हेलो दोस्तों , भारत एक आजाद देश है । यह पर सभी को रहने की इजाजत है । पर देश में Transgender की प्रति सोच ने उनको दुसरो जितना सन्मान नहीं मिल पाता। पर क्या आप जानते है के Transgender को भी देश में पूर्ण अधिकार देने के लिए THE TRANSGENDER PERSONS (PROTECTION OF RIGHTS) ACT, 2019 पास किया है । पर अभी भी बहुत से लोग इस कानून के बारे में नहीं जानते । यहां तक के जिसने लिए यह कानून बना है वही इसके बारे में नहीं जानते के Transgender Protection Rights Act 2019 kya hai ? तोThe Transgender Persons rights Bill 2019 in hindi में जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े । Kinner Rights Bill in Hindi
ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति है, जो अपने जन्म से निर्धारित लिंग के विपरीत लिंगी की तरह जीवन बिताता है।यह कुदरती होता है । जिसमे किसी का कोई दोष नहीं होता ।
जब किसी व्यक्ति के जननांगों और मस्तिष्क का विकास उसके जन्म से निर्धारित लिंग के अनुरूप नहीं होता है तब महिला यह महसूस करने लगती है कि वह पुरुष है और पुरुष यह महसूस करने लगता है कि वह महिला है।
भारत ने परंपरागत रूप से तीसरे लिंग की आबादी को मान्यता दी है, जिसे समाज द्वारा न तो पुरुष माना जाता है और न ही महिला। ऐसे व्यक्तियों को हिजड़ा या वैकल्पिक रूप से हिजादास के रूप में जाना जाता है
ट्रांसजेंडर ( Transgender)
देश में Transgernder को रहने और अपना जीवन बातीत करने की पहले से ही आज़ाद थे । पर उसको अभी भी देश में बहुत जगह भेद भाव का सामना करना पड़ता है । Transgender Rights Bill in Hindi
सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री थावरचंद गहलौत ने 19 जुलाई, 2019 को लोकसभा में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2019 पेश किया। इस Transgender protection Bill पर चर्चा करने के बाद 5 अगस्त 2019 पास कर दिया था । बाद में 26 नवम्बर 2019 को ही THE TRANSGENDER PERSONS (PROTECTION OF RIGHTS) Bill को राजय सभा में पेश किया , जिसको यह पर भी पास कर दिया । Transgender Persons Protection Rights bill का उद्देश्य ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करके उन्हें मान्यता प्रदान करना और उनके लिए कल्याणकारी प्रावधान करना है। Hijra Protection and Rights Bill in Hindi
देश में Transgender को सभी मौलिक अधिकार देने के लिए Transgender protection Bill 2019 पास किया था । यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा, सामान, सुविधा, जनता के लिए उपलब्ध अवसर, आंदोलन का अधिकार, संपत्ति को खरीदने या किराए पर लेने का अधिकार, सार्वजनिक या निजी पद पाने के अवसर, सरकारी या निजी संस्थाओं की ट्रांसजेंडर द्वारा देखभाल शामिल है। The Transgender Persons rights Bill 2019 in hindi
THE TRANSGENDER PERSONS (PROTECTION OF RIGHTS) Bill 2019 देश के किन्नर , हिजड़े , ट्रांसजेंडर लोगो को सन्मान सहित जीने का अधिकार देता है । इस The Transgender Persons rights Bill 2019 in hindi के क्या क्या benefits है Transgender के लिए :-
बिल ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, जिसमें निम्नलिखित के संबंध में अनुचित सेवा या उपचार प्रदान करने से इनकार करना शामिल है: –
प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपने परिवार में रहने और एकीकृत होने का अधिकार है। यदि किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति का करीबी परिवार उनकी देखभाल नहीं कर सकता है, तो इस व्यक्ति को अदालत के आदेश के बाद पुनर्वास केंद्र भेजा जा सकता है।
कोई भी सरकारी या निजी संगठन किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के साथ रोजगार से संबंधित मामलों में भेदभाव नहीं कर सकता है, जैसे कि भर्ती, पदोन्नति, आदि। यदि संगठन 100 से अधिक लोगों को रोजगार देता है, तो कानून के तहत प्राप्त शिकायतों से निपटने के लिए एक शिकायत क्षतिपूर्ति अधिकारी नियुक्त करने की अपेक्षा की जाती है।
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त या वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों को बिना किसी भेदभाव के ट्रांसजेंडर लोगों के लिए व्यापक शैक्षिक, खेल और मनोरंजक सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
सरकार ट्रांसजेंडर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाएगी, जिसमें अलग एचआईवी निगरानी केंद्र, लिंग पुनर्मूल्यांकन संचालन आदि शामिल हैं। सरकार ट्रांसजेंडर लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए चिकित्सा दृष्टिकोण की समीक्षा करेगी और उन्हें व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजनाएं प्रदान करेगी।
एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान के प्रमाणीकरण के लिए काउंटी जज के पास आवेदन कर सकता है। संशोधित प्रमाण पत्र केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है जब व्यक्ति ने पुरुष या महिला के रूप में अपना लिंग बदलने के लिए सर्जरी करवाई हो।
बिल में कहा गया है कि संबंधित सरकार समाज में ट्रांसजेंडर लोगों के पूर्ण समावेश और भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए उपाय करेगी। यह ट्रांसजेंडर लोगों के बचाव, पुनर्वास, व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वतंत्र रोजगार के लिए कदम उठाएगी, ट्रांसजेंडर लोगों के बारे में जागरूकता योजना तैयार करेगी और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देगी।
बिल निम्नलिखित को अपराधों के रूप में मान्यता देता है: (1) ट्रांसजेंडर लोगों से भीख मांगना या जबरन मजदूरी करने के लिए मजबूर करना (सार्वजनिक उद्देश्य के लिए अनिवार्य सरकारी सेवा शामिल नहीं है), (2) उन्हें सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच प्रदान करना। उपभोग के लिए, (iii) उन्हें घर, गाँव आदि में रहने से रोकना, और (iv) उन्हें शारीरिक, यौन, मौखिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से परेशान करना। इन अपराधों के लिए छह महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
ट्रांसजेंडर्स की हालत बहुत ही खराब है सामाजिक कार्यकर्ता एवं जन संगठन के समन्यवक विमल भाई का कहना है कि सिर्फ कानून से कुछ नहीं होगा। देश में छोटी बच्चियां तक सुरक्षित नहीं है। ट्रांसजेंडर की हालत उससे भी खराब है। पुलिस उनकी 2 शिकायत तक दर्ज नहीं करती, बल्कि उल्टे उन्हें प्रताड़ित करती है। समाज की ट्रांसजेंडर के प्रति सोच बदलने की जरूरत है।
अगर कोई Transgender के साथ निचे दिए कोई भी गलत विवहार या धक्का करता है तो उसको सजा का प्रबधन है :-
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों से दुर्व्यवहार या किसी भी तरह के भेदभाव या उनके अधिकारों का हनन करने वाले को छह महीने से 2 साल तक की सजा का प्रावधान भी है।अगर कोई ऊपर बताए गए अपराध में शामिल होता है , जिसमे Transgender rights की उलंघना होता हो तो उसको यह 6 महीने से 2 वर्ष की सजा तक दी जा सकती है ।The Transgender Persons rights Bill 2019 in hindi निचे दिए पीडीऍफ़ में यह आप पढ़ सकते हो।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम 2019 ट्रांसजेंडर समुदाय को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार प्रदान करने और भेदभाव को रोकने के लिए प्रभावी है। लेकिन ज्यादातर ट्रांसजेंडर लोग इस कानून से परिचित नहीं हैं। एनसीआरबी की सितंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कानून बनने के बाद से 2020 में इस कानून के तहत सिर्फ एक शिकायत दर्ज की गई है। यह देखते हुए कि जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, देश में 4 लाख 87 हजार 803 ट्रांसजेंडर लोग हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1 लाख 37,465 ट्रांसजेंडर हैं। अधिकारों की रक्षा करने वाले इस कानून के ज्ञान की कमी के कारण, ट्रांसजेंडर समुदाय कानूनी सहायता प्राप्त नहीं कर सकता है। केंद्र ने 3 दिसंबर, 2019 को ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 पारित किया। इसमें ट्रांसजेंडर लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत प्रणाली प्रदान करने के प्रावधान शामिल थे। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कानून के तहत सार्वजनिक संपत्ति, सुविधाओं और अवसरों तक समान पहुंच का अधिकार है। उन्हें वही अधिकार है जो दूसरों को स्थानांतरित करने, रहने, घर किराए पर लेने, संपत्ति खरीदने या संपत्ति में हिस्सा लेने का है। उन्हें सरकारी या निजी कार्यालयों में भी काम करने के समान अवसर मिलते हैं। ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ दुराचार या किसी भी तरह के भेदभाव या उनके अधिकारों के उल्लंघन के लिए छह महीने से दो साल की सजा भी है।
ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति है, जो अपने जन्म से निर्धारित लिंग के विपरीत लिंगी की तरह जीवन बिताता है।जब किसी व्यक्ति के जननांगों और मस्तिष्क का विकास उसके जन्म से निर्धारित लिंग के अनुरूप नहीं होता है तब महिला यह महसूस करने लगती है कि वह पुरुष है और पुरुष यह महसूस करने लगता है कि वह महिला है।
ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग की आबादी के रूप में मान्यता दी है, जिसे समाज द्वारा न तो पुरुष माना जाता है और न ही महिला। ऐसे व्यक्तियों को हिजड़ा या वैकल्पिक रूप से हिजादास के रूप में जाना जाता है
सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री थावरचंद गहलौत
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलौत ने 19 जुलाई 2019 को लोकसभा में ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 पेश किया। ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन बिल (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल 2019 को चर्चा करने के बाद 5 अगस्त 2019 पास कर दिया था । बाद में 26 नवम्बर 2019 को ही राजय सभा में पास कर दिया ।
शिक्षा
रोजगार
स्वास्थ्य देखभाल
सार्वजनिक पहुंच और उत्पादों का आनंद , स्तर पर उपलब्ध सुविधाएं और अवसर
घूमने-फिरने का अधिकार
किसी भी संपत्ति में निवास करने, किराए पर लेने, स्वामित्व या कब्जा लेने का अधिकार
सार्वजनिक या निजी कार्यालय रखने का अवसर
ट्रांसजेंडर व्यक्ति द्वारा संचालित या पर्यवेक्षित किसी भी सार्वजनिक या निजी संस्थान तक पहुंच।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ दुराचार या किसी भी तरह के भेदभाव या उनके अधिकारों के उल्लंघन के लिए छह महीने से दो साल की सजा भी है।
जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, देश में 4 लाख 87 हजार 803 ट्रांसजेंडर लोग हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1 लाख 37,465 ट्रांसजेंडर हैं।
हाँ , Transgender Act 2019 यह अधिकार देता है । के सरकारी और Private job के लिए किसी Transgender के साथ भेद भाव नहीं किया जा सकता ।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Kinnar Rights in india या Transgender Protection Rights of India के बारे में जानकारी मिल गया है । इस आर्टिकल में आपको Transgender Protection Rights Act 2019 in hindi में जानकारी दी गयी है । हमने यहां पर Transgender Problems के बारे भी चर्चा की है ।Transgender rights kya kya है ? Transgender Protection Rights Bill Punishment क्या क्या है ? कृपया ट्रांसजेंडर को सन्मान की नजर से देखे यह हमारे समाज का एक हिस्सा है। आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे ।
धन्यवाद ।
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