीट छोड़ दी थी और बनारस को अपना लोकसभा का कार्यक्षेत्र बनाया था I भारत में पहली बार 1957 में अटल बिहारी वाजपेई ने तीन जगह से लोकसभा के चुनाव लड़े थे।
इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी दो जगह से चुनाव लड़े थे पहला अमेठी दूसरा वायनाड अमेठी का चुनाव हार गए थे। वायनाड का जीत गए थे इसके अलावा इंदिरा गांधी 1980 के लोकसभा चुनाव में दो जगहों से उन्होंने चुनाव लड़ा और दोनों जगह पर जीत हासिल हुई I
Independent candidate kaise bane | निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव कैसे लड़े
कितनी सीटों से चुनाव लड़ सकता है इसके विषय में कानून क्या है – Representation of People Act for maximum Seat Limit
शुरुआत के दिनों में इसके विषय में- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) है, जिसके तहत सारी प्रक्रियाएं होती हैं। इस एक्ट की धारा 33 किसी व्यक्ति की उम्मीदवारी के लिए सीटों की सीमा तय करती है जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकता था लेकिन इसके ऊपर भी कई लोगों के द्वारा प्रश्न उठाए जाने लगे उसके बाद 1996 में इसमें संशोधन किया गया और उसके मुताबिक धारा 33 (7) के अनुसार कोई भी उम्मीदवार केवल दो सीटों पर ही एक साथ चुनाव लड़ सकता है।

दोनों सीटों पर जीत जाए उम्मीदवार तो क्या होगा? What happen if candidate won from 2 Seats
अगर कोई उम्मीदवार दोनों सीटों से चुनाव जीत गया है तो उसे एक अपनी सीट छोड़नी होगी ऐसा आपको 1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी के साथ हुआ और 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के साथ हुआ जहां दोनों जगहों से इन नेताओं को जीत हासिल हुई थी और उन्होंने अपना एक सीट छोड़ दिया था I
इसके अलावा अगर कोई भी सांसद विधानसभा के चुनाव जीतकर विधायक बनता है तो उसे अपना सांसद का पद 16 दिनों के भीतर छोड़ना पड़ेगा उसके बाद सांसद का जो सीट खाली होगा उस पर उपचुनाव करवाए जाएंगे I
इस बात का ज्वलंत उदाहरण है पंजाब में आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवत मान जिन्होंने विधानसभा का चुनाव जीत लिया है और वह पहले से ही लोकसभा के सांसद है उन्होंने आज ही लोकसभा के सांसद पद से इस्तीफा दिया है और अब वह विधायक के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री का कमान संभालेंगे जो सीट खाली हुई है I
अगर कोई मुख्यमंत्री विधानसभा का चुनाव हार जाता है तो ऐसी स्थिति में हुआ क्या दोबारा से मुख्यमंत्री बन पाएगा
अगर किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनाव हार जाता है और ऐसे में उसे मुख्यमंत्री द्वारा बनना है तो उसके लिए उसे किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक है। जैसा कि आप लोग जानते हैं कि राज्य के संघीय ढांचा में विधानसभा लोअर हाउस होता है और विधान परिषद अपराध होता है ऐसे में मुख्यमंत्री को किसी भी हाउस का मेंबर होना आवश्यक है। इसलिए मुख्यमंत्री को विधान परिषद के रास्ते होकर सुबह का मुख्यमंत्री बनना होगा और अगर उस राज्य में विधान परिषद नहीं है तो उसे किसी भी सीट से दोबारा से चुनाव लड़ना होगा । अगर उसे जीत हासिल होती है तभी वह मुख्यमंत्री बन पाएगा।
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सवाल जवाब (FAQ)
व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए। विधान सभा का सदस्य होने के लिए 25 वर्ष से कम आयु नहीं और विधान परिषद के सदस्य होने के लिए 30 वर्ष से कम (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 173 के अनुसार) नहीं होना चाहिए।
भारत का नागरिक।
राज्य विधानमंडल का सदस्य होना चाहिए।
25 वर्ष या उससे अधिक की आयु का।
2 Seats
विधानसभा का सदस्य (संक्षेप में एमएलए) या विधानमंडल का सदस्य (संक्षेप में एमएल)
इसके अलावा अगर कोई भी सांसद विधानसभा के चुनाव जीतकर विधायक बनता है तो उसे अपना सांसद का पद 16 दिनों के भीतर छोड़ना पड़ेगा उसके बाद सांसद का जो सीट खाली होगा उस पर उपचुनाव करवाए जाएंगे I
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से माधियम जो आपके लिए एक से ज्यादा सीटों प् चुनाव लड़ने वाले उमीदवारो को लेकर आपके मन में जो सवाल थे उसके बारे में आपकी संतुष्टि हो गयी होगी ? Maximum Seat Limit for Candidate in Election ? यह पर हमे एक candidate maximum kitni seats se chunav lad सकता है ? एक से ज्यादा सीट से चुनाव जितने या हरने पर क्या होगा ? Seat खाली होने पर उपचुनाव का प्रोसेस आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की है । अगर आपका कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है । धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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