क्या है इस पोस्ट में ?
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हेलो दोस्तों, हाल के दिनों में दिल्ली के स्पेशल कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिसके ऊपर टेरर फंडिंग से जुड़े हुए मुकदमे पर केस चल रहा था। 1990 में कश्मीर में जब हिंदुओं का जनसंहार हुआ था उसमें भी यासीन मलिक का हाथ था। उसने ही वहां पर आतंकवादियों के साथ मिलकर कई हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में कई ऐसे हिंसा के मामले हैं, जिसमें यासीन मलिक मुख्य तौर पर अभियुक्त है। लेकिन वहां पर उसे स्थानीय अदालत से बरी कर दिया गया था। लेकिन उसके ऊपर कई सालों से आतंकवादी गतिविधियों में पैसे फंडिंग करने का आरोप लगा था और उस पर मुकदमा भी चला था।
इस पर हाल में दिल्ली स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई। अब आप लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि यासीन मलिक कौन है और उसे किस केस में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है अगर आप The Terror Funding Case Yasin Mailk के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को वह आखिर तक पढ़े आइए जाने-
यासीन मलिक का जीवन परिचय- Yasin Malik Biography In Hindi
- पूरा नाम : मोहम्मद यासीन मलिक
- जन्मतिथि : 3 अप्रैल 1966
- जन्म स्थल: मैसुमा, श्रीनगर
- उम्र: 56 साल साल 2022 के अनुसार
- पढ़ाई लिखाई: एसपी कॉलेज, श्रीनगर
- नागरिकता : भारतीय
- धर्म: इस्लाम
- लम्बाई: 5 फीट 10 इंच
- पार्टी (Party ): जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JLKF)
- वैवाहिक स्थिति: विवाहित
- शादी की तारीख: 22 फरवरी 2009

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यासीन मलिक कौन है? Who is Yasin Malik
यासीन मलिक जम्मू कश्मीर में स्थित लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख है। उसकी संस्था लिबरेशन फ्रंट एक प्रकार का आतंकवादी संगठन है जो प्रमुख रूप से का जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने का काम करती है। उसके ऊपर चार एयरफोर्स के अफसरों को हत्या करने का भी आरोप लगा था। लेकिन उस समय सबूत ना मिलने के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था। अब मैं आपको यासीन मलिक के बारे में बता दूं तो उसका जन्म 1966 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था। उसके पिता कादिर मलिक सरकारी बस चलाया करते थे उसकी पढ़ाई लिखाई श्रीनगर में हुई है।
1980 में उसने आतंकवादी गठन का दामन थाम लिया और वहां से ही उसने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने लगा। पहली बार 1983 में भारत और वेस्टइंडीज मैच में मैच फिक्सिंग जैसे आरोपों से या व्यक्ति से चुका है इसके अलावा जब मशहूर आतंकवादी मकबूल भट्ट को भारत सरकार ने फांसी दी तो उसका विरोध करने वाला व्यक्ति यासीन मलिक की था। इसके अलावा यासीन मलिक ने ताला नाम की एक राजनीतिक पार्टी की बनाई थी।
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मकबूल भट को फांसी का विरोध किया – Yasin malik was againt Maqbool Bhat
मकबूल भट्ट को कौन नहीं जानता है जो एक मशहूर आतंकवादी था। जिसके ऊपर एक कश्मीरी पंडित की हत्या का आरोप लगा था और उसे कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। जब कोर्ट ने मकबूल भट्ट को फांसी की सजा सुनाई तो उसका विरोध करने वाला व्यक्ति ने आसिफ मलिक था। यासीन मलिक को मकबूल भट्ट के सबसे करीबी लोगों में गिना जाता था और उसने इसके लिए जम्मू-कश्मीर में आंदोलन भी किया था, जिसके कारण उसे जेल में डाल दिया गया था। 1986 में उसके लिए आई हुई लड़ाई के बाद उसने कई युवाओं को मिलाकर स्टूडेंट लीग नाम की एक पार्टी बनाई थी।अशफाक वानी, जावेद मीर और अब्दुल हमीद शेख जैसे नाम भी जुड़े।
अशफाक वानी का नाम 1989 के दौरान उस वक्त देश भर ने जाना जब उसने गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण किया।
1986 में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार
1986 में जब राजीव गांधी की सरकार ने मोहम्मद शेख के सरकार को बर्खास्त किया तो उसके विरोध में यासीन मलिक ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव का प्रचार भी किया था। 1987 जम्मू कश्मीर के विधानसभा में यासीन मलिक ने खूब प्रचार किया और इसके अलावा उसने एक अलग से मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट का निर्माण भी किया था।
1988 में पीओके जाकर ली थी ट्रेनिंग – Yasin Malik Terrorisms Training
1988 में यासीन मलिक ने आतंक का रास्ता अपना लिया। पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर आतंकवादी ट्रेनिंग ली। 1989 में उसे JKLF का एरिया कमांडर बना दिया गया। बाद में उसने उसने अशफाक वानी, हामिद शेख और जावेद अहमद मीर नाम के तीन आतंकियों के साथ मिलकर ‘हाजी’ नाम का एक गुट भी बनाया।
यासीन मलिक का नाम उस समय चर्चा में आया जब उसने 1989 में तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैय सईद का अपहरण कर लिया गया। उसे छोड़ने के लिए भारत सरकार के सामने शर्त रखी गई थी 7 आतंकवादियों को छोड़ना होगा, मांगों को मानते हुए सरकार ने 7 आतंकवादियों को छोड़ दिया। जिसका उस समय भारत में जबरदस्त विरोध हुआ था। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
इसके बाद 1990 में यासीन मलिक ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर 4 एयरफोर्स ऑफिसर की हत्या की उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 4 साल बाद ही जमानत पर भी कर दिया गया। उसके बाद उसने घोषणा की है कि वह आप गांधीवाद के रास्ते पर चलेगा जिसके बाद पाकिस्तान ने उसकी फंडिंग रोक दी और उसे JKLF अध्यक्ष पद से हटा दिया।

2007 में मनमोहन सिंह के साथ बैठक किया – Yasin Malik with PM Manmohan Singh Photo
2007 में यासीन मलिक ने दिल्ली में मनमोहन सिंह के साथ मीटिंग की थी और उनके साथ उनका एक फोटो भी बहुत तेजी के साथ वायरल हुआ था। उसने सफर ए आजादी के नाम से एक अभियान चलाया था और उसने भारत के खिलाफ कई देशों में जाकर देश विरोधी भाषण भी दिए थे। 2013 में उसे लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद के एक तस्वीर में देखा गया था।

2017 में टेरर फंडिंग में उसे उम्र कैद की सजा दी गई – The Terror Funding Case Yasin Mailk
2017 में यासीन मलिक के ऊपर Terror Funding में मुकदमा दर्ज किया गया उसके ऊपर आरोप लगाया गया कि उसने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से पैसे लिए हैं। उसके बाद उसके खिलाफ 2017 से दिल्ली के स्पेशल कोर्ट में केस चल रहा था जिसका फैसला 25 मई 2022 को सुना गया जिसमें यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में यासीन मलिक के लाखों करोड़ों रुपए के संपत्तियों को जब्त कर लिया गया।

UAPA के तहत यासीन मलिक को कितनी सजा हुई – Yasin Malik sentenced to life imprisonment
- धारा 3: के अंतर्गत यासीन मलिक को पांच साल जेल और पांच हजार रुपये का जुर्माना या फिर तीन महीने की अतिरिक्त कैद
- धारा 15 के अनुरूप यासीन मलिक को 10 साल की जेल और 10 हजार का जुर्माना –
- धारा-17 और 18 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना और साजिश रचना) : 10 साल की जेल और 10 हजार का जुर्माना
- धारा-20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना): 10 साल की जेल और 10 हजार का जुर्माना
- धारा-38 व 39 : पांच साल की जेल व पांच हजार का जुर्माना
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आईपीसी के अनुरूप यासीन मलिक को कितनी सजा हुई है – Terrorist Yasin Malik’s Punishments And Fines
- Section-120 B देश के अंदर अपराधिक साजिश रचने का आरोप के कारण 10 साल कारावास और 10 हजार का जुर्माना
- Section 121 देश के अंदर गृह युद्ध जैसे हालात बनाने के आरोप में १० साल की जेल व १० हजार का जुर्माना
- धारा 121 A के तहत उसे अपराधिक साजिश रचने के आरोप में 10 साल की सजा
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सवाल जवाब (FAQ)
यासीन मलिक (जन्म 3 अप्रैल 1966) एक कश्मीरी अलगाववादी नेता और पूर्व आतंकवादी हैं, जो भारत और पाकिस्तान दोनों से कश्मीर को अलग करने की वकालत करते हैं।
वह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष हैं, जिसने मूल रूप से कश्मीर घाटी में सशस्त्र उग्रवाद का नेतृत्व किया था।
मलिक ने 1994 में हिंसा को त्याग दिया और कश्मीर संघर्ष के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीके अपनाए।
मई 2022 में, मलिक ने आपराधिक साजिश और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों में दोषी ठहराया, और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
यासीन मालिक पर एक से ज्यादा मामले है , जैसे के जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाना, Terror Funding , 1989 मेंतत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैय सईद का अपहरण, 1990 में 4 एयरफोर्स ऑफिसर की हत्या इसके इलावा भी ढेरो cases चल रहे है।
2009 में यासीन मालिक ने पाकिस्तानी कलाकार लड़की मुशाल हुसैन मुलिक से शादी की है।अब इनकी एक बेटी रज़ियाह सुल्ताना भी है।
यासीन मलिक अपनी पत्नी से उम्र में 20 साल बड़े है।
उसके बाद उसके खिलाफ 2017 से दिल्ली के स्पेशल कोर्ट में केस चल रहा था जिसका फैसला 25 मई 2022 को सुना गया जिसमें यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में यासीन मलिक के लाखों करोड़ों रुपए के संपत्तियों को जब्त कर लिया गया।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Yasin Malik kaun hai ? Yasin malik को किस केस में सजा हुई है? Terror Funding Case Yasin Malik , yasin malik wikipedia in hindi ,The Terror Funding Case Yasin Mailk , Yasin malik को किस किस UAPA Act and IPC के किस sections के अंतर्गत सजा हुई है ? Yasin Malik Biography in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसके इलावा अगर पका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे Social media पर फॉलो करे। धन्यावाद।
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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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