राजा सुलैमान के सामने दो महिलाओं को लाया गया था। इन दोनों महिलाओं का एक ही बच्चे पर झगड़ा हुआ था। प्रत्येक महिला कह रही थी कि वह बच्चे की मां थी।
एक महिला ने कहा, “ओह किंग! मैं बच्चे की मां हूं”।
दूसरी महिला ने कहा, “हे राजा! उसका विश्वास करो कि वह माँ नहीं है। मैं बच्चे की माँ हूँ”।
राजा सुलैमान उलझन में था। एक गहन विचार के बाद उन्होंने कहा, “बच्चे को दो हिसो में काटें और प्रत्येक माँ को एक हिस्सा दें”। एक महिला चुप थी। दूसरा महिला रोने लगी “ओह राजा! उसे बच्चा को छोड़ दो। बच्चे को जीवित रहने दो”। राजा ने रोती हुई माँ को बच्चा दिया।
कहानी का सार:-
सत्य की हमेशा जीत होती है ।

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
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