एक पुराना उल्लू था जो एक पेड़ में रहता था। हर दिन उसने अपने आसपास घटने वाली घटनाओं को देखा। कल उसने देखा कि एक लड़का एक बूढ़े व्यक्ति को एक भारी टोकरी ले जाने में मदद कर रहा है। आज उसने एक लड़की को उसकी माँ पर चिल्लाते हुए देखा। जितना अधिक उसने देखा उतना कम उसने बोला।
जैसा कि वह कम बोलता था, उसने अधिक सुना। उन्होंने लोगों को बातें करते और कहानियां सुनाते हुए सुना। उन्होंने एक महिला को यह कहते हुए सुना कि एक हाथी एक बाड़ पर कूद गया। उसने एक आदमी को यह कहते हुए भी सुना कि उसने कभी गलती नहीं की।
बूढ़े उल्लू ने लोगों के बारे में देखा और सुना था। कुछ बेहतर हो गए और कुछ बदतर हो गए। लेकिन बूढ़ा उल्लू हर दिन समझदार हो गया था।
कहानी का नैतिक :
आपको चौकस रहना चाहिए, कम बात करना चाहिए लेकिन अधिक सुनना चाहिए। इससे आप ज्ञानी बनेंगे।

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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