कहते है ना के कोशिश करने वालो की कभी हर नहीं होती । हम केवल Hard Work पर दयँ देते है । उस फील्ड में और बेहतर कैसे कर सकते है, उस के लिए किन और साधनो को जरूरत है , इस पर धयान ही नहीं देते । यह कहानी हमे उसी का ज्ञात कराती है
एक बार, एक बहुत मजबूत लकड़हारे ने लकड़ी के व्यापारी से नौकरी मांगी, और वह मिल गया। वेतन वास्तव में अच्छा था काम के हिसाब से । इस कारण से, लकड़हारे ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की ठानी। उसके मालिक ने उसे एक कुल्हाड़ी दी और उसे वह क्षेत्र दिखाया जहाँ वह काम करने वाला था। पहले दिन, लकड़हारे 25 के करीब पेड़ लेकर आया ।
व्यापारी ने शाबाशी दी और दूसरे दिन उसी रस्ते पे जाने के लिए कहा।
व्यापारी के शब्दों से बहुत प्रेरित होकर, लकड़हारे ने अगले दिन बहुत कोशिश की लेकिन वह केवल 20 पेड़ ही ला सका। तीसरे दिन उसने और भी कोशिश की, लेकिन वह केवल 8 पेड़ ही ला सका। दिन पर दिन, वह कम और कम पेड़ ला रहा था।
” मेरी ताकत दिन ब दिन काम हो रही है “, लकड़हारे ने सोचा। वह व्यापारी के पास गया और माफी मांगते हुए कहा कि वह समझ नहीं पा रहा है कि क्या हो रहा था।
“पिछली बार आपने अपनी कुल्हाड़ी कब तेज की थी?” व्यापारी ने पूछा। ” अपनी कुल्हाड़ी को तेज करें?
लकड़हारे ने जवाब दिया “मेरे पास अपनी कुल्हाड़ी को तेज करने का समय नहीं था। मैं पेड़ों को काटने की कोशिश में बहुत व्यस्त हूं। ”
Moral of Story (कहानी का सार):-
कभी-कभी सफलता पाने के लिए अकेले मेहनत करना ही काफी नहीं होता है। आपको स्मार्टली भी काम करना होगा! कहानी में लकड़हारा नौकरी के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति है, लेकिन इस विशेष कार्य में सफल होने के लिए उसके पास सही रवैया नहीं है। सही दृष्टिकोण के साथ, जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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