21 जून को होने वाले इस सूर्यग्रहण को महाग्रहण भी कहा जा सकता है क्योंकि ज्योतिषियों के मुताबिक इस ग्रहण से आम आदमी की जिंदगी और देश दुनिया में कई बदलाव होंगे. कल रविवार 21 जून को इस साल का पहला सूर्यग्रहण है. पांच घंटे 49 मिनट का ये ग्रहण ग्रहों के महासंयोग की वजह से कई नकारात्मक घटनाओं का सबब बन सकता है. पड़ोसी देशों से तनाव और आर्थिक स्थिति खराब होने के रूप में इसके दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं. वैज्ञानिकों की भाषा में इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाएगा. जिसमें सूर्य आग से भरी अंगूठी की तरह भारत वर्ष में नजर आएगा
सूर्य ग्रह को लेकर हमारे देश में बहुत सारी मानताए , जो के बच्चों, गर्भवती महलिए के किए अलग अलग है । जिसकी बात आज हम यजा पर करने जा रहे है।
1. सूर्य ग्रहण के समय बाहर सूर्य के एकदम सामने नहीं आना चाहिए।अगर सूर्य की सीधी किरणे आपके या आपके बच्चे पर पड़ेगी तो बुरा प्रभाव डालती है। ये वैज्ञानिक एवं पौराणिक रूप से एकदम सही है।
2. सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को खाना बनाने या खाने को मना किया जाता है।इसका कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है क्यूंकि पहले के जमाने में जब लाइट यानी बिजली नहीं होती थी तो ग्रहण के वक़्त अंधेरा होने के कारण खाना बनाने एवं खाने को मना किया था। अंधेरे में खाने बनाने मे जलने एवं चोट लगने का डर रहता था। इसलिए खाने को भी मना किया जाता था। परंतु आज के समय में बिजली होने की वजह से ऐसा कोई डर नहीं है।
3. गर्भवती महिलाओं को चाकू छुरी या कोई भी नुकीली चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ये भी इसलिए मना किया जाता था क्यूंकि अंधेरे में नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से चोट लगने का डर रहता था। बाकी आज के समय से इसका कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है।
4. वाशरूम या टॉयलेट भी ग्रहण के समय नहीं जाना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जाता था क्यूंकि पहले के समय में वाशरूम वगैरह घरों के बाहर होते थे। और बाहर जाने पर सूर्य के सीधे प्रभाव में आने का डर होता था। परंतु आज के समय में अधिकतर लोगों के यहां वाशरूम घरों में अंदर ही होते है तो जाने में कोई डर नहीं है।
5. ग्रहण के समय भगवान का भजन करना चाहिए। इसका कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है परन्तु भगवान का भजन किसी भी समय करने में कोई बुराई नहीं है। इसलिए ग्रहण के समय भजन करना अच्छी बात है।
6. ग्रहण के समय भोजन करने से मधुमेह (डायबिटीज) का रोग हो जाता है या बालक बीमार होता है ।
7. ग्रहणकाल के दौरान मोबाइल का उपयोग आंखों के लिए अधिक हानिकारक है । उस दौरान निकले रेडियेशन से गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट आ सकती है । कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार इसके कारण शिशु तनाव में भी जा सकता है ।
8. सूर्य ग्रहण में बच्चों को बारह मत निकले दे । यह सच है क्योके सूर्य ग्रहण के दौरान खतरनाक सोलर रेडिएशन निकलती हैं। यह सोलर रेडिएशन आंखों के नाजुक टिशू को नुकसान पहुंचा सकती हैं।इसकी वजह से व्यक्ति की आंखें तक खराब हो सकती हैं।
9. गर्भिणी अगर चश्मा लगाती हो और चश्मा लोहे का हो तो उसे ग्रहणकाल तक निकाल देना चाहिए । बालों पर लगी पिन या नकली गहने भी उतार दें ।
बहुत सी धारणाएं हमारे देश में है और ये सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं है अपितु सामान्य व्यक्तियों के लिए भी है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है इसलिए उन्हें सख्त रूप से ये सब करने को मना किया जाता है।

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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