क्या है इस पोस्ट में ?
Z सिक्योरिटी क्या है? | जेड श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है | ‘Z’ category security | Z Security kya hoti hai | जेड सिक्योरिटी कैसे मिलती है | जेड सिक्योरिटी पर कितना खर्चा होता है ? जेड और जेड प्लस सिक्योरिटी में क्या अंतर् है
हेलो दोस्तों, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और देश के अंदर अपने विचार रखने का हक भारत के प्रत्येक नागरिक को है। ऐसे में भारत में रहने वाले कुछ भी आई पी और बड़े राजनेता आए दिन कोई न कोई ऐसा बयान देते हैं जो कुछ लोगों को खराब लग सकता है। ऐसे में कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिलती है। इसके अलावा कोई सांसद जब चुनाव प्रचार करने के लिए किसी दूसरे राज्य में जाता है तो अचानक से उसके काफिले पर हमला हो जाता है। इस बात के कई उदाहरण है जैसे जब बंगाल में विधानसभा के चुनाव हो रहे थे तो उस समय बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप घोष के गाड़ी के ऊपर अचानक से हमला हो गया और काफी तोड़ भांग भी हुई। हालांकि उसमले में उनको किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ इसके बाद सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी। अब आप लोगों के मन में सवाल जरूर आएगा कि आखिर में जेड श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है और वह किन लोगों दी जाती है अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आगे तक पढ़े।
इस सुरक्षा स्तर में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 4-5कमांडर भी होते हैं। दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है। सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल है। कमांडो मशीनगनों और संचार के आधुनिक साधनों से लैस रहते हैं। इसके अलावा उन्हें मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है। इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है।
जेड श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है | Z Security kya hoti hai
जेड श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है – Z Security kya hoti hai
जेड सिक्योरिटी भारत का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर का सुरक्षा कवच होता है। जिसके द्वारा भारत के वीआईपी और राजनेता इसके अलावा जो भारत के मशहूर अभिनेता और सेलिब्रिटी स्टार होते हैं जिनके जान को खतरा होता है। उनको इस प्रकार की सिक्योरिटी सरकार के द्वारा मुहैया करवाई जाती है, ताकि उनके जान को अगर किसी प्रकार का खतरा हो तो उसे टाला जा सके। इस प्रकार की सुरक्षा में 55 जवान तैनात होते हैं जिसके अंतर्गत 5 NSG (National Security Guards) और और दिल्ली और लोकल पुलिस भी इसमें शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस और सीआरपीए के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते है। इसके अलावा इस प्रकार के सुरक्षा के कैटेगरी में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाले SPG कमांडो कौन है | SPG Commando kya hai
Z security सुरक्षा कैसे करती है – How does Z security protect
जब किसी व्यक्ति को जेड सुरक्षा दी जाती है तब व्यक्ति अगर कहीं भी जाता है तो उसके साथ सभी सुरक्षा बल घेरा बनाकर जाएंगे और चारों ओर सुरक्षित घेरा बनाते हैं। ताकि उस घेरा में में कोई अनजान व्यक्ति प्रवेश ना कर सके इसके अलावा अगर खतरे की स्थिति आती है तो कमांडो संभावित खतरे को भाप का जवाबी कार्रवाई करने के लिए हमेशा रेडी रहते हैं। इस प्रकार के सिक्योरिटी में व्यक्ति की जान काफी सुरक्षित होती है I
जेड सिक्योरिटी कैसे मिलती है – How to get z security
जेड सिक्योरिटी लेने के लिए व्यक्ति को गृह मंत्रालय के पास आवेदन करना पड़ता है। उसके बाद गृह मंत्रालय के अधिकारी आपके द्वारा भेजे गए आवेदन पत्र का वेरिफिकेशन करेंगे कि आपको किस प्रकार का खतरा है और खतरे के आधार पर ही इस बात का ध्यान होगा कि आपको जेड सिक्योरिटी दी जाएगी या नहीं।

जेड सिक्योरिटी किन किन लोगों को दी जाती है – Who is eligible for Z Security
जेड सिक्योरिटी देश के प्रतिष्ठित सांसद और विधायक और मशहूर सेलिब्रिटी स्टार को दिया जाता है अगर उसकी जान को खतरा है। कई बार ऐसा होता है कि कोई विधायक या सांसद किसी राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिए जा रहा है तो उसके ऊपर अचानक से हमला हो जाता है। ऐसे तो प्रत्येक विधायक और सांसद के पर्सनल अंगरक्षक होते हैं फिर भी अगर उसकी जान को खतरा है तो वह केंद्र सरकार से जेड सिक्योरिटी मांग सकता है।
Z+ security किन लोगो को दी जाती है | Z Plus security kya hoti hai
जेड सिक्योरिटी का गठन कब हुआ
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ उसके बाद भारत में अनेकों प्रकार के फोर्स का गठन हुआ लेकिन जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोली मारकर उनके ही रक्षकों ने हत्या कर दी तब सरकार ने 15 अक्टूबर 1985 को किसका गठन किया गया आज की तारीख में कई लोगों को इस प्रकार की सुरक्षा भारत में दी जा रही है।

जेड सिक्योरिटी में तैनात अधिकारियों के पास क्या हथियार होते हैं – Z Security Force’s Weapons
जेड सिक्योरिटी में जो अधिकारी शामिल होते हैं उनके पास निम्नलिखित प्रकार के हथियार होते हैं जिसका विवरण में आपको नीचे बिंदु अनुसार दूंगा जो इस प्रकार है
- German Heckler & Koch MP5
- submachine guns,
- Koch PSg1 sniper rifles,
- Austrian Glock-17 pistols
- Swiss SIG SG 551 assault rifles
- हाई ग्रेड बुलेट प्रूफ वेस्ट जैकेट जिसका वजन 2. 2 किलोग्राम का होता है।
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जेड सिक्योरिटी की भारत में कीमत – Z Security Cost in India
जेड सिक्योरिटी काफी महंगी होती है सरकार को साल में अरबों रुपए का खर्च करना होता है, तब जाकर इस प्रकार के सिक्योरिटी बड़े-बड़े राजनेता और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को मिल पाता है।
Z Security उन अमूल्य सुरक्षा सेवाओं में से एक है। क्योंकि इसमें सैनिक आपके लिए अपनी जान दे सकते हैं। लेकिन अगर कोई इस सिक्योरिटी का दावा करता है तो उसे इस सिक्योरिटी के लिए 15-25 लाख रुपये प्रतिमाह चुकाने पड़ सकते हैं। इसमें जेड सिक्योरिटी पर कितना खर्च आएगा, यह जवानों की संख्या और पर निर्भर करता है।
जेड सिक्योरिटी की खासियत – Z Security Features
जेड सिक्योरिटी के बाद जेड सिक्योरिटी को सुरक्षा के लिहाज से काफी सुरक्षित माना जाता है। इस प्रकार के सुरक्षा कवच में कोई भी व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित महसूस करेगा। कोई भी व्यक्ति जिसे जेड सिक्योरिटी प्राप्त है उसके ऊपर कोई भी व्यक्ति हमला नहीं कर सकता है और अगर वो ऐसा कोशिश करता है तो जेड सिक्योरिटी में तैनात कमांडो उसे चंद मिनटों के अंदर उसे मार गिराएंगे।
Z और Z+ सिक्योरिटी में क्या अंतर् है – Difference between Z and Z+ Security
Z+ Security | Z Security |
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यह देश की पहली सबसे बड़ी सुरक्षा केटेगरी है | यह देश की दूसरी सबसे बड़ी सुरक्षा केटेगरी है |
Z+ श्रेणी 150 कर्मियों का सुरक्षा विवरण है, जिसमें 10+ NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल हैं। | Z कैटेगरी में 4-6 NSG कमांडो और पुलिस कर्मियों समेत 55 जवान होते है |
5+ bulletproof vehicles | 1 bulletproof vehicle |
20 Lac / month खर्चा | 16 Lac / month खर्चा |
सवाल जवाब (FAQ)
Z Security देश के नेता लोग , बड़े बिज़नेस मैन, बॉलीवुड सितारे और अगर किसी अन्य की जान को खतरा है, जिसे मरने की धमकी मिली हो उनको मिलती है।
Z Security me में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 4-5कमांडर भी होते हैं। दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है। सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल है।
15-25 लाख रुपये प्रतिमाह
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से बड़े बड़े नेता लोगो और बड़े बड़े बिज़नेस मन लोगो को मिलने वाली Z Security kya hoti hai ? Z Security में कितने जवान होते है ? कितना खर्चा आता है ? कौन आवेदन कर सकता है Z Security लेने के लिए ? के बारे में पूरी जानकारी मिला होगा । अगर इसके इलावा आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर साकेत है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।
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