क्या है इस पोस्ट में ?
Umar kaid kya hota Hai | क्या है उम्रकैद का मतलब? उम्रकैद में कितने साल की होती है सजा? उम्रकैद और आजीवन कारावास में क्या अंतर है? उमर कैद Umar Kaid Meaning Hindi Matlab Kya Hai Arth
हेलो दोस्तों, भारतीय संविधान में अगर कोई भी व्यक्ति गंभीर अपराध करता है। तो उसे या तो फांसी की सजा होती है या उम्रकैद की क्योंकि फांसी और उम्र कैद की सजा के बीच में सिर्फ एक चीज का फर्क है। कि फांसी में व्यक्ति की मौत हो जाती है और उम्र कैद में व्यक्ति आजीवन जेल के अंदर आता है जब तक उसकी सांस चल रही है।
तब तक ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर में उम्र कैद क्या होता है? उम्रकैद किन किन अपराधों में होता है? उम्र कैद पाने वाले व्यक्ति कितनी साल तक जेल में जाता है? क्या उम्र कैद वाले व्यक्ति की सजा माफ की जा सकती। ऐसे तमाम सवाल आपके मन में अभी आ रहे होंगे अगर आप इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े आइए जाने :-
Umar kaid kya hota Hai
उमर कैद का मतलब होता है कि आजीवन कारावास यानी अगर कोई भी व्यक्ति को कोर्ट उम्र कैद की सजा सुनाता है। तो इसका मतलब यह है कि उसे पूरे जीवन जेल के अंदर ही व्यतीत करना होगा जब तक उसकी मौत नहीं हो जाती है।

Umar kaid की सजा किन किन अपराधों में दी जाती है
उम्र कैद की सजा सभी अपराधी को दी जाती है जब उसने कोई ऐसा गंभीर या घृणित अपराध किया है। जो खुद की नजर में माफ करने के योग्य नहीं है ऐसे में कोर्ट उस अपराधी को उम्रकैद या फांसी की सजा सुना सकता है।
Google App ka Naam kya hai | Famous Google App List and Work
यह कोर्ट के ऊपर निर्भर करता है कि कोर्ट से फांसी की सजा देगा या उम्रकैद की। ऐसा हाल के दिनों में अधिक देखा गया है कि अगर किसी महिला ने कोई गंभीर अपराध किया है तो कोर्ट उसे फांसी देने के बजाय उम्र कैद की सजा देता है। इसलिए या कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है कि कोर्ट किसी व्यक्ति के किए गए अपराध को कितना गंभीर या जगन मानता है। उसके अनुसार वह अपराधी को सजा प्रदान करता है। व्यक्ति को उम्र कैद की सजा भारतीय संविधान में वर्णित PIC Section 57 के तहत मुजरिम को दिया जाता है।
Bike chori hone par kya kre ? Bike chori complaint FIR and insurance claim
Umar kaid की सजा देने का कोर्ट का उद्देश्य क्या है
दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति गंभीर अपराध करता है।कोर्ट उसे कठोर से कठोर सजा अगर ना दे तो उस व्यक्ति का मनोबल बढ़ सकता है। जिसके फलस्वरूप वह जब दोबारा जेल से छूटेगा तो आप फिर समाज में ऐसी कोई ना कोई अपराधिक गतिविधियां करेगा I
जिससे दूसरे व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है या उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है। क्योंकि इस प्रकार के लोग समाज के लिए काफी खतरनाक होते हैं। ऐसे में कोर्ट चाहता है कि ऐसे खतरनाक लोग जो समाज के लिए घातक है उन्हें जेल की चारदीवारी में बंद रखना ही समाज के लिए और देश के लिए अच्छा है।
उम्र कैद सजा काटने वाले अपराधी 14 से 20 साल में जेल से रिहा हो जाते हैं ऐसा क्यों
आप लोगों ने कई बार देखा होगा कि कई व्यक्ति जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे, लेकिन उन्हें जेल प्रशासन की तरफ से 14 से 20 सालों के अंदर जेल से छोड़ दिया गया ऐसा क्यों होता है? तो मैं आपको बता दूं कि जब भी किसी व्यक्ति को उम्र कैद की सजा होती है तो उसका मतलब सीधा सा होता है कि वह व्यक्ति जिंदगी भर जेल में रहेगा। क्योंकि इस प्रकार के बातों की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई बार किया है , लेकिन मैं आपको बता दूं कि राज्य सरकार के पास संविधान के दिए गए विशेष अधिकार है। जिसका इस्तेमाल कर करवा किसी भी उम्र कैद की सजा काटने वाले कैदी की सजा को कम करवा सकता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 55 और 57 में सरकारों को सजा को कम करने अधिकार दिया गया है।

राष्ट्रपति और राज्यपाल उम्र कैद वाले अपराधी की सजा माफ कर सकता है?
अगर किसी व्यक्ति को उम्र कैद की सजा हो गई है तो उस व्यक्ति की सजा को राष्ट्रपति और राज्यपाल कम कर सकते हैं। क्योंकि भारतीय संविधान आर्टिकल 72 राष्ट्रपति को विशेष अधिकार देता है I वह किसी भी उम्र कैद की सजा काटने वाले अपराधिक की सजा को कम कर सकें। इसके अलावा आर्टिकल 161 में राज्यपाल को अधिकार है कि वह उम्र कैद की सजा काटने वाले अपराधी की सजा को कम कर सके।
रेरा एक्ट के अंतर्गत बिल्डर के खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज करे ? Rera me complaint kaise kare
उम्र कैद की सजा काटने वाले अपराधी की रिहाई समय से पूर्व किन शर्तों पर होगी –
आजीवन कारावास की सजा काटने वाले अपराधियों का जेल में अगर अच्छा व्यवहार होगा तो संबंधित अधिकारी के अपराधी बारे में एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे राज्यपाल के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। फिर राज्यपाल के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर विचार करेगा और अगर राज्यपाल को लगता है कि इस अपराधी की उम्र कैद की सजा माफ की जाए तो वह संविधान के दिए गए अनुच्छेद 161 का उपयोग कर सकता है । उम्र कैद की सजा काटने वाले अपराधी की सजा को माफ कर सकता है।
उम्र कैद की सजा काटने वाले अपराधियों को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है
उम्र कैद की सजा पाने वाले अपराधियों को पैरोल पर छोड़ा जा सकता है। यह कुल मिलाकर न्यायालय के ऊपर निर्भर करता है कि वह उम्र कैद की सजा पाने वाले अपराधी को पैरोल पर रिहा करेगा। हाल के दिनों में जब पंजाब में विधानसभा के चुनाव थे तब राम रहीम को पैरोल पर 15 दिनों के लिए रिहा किया गया था राम रहीम जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।
फांसी देने का तरीका,कहाँ,कब दी जाती है | india me fansi dene ka tarika in hindi
सवाल जवाब (FAQ)
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो कोई किसी व्यक्ति को मारता है, उसे मृत्यु या आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी होता है। यह एक अपराध है जो जमानत के अधीन नहीं है, मान्यता प्राप्त है और मौजूदा अदालत द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है।
जेल में बंद कैदियों पर मुकदमा चलाने और उन्हें दोषी ठहराने के लिए छात्रवृत्ति दो तरह से प्रदान की जाती है। पैरोल I और II। एक कैदी को उसकी सजा के एक साल बाद तक पैरोल नहीं दी जाती है। तीन साल की सजा पूरी होने के बाद ही लाइसेंस दिया जाता है।
उम्रकैद और आजीवन कारावास एक ही हैं, इनमें कोई अंतर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2012 के फैसले में स्पष्ट किया कि उम्रकैद या आजीवन कारावास का अर्थ है आजीवन कारावास और कुछ नहीं।
यह नहीं। आपको गलत जानकारी मिली है। एक दिन केवल 24 घंटे का होता है।
आजीवन कारावास का अर्थ है अपराधी का पूरा जीवन जेल में बिताना। सभी मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा की व्याख्या की इसके अनुसार उम्र कैद की सजा पाने वाले व्यक्ति को कम से कम 14 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा काटनी होगी।
निष्कर्ष
हम आशा केते है के इस आर्टिकल से आपको उम्रकैद क्या है ? Umar kaid kya hota Hai और किसको दी जाती है ? उम्रकैद वाले कैदी को कब रिहा किया जाता है । क्या उम्रकैद वाले कैदी को सजा से पहले रिहा किया जा सकता है ? Umarkaid वाले कैदी को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है? आदि सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा । अगर आपका कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है । धन्यावाद।
यह भी पढ़े :-
- ऑफिस में छेड़छाड़,अश्लील हरकते अपराध है | women harassment complaint kaise kre
- Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi | जल्दी आमिर बंनने के चक्कर में पैसा मत डूबा लेना
- पुलिस FIR के लिए मना करे तो ऊपर शिकायत करे ? Police FIR Na Likhe To Kya Kare [Section 156 (3)]
- second marriage after divorce kitne din me hota hai | तलाक के बाद दूसरा विवाह कैसे , कब किया जा सकता है
- Bike chori hone par kya kre ? Bike chori complaint FIR and insurance claim
- अपनी बात डायरेक्ट राष्ट्रपति तक पहुंचाए। Rashtarpti ko complaint kaise kare

सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
धन्यवाद। About Us