इस साल दिवाली के अगले दिन यानी 25 तारीख को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. वैसे तो हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी.

प्रदोष काल में दीपावली

25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक होगा. इस बार दीपावली 24 अक्टूबर, सोमवार को प्रदोष काल में मनाई जाएगी.

2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण अमावस्या पर लगता है. 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण और भारत में दिखाई देने वाला पहला सूर्य ग्रहण होगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगा था.

सूर्य ग्रहण समय

सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा, जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में खत्म होगा.  भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा.

सूर्य ग्रहण समय

सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा, जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में खत्म होगा.  भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा.

कब लगेगा सूतक काल?

हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण अपराह्न 4 बजे के बाद दिखाई देगा. इसलिए भारत में इसका सूतक काल भोर में सुबह 4 बजे के बाद मान्य होगा. इसलिए गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की अपेक्षा 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा और भईया दूज 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण

इसी प्रकार, साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, मंगलवार को लगेगा. चंद्र ग्रहण सामान्यतः तब लगता है जब पूर्णिमा को सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. जब पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती है, तब चंद्रग्रहण लगता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणें चन्द्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं और चन्द्रमा पर अंधकार छा जाता है.

देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण

भारतीय समय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक लगेगा. इसका प्रभाव दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखने को मिलेगा. यह चन्द्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए भारत में इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा.